यदि आप वोट न देना चाहें
यदि आप को लगता है कि चुनाव में खड़ा कोई भी उम्मीदवार ऐसा नहीं है, जिसके ऊपर विश्वास कर उसे जिताना चाहें तो आप ‘मत देने से इन्कार’ अधिकार का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस अधिकार के लिये आप जब वोट देने जायें तो वहाँ बैठे चुनाव अधिकारी से फार्म 49 ओ माँगें। इसे देने के लिये अधिकारी बाध्य है। आप उस फार्म में कुछ जरूरी सूचनायें देने के बाद अपने हस्ताक्षर कर सकते हैं या अंगूठे का निशान लगा सकते हैं। इसके बाद इस नियम के अंतर्गत आप का वोट शून्य हो जायेगा। 1961 में इस नियम को इसीलिये बनाया गया, ताकि मतदाता अपने मत का इस्तेमाल सही तरीके से कर सकें।
यदि वोट डालने के बाद आप अपना वोट रिकॉर्ड न करना चाहें तो नियम 17 ए के तहत अपना वोट निरस्त करवा सकते हैं। यदि आप वोट देने के लिये गये और अंत समय में जबकि वोटिंग मशीन चालू कर दी गयी हो, आप वोट न देना चाहें तो चुनाव अधिकारी अगले मतदाता को वोट देने के लिये भेज सकते हैं। यदि आप वोटिंग मशीन का बटन दबा चुके हैं और फिर अपने वोट न देने के अधिकार का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो चुनाव अधिकारी बैलेट को कंट्रोल यूनिट द्वारा ऑफ कर सकते हैं। इसके बाद उसे फिर से ऑन किया जायेगा, जिससे मशीन का ‘बिजी’ लैम्प बंद हो जायेगा और ‘क्लोज’ बटन फंक्शन में आ जायेगा। ‘क्लोज’ बटन को दबाने के बाद ही ‘रिजल्ट’ का बटन कार्य करेगा।
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