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Monday 13 February 2012

डाक विभाग का एकाधिकार खत्म करने की सिफारिश


Sunday, 12 February 2012 15:47
नई दिल्ली, 12 फरवरी (एजेंसी) डाक सुधार पर सुझाव देने के लिए गठित कार्यसमूह ने एकाधिकार समाप्त करने और इस क्षेत्र में काम करने वाली सभी फर्मों :: कुरियर सेवा इकाइयों :: के लिए काम के समान अवसर मुहैया कराने का प्रस्ताव किया है। कार्यसमूह ने कहा है , '' किसी भी कंपनी का एकाधिकार नहीं होना चाहिए और डाक क्षेत्र में सभी कंपनियों को काम करने के समान अवसर मुहैया कराए जा सकें। बाजार में किसी एक कंपनी का दबदबा हो सकता है लेकिन इस दबदबे का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए।''
उद्योग जगत भारतीय डाक विभाग के विभिन्न कायों को पृथक-पृथक किए जाने की मांग करता आ रहा है। वह विभाग के व्यावसायियक, निति नियंतात्मक और नियामकीय कार्यों को अलग अलग रखने के पक्ष में है जो अभी एक ही संस्था में निहित हैं। 
फिक्की के अतिरिक्त निदेशक राजपाल सिंह ने कहा ''पूरा विभाग एक साथ नीति निर्माता, नियामक और सेवा प्रदाता के तौर पर काम नहीं कर सकता। उम्मीद है इस विभाग की तीनों को शाखाओं को अलग-अलग करने की जरूरत है ताकि काम करने के समान अवसर पैदा किए जा सकें।''
फिलहाल इंडिया पोस्ट को छोड़कर कोई अन्य व्यक्ति देश में वाणिज्यिक तौर पर  किसी किस्म की चिट्ठी पहुंचाने का काम नहीं कर सकता।
इस क्षेत्र में नई कंपनियों को मान्यता प्रदान करने के लिए करीब 100 साल से अधिक पुराने 'भारतीय डाकघर अधिनियम' 1898 में संशोधन करने की जरूरत है।


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