Pages

Free counters!
FollowLike Share It

Tuesday, 7 February 2012

कांग्रेस का सुर बदला तो सपा आक्रामक


uesday, 07 February 2012 09:42
अंबरीश कुमार आजमगढ़, 7 फरवरी। भीड़ को अगर पैमाना माना जाए, तो पूर्वांचल में सपा सब पर भारी नजर आ रही है। यहां के कुछ जिलों का दौरा करने के बाद यह बात सामने आ रही है। सोमवार को आजमगढ़ में एक तरफ मुलायम सिंह थे, तो दूसरी तरफ कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी। राहुल गांधी का सुर सुबह से ही बदल चुका था। मगर सपा के दोनों नेताओं मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के तेवर कड़े हो गए थे। 
आजमगढ़ की सभा में भारी भीड़ देख कर मुलायम पुराने तेवर में नजर आए।  उन्होंने यहां कई वादे किए, तो तो यह भी कहा-सरकार बनने के बाद गुंडे प्रदेश छोड़ देंगे या जेल में होंगे। इस बार कोई कितना भी बड़ा क्यों न हो किसी ने गुंडागर्दी की, तो उसे पार्टी से बाहर कर दिया जाएगा। मुलायम सिंह की यह टिपण्णी यादवों के इस गढ़ में काफी अहम मानी जा रही है। क्योंकि यहां और आसपास बाहुबलियों का भी दबदबा रहा है। मायावाती लगातार समाजवादी पार्टी के बाहुबलियों की याद दिला रही हैं तो मुलायम उनके अत्याचार और भ्रष्टाचार की। सोमवार को भी आजमगढ़ और मऊ में उन्होंने पूछा -सभा में कितने दलित हैं, हाथ उठाओ। इस पर जब कुछ हजार हाथ उठे, तो उन्होंने कहा- कभी मिले हो महारानी से, कभी सुध ली है आपकी? जवाब में नहीं के स्वर से आसमान गूंज उठा। 
इससे पहले पूर्वांचल के कुछ इलाके के लोगों से बात हुई, तो सभी की यही प्रतिक्रिया थी कि सपा दूसरे सभी दलों पर भारी पड़ रही है। गाजीपुर के मदन गिरि ने कहा-इस बार साइकिल तेज है, हाथी पिछड़ रहा है। कुछ जगह कांग्रेस का असर है पर अभी उनका चुनाव निकलता नहीं दिख रहा है। पूर्वांचल में आसपास के सभी जिलों से ऐसी ही जानकारी मिल रही है। दरअसल, मायावती सरकार से लोगों की नाराजगी और विकल्प के रूप में सरकार बनने की हैसियत के कारण मुलायम को उसका फायदा मिल रहा है। 
आजमगढ़ में मानवाधिकार कार्यकर्ता मसीउद्दीन संजरी ने कहा-आज आजमगढ़ में दो चुनावी सभाएं हुर्इं, जिसमें एक तरफ मुलायम सिंह थे। जहां हजारों लोग जुटे, तो दूसरी तरफ आजमगढ़ के निजामाबाद और फूलपुर पवई में जो सभा हुई, उसमें

मुश्किल से डेढ़ हजार लोग जुटे। जिससे दोनों दलों की राजनीतिक हैसियत का भी अंदाजा मिल जाता है। वैसे भी कल तक सरकार बनने का दावा करने वाले राहुल गांधी का आज सुर बदल गया। राहुल अब कह रहे हैं कि वे हर जीत के लिए नहीं लड़ रहे। आजमगढ़ में फिलहाल ज्यादातर सीटों पर सपा आगे है। सिर्फ एक दो सीट पर दिक्कत आ रही है। आजमगढ़ में मुलायम सिंह की सभा और लोगों का उत्साह देख कर यह और साफ हो गया। लगातार 20 मिनट तक नारा लगता रहा- जलवा जिसका कायम है नाम उसका मुलायम है।  
आजमगढ़ में 70 फीसद किसान बहुत कम जोत यानी एक एकड़ वाले हैं। खाद, बिजली-पानी सभी की किल्लत ने इन्हें और तोड़ दिया है। इस वजह से नाराजगी भी है। यहां मुसलिम आबादी भी करीब 14 फीसद है, जिनमें ज्यादातर का झुकाव सपा की तरफ है। कांग्रेस यहां कुछ कर सकती थी पर बटला हाउस कांड को लेकर दिग्विजय और चिदंबरम की बयानबाजी ने मुसलमानों को और आहत किया।
यह वही जिला है, जिसे भगवा ब्रिगेड ने आतंकवादियों की नर्सरी घोषित कर दिया था। इसी वजह से उलेमा कौंसिल भी यहां मजबूत हुई और कांग्रेस विरोधी माहौल भी बना। उलेमा कौंसिल ने पिछली बार मुसलिम वोटों का बंटवारा किया, तो फायदा भाजपा को हुआ। आज की स्थिति में मुसलिम इस बात से भी सावधान हैं। इस बीच वीपी सिंह के बनाए जनमोर्चा और किसान मंच ने भी पूर्वांचल में सपा का समर्थन कर कई उमीदवारों के हक में प्रचार शुरू कर दिया है। देवरिया कुशीनगर, जौनपुर और गाजीपुर जैसे कई जिलों में मंच के कार्यकर्ता सपा के प्रचार में जुटे हैं। किसान मंच के अध्यक्ष विनोद सिंह ने कहा-पूर्वांचल में हम लगातार दौरा कर रहे हैं। कांग्रेस तो सिर्फ चैनल और अखबार में ज्यादा है, जमीन पर बहुत कम जगह लड़ रही है। 
आजमगढ़ जैसी स्थिति मऊ में भी दिखी। यहां समाजवादी पार्टी को मुख्तार अंसारी से जूझना पड़ रहा है, जो जनाधार वाले बाहुबली हैं और कौमी एकता पार्टी बना कर चुनाव लड़ रहे हैं। यहां के एक व्यापारी  कमल गुप्ता ने कहा- मुख्तार अंसारी यहां की सीट पर नुकसान कर रहे हैं पर अभी मुसलमानों ने कोई फैसला नहीं किया है।


No comments:

Post a Comment