महिला मतदाता निर्णायक होंगी पिथौरागढ़ जनपद में
परिसीमन के बाद इस बार जनपद पिथौरागढ़ में एक सीट कम हुई है। कनालीछीना विधानसभा सीट के खत्म होने के बाद अब पाँच के बदले चार, पिथौरागढ़, डीडीहाट, गंगोलीहाट, धारचूला विधानसभा सीटें ही अस्तित्व में हैं। पिछले दो चुनावों को देखें तो कनालीछीना में 2002 के चुनाव में यूकेडी के काशी सिंह ऐरी विजयी रहे थे। धारचूला सीट में वर्ष 2002 और 2007 में गगन सिंह रजवार ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीता था। इन दो सीटों के अतिरिक्त जनपद में अब तक भाजपा और कांग्रेस का ही वर्चस्व बना रहा है। 2002 व 2007 में, दोनों बार पिथौरागढ़ विधानसभा सीट से बीजेपी के प्रकाश पंत व डीडीहाट विधानसभा क्षेत्र से बिशन सिंह चुफाल चुने गये। गंगोलीहाट विधानसभा सीट से वर्ष 2002 में कांगे्रस के नारायण राम आर्य तो 2007 में बीजेपी के जोगाराम टम्टा निर्वाचित हुए।
जनपद पिथौरागढ़ के चुनाव की उल्लेखनीय बात यह है कि यहाँ की चारों विधानसभा सीटों में महिलाएँ निर्णायक भूमिका में हैं। इस बार चार सीटों में से तीन सीटों पर पुरुष उम्मीदवारों ने ताल ठोकी है तो डीडीहाट सीट पर महिला प्रत्याशी मैदान में है। इस बार कांगे्रस ने डीडीहाट से रेवती जोशी को अपना उम्मीदवार बनाया है तो पिछली बार कनालीछीना विधानसभा सीट, जो अब अस्तित्व में नहीं है, से शांति भंडारी को मैदान में उतारा था। अब देखना यह होगा कि महिला प्रत्याशी के पक्ष में महिला मतदाताओं का ध्रुवीकरण होता है या नहीं। लेकिन जनपद की चारों विधानसभा सीटों में इस बार भी महिला मतदाता ही निर्णायक भूमिका में होंगे। पिछले विधानसभा चुनावों में जहाँ पिथौरागढ़ संसदीय सीट में कुल 81,061 मतदाता थे तो उसमें महिला मतदाताओं की संख्या 42913 थी तो वहीं पुरुष मतदाताओं की संख्या 38148 थी। गंगोलीहाट में कुल मतदाता 61,942 थी और इसमें से महिला मतदाताओं की संख्या 31,732 थी तो इसके मुकाबले पुरुष मतदाताओं की संख्या 30,210 थी। वहीं डीडीहाट में 62573 कुल मतदाताओं में से महिला मतदाताओं की संख्या 33,371 थी और पुरुषों की 29,202। कनालीछीना में 43,787 मतदाताओं में से महिला मतदाताओं की संख्या 23,975 थी तो पुरुष मतदाताओं की 19,812। धारचूला में कुल 53,727 मतदाताओं में 28,119 महिला मतदाता और 25,608 पुरुष मतदाता। इस बार मतदाताओं की संख्या में पहले के मुकाबले इजाफा हुआ है। अब यह निर्भर करता है उम्मीदवारों के ऊपर की वह किस तरह से मातृशक्ति को अपने पक्ष में खड़ा कर पायें।
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