Pages

Free counters!
FollowLike Share It

Friday 10 February 2012

मायावती के दलित तिलिस्म को तोड़ने के लिए ‘मिशन 85’




मायावती के दलित तिलिस्म को तोड़ने के लिए 'मिशन 85'

Friday, 10 February 2012 09:34
अंबरीश कुमार वाराणसी, 10 फरवरी। कांग्रेस मायावती के दलित तिलिस्म को तोड़ने में जुट गई है।
कांग्रेस ने 'मिशन 85' के जरिए उत्तर प्रदेश की आरक्षित सीटों के लिए विशेष रणनीति बनाई है। गुरुवार को पूर्वांचल में करीब आधा दर्जन आरक्षित सीटों का दौरा करने के बाद यह जानकारी सामने आई। उत्तर प्रदेश में कुल 85 सीटें आरक्षित हैं। इसी वजह से कांग्रेस ने अपनी रणनीति का नाम 'मिशन 85' रखा है। कांग्रेस का दावा है कि इनमें से वह आधी से ज्यादा सीटें जीत लेगी। 
कांग्रेस के चुनाव अभियान दल के नेता राज बब्बर और इस रणनीति के संचालक पीएल पूनिया ने लखनऊ से वाराणसी जाते समय यह जानकारी दी। बाद में इन दोनों नेताओं ने गुरुवार को पूर्वांचल की कुछ आरक्षित सीटों पर जाकर सभाएं भी कीं। इन आरक्षित सीटों के कुछ गांवों में इस संवाददाता ने कांग्रेस के 'मिशन 85' का जायजा भी लिया। पूनिया का दावा है कि पिछले लोकसभा चुनाव में इन 85 सीटों में से करीब 30 सीटों पर पार्टी ने बढ़त बनाई थी। इस लिहाज से कांग्रेस को इस चुनाव में सबसे ज्यादा बढ़त उन्हीं आरक्षित सीटों पर मिल सकती है।
कांग्रेस ने आरक्षित सीटों के लिए जो रणनीति बनाई है, उसके तहत दिल्ली में एक विशेष सेल बनाया गया है। इसमें कांग्रेस के नौजवान नेता लगातार उत्तर प्रदेश की आरक्षित सीटों का ताजा ब्योरा जुटा कर पीएल पूनिया को दे रहे हैं। हर आरक्षित सीट के लिए कांग्रेस ने बाहर के नौजवान नेताओं को क्षेत्र में समन्वयक के रूप में तैनात किया है। जैसे हरगांव विधानसभा सुरक्षित सीट के संयोजक शंकर छोकर हैं। वे युवक कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं। 
दूसरी तरफ बाराबंकी की हैदरगढ़ सुरक्षित सीट के समन्वयक पंचकुला के महापौर वरुण भंडारी हैं। बलरामपुर में जम्मू के पूर्व मंत्री मंजीत सिंह को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है, तो मछली शहर की आरक्षित सीट पर युवक कांग्रेस नेता योगिता मुरलीधरन समन्यवक हैं। इसी तरह सभी जगहों पर कांग्रेस के जुझारू युवा नेताओं को लगा कर मायावती के दलित दुर्ग में सेंध लागने की कवायद हो रही है।
कुल आरक्षित सीटों में से बसपा के पास 68 सीटें हैं। कांग्रेस पिछले लोकसभा चुनाव में इनमें से दो दर्जन से ज्यादा सीटों पर आगे रह चुकी है। मुबारकपुर विधानसभा क्षेत्र में नौजवान रमेश राजभर ने कहा- इस क्षेत्र में सपा, बसपा और कांग्रेस के

बीच मुकाबला होना है। कुछ जगहों पर भाजपा भी मुकाबले में है। लेकिन नौजवानों के एक तबके का झुकाव कांग्रेस की तरफ नजर आ रहा है। पिछली बार दलित बिरादरी के जिन लोगों ने मायावती को वोट दिया था। इस बार उनमें से एक हिस्सा कांग्रेस के समर्थन में जाता दिखाई दे रहा है। 
कांग्रेस सांसद पीएल पूनिया ने बताया- हमने मायावती के दलित वोट बैंक को बांट दिया है। चाहे जाटव हो या गैर जाटव, इनमें से एक तबका अब कांग्रेस के साथ खड़ा हो चुका है। इस तरह कांग्रेस ने सुरक्षित सीटों में से आधे टिकट जाटव और आधे गैर जाटव उम्मीदवारों को दे दिया है। कांग्रेस ने 85 विधानसभा सीटों में से बंटवारे के तहत छह सीटें राष्ट्रीय लोकदल को दी है। जबकि तीन सामान्य सीटों पर भी दलित उम्मीदवारों को खड़ा किया गया है। इस तरह कांग्रेस ने कुल 82 दलित उम्मीदवार उतारे हैं। अवध और पूर्वांचल में कांग्रेस को इन आरक्षित सीटों में से 20 से ज्यादा सीटें जीतने की उम्मीद है। 
पूर्वांचल में मोहम्मदाबाद गोहना की विधानसभा सीट आरक्षित है। गुरुवार को यहां हुई सभा में कांग्रेस नेता राज बब्बर ने कहा- आपके क्षेत्र में गरीबों और वंचितों को दवा नहीं मिलती है और उत्तर प्रदेश में हजारों करोड़ों दवाओं का घोटाला हो जाता है। बब्बर की पूरी कोशिश दलित बिरादरी को जागरूक कर यह बताने की थी कि मायावती सरकार ने दलितों का कोई भला नहीं किया है।
इसी विधानसभा क्षेत्र में मध्य प्रदेश के कांग्रेस नेता रमाशंकर शुक्ल को समन्वयक बनाया गया है। मऊ जिले के मोहम्मदाबाद गोहना के चिरइयाकोट गांव में शुक्ल ने कहा कि पिछले कई महीनों से पार्टी के लोग आरक्षित विधानसभा क्षेत्रों में जो परिश्रम कर रहे हैं, उसके नतीजे चौकाने वाले होंगे। 
इन समन्वयकों को संघ की परंपरा की तरह गांव के किसी परिवार में रुकना होता है। और वे वहीं से दलितों के बीच काम कर रहे हैं। इन संयोजकों के जरिए ही कांग्रेस उत्तर प्रदेश में 85 आरक्षित सीटों पर नजर रखे हुए है। इसकी बानगी गुरुवार को चिरैयाकोट गांव में दिखी। यहां एक दलित पुलिस अधिकारी ने कहा-इस बार दलितों का बड़ा हिस्सा खासकर गैर जाटव कांग्रेस की तरफ जाते दिखाई दे रहे हैं। इसकी वजह यह है कि मायावती सरकार ने सिर्फ जाटव दलित बिरादरी को प्राथमिकता दी और बाकी जातियों को अनदेखा किया। इससे लोगों में नाराजगी बढ़ी।


No comments:

Post a Comment