Sunday, 05 February 2012 12:31 | ||
अमेठी, पांच फरवरी (एजेंसी) उत्तर प्रदेश की जातिवादी राजनीति को बदलकर विकासवादी बनाने का बीड़ा उठाने वाले अपने सांसद भाई राहुल गांधी से अमेठी और रायबरेली की 10 सीटों पर जीत दिलाने का वादा निभाने के मिशन पर निकली कांग्रेस की स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी की साख इस बार दांव पर है। अमेठी और रायबरेली संसदीय क्षेत्रों को आजादी के बाद से ही नेहरू-गांधी परिवार की राजनीतिक विरासत की थाती माना जाता है और इन दोनों क्षेत्रों में आने वाली 10 विधानसभा सीटों के परिणाम राहुल के 'मिशन-2012' की सफलता के लिहाज से ना सिर्फ महत्वपूर्ण हैं, बल्कि उनके नतीजे कांग्रेस महासचिव के सियासी कद को भी तय करेंगे। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि प्रियंका की भी साख दांव पर है। कांग्रेस आलाकमान को अमेठी और रायबरेली में आने वाले 10 विधानसभा क्षेत्रों में व्याप्त विषम राजनीतिक परिस्थितियों का बखूबी एहसास है। यही वजह है कि वह प्रियंका को अमेठी और रायबरेली पर ही ध्यान केन््िरदत करने को कह रहा है। कांग्रेस की व्यग्रता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रियंका जैसी स्टार प्रचारक को पांच दिन तक अमेठी में ही रहकर भावनात्मक अपील के जरिये मतदाताओं की नब्ज टटोलने और उन्हें झकझोरने का जिम्मा सौंपा गया है। खुद प्रियंका ने भी अपने अमेठी दौरे के पहले दिन शुक्रवार को स्वीकार किया कि उन्हें अमेठी तथा रायबरेली के 10 विधानसभा क्षेत्रों पर ही ध्यान देने को कहा गया है और सम्भवत: वह इन्हीं जिलों तक सीमित रहेंगी। अमेठी के आम मतदाताओं के जेहन में कहीं ना कहीं यह बात बैठी है कि प्रियंका सिर्फ चुनाव के वक्त ही क्षेत्र में आती हैं और उसके बाद वह यहां की जनता की सुध नहीं लेतीं। ऐसे में उनकी अपीलों पर कितना विश्वास किया जाए। प्रियंका को भी इस बात का एहसास है और वह कार्यकर्ताओं के साथ बैठकों तथा जनसभाओं में अपनी इस भूल को मान चुकी हैं। साथ ही इस बात का विश्वास भी दिला रही हैं कि अब उन्हें शिकायत का मौका नहीं मिलेगा। सपा और बसपा ने अमेठी तथा रायबरेली में कांग्रेस की जमीन खिसकाने के लिये खास किलेबंदी की है। कांग्रेस के लिये यह भी चिंता की बात है। अमेठी के चुनावी माहौल पर नजर डालें तो इस बार कांग्रेस को कड़ी चुनौती मिल रही है। वर्ष 2007 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जिले की पांच में से तीन अमेठी, जगदीशपुर और सलोन सीटों पर कामयाबी मिली थी,
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Sunday, 5 February 2012
अमेठी और रायबरेली में दांव पर प्रियंका की साख
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