जेल में बीबी जागीर कौर बनी मास्टरनी जी
Saturday, 07 April 2012 11:22 |
अंजू अग्निहोत्री छाबा जलंधर, 7 अप्रैल। एक पुरानी मसल है कि तारीख खुद को दोहराती है। आज के दुनियादार जमाने में भी यह पूरी तरह मौजूं है। खास तौर पर जेल में बंद बीबी जागीर कौर पर तो यह कहावत एकदम चरितार्थ होती है। पंथ और सियासत से जुड़ने से पहले वे बच्चों को पढ़ाती थीं। अब जेल में उन्होंने फिर पढ़ाने का जिम्मा संभाल लिया है। जागीर कौर ने गणित की शिक्षिका के तौर पर अपना करिअर शुरू किया था। दो दशक पहले राजनीति में आने के बाद उन्होंने शिक्षण का काम छोड़ दिया। बुधवार से वे कपूरथला जेल की महिला कैदियों को तालीम दे रही हैं। हालांकि यह काम उन्होंने चुना नहीं है। जेल प्रशासन ने एक कैदी के तौर पर उनकी 'काबिलियत' को देखते हुए उन्हें मास्टरनी का काम सौंपा है। जेल में वे बी श्रेणी की संवासिनी हैं, जिन्हें कठोर श्रम से मुक्त रखा जाता है। मंगलवार को उन्हें जेल प्रशासन ने महिला साथिनों को पढ़ाने-लिखाने का जिम्मा सौंपा। हालांकि बीबी गुणा-भाग सिखाती रही हैं। लेकिन इस समय वे साथी कैदियों को धार्मिकपाठ पढ़ा रही हैं। एक जेल अधिकारी ने बताया कि जेल में बीबी जागीर कौर से मिलने के लिए उनके नातेदार और अन्यराजनीतिक आते रहते हैं, इसलिए अभी वे कक्षा के लिए पूरा समय नहीं दे पा रही हैं। बहरहाल जब से बीबी कपूरथला जेल में आई हैं, कोई न कोई खबर निकल कर आ रही है। इससे पहले जेल में उनकी खातिरदारी और मंत्रियों से मिलाई ने विवाद खड़ा कर दिया था। बीबी पर जेल प्रशासन इस कदर निहाल हुआ कि उनके लिए एलसीडी टीवी और तमाम सुख-सुविधाएं मुहैया कराई गर्इं। पर जेल वालों की इस बेकायदे कृपा का राज खुलने के बाद सरकार ने इस मामले की जांच के आदेश दे दिए और बीबी को आम कैदी जैसी सुविधा देने की बात कही गई। इसके बावजूद उनके रुतबे में कोई कमी नहीं आई है। अब भी उनसे मिलने वालों का तांता लगा रहता है। बीबी जागीर कौर ने 1978 में शिक्षिका के तौर पर अपना काम शुरू किया था। 1988 तक वे गणित पढ़ाती रहीं। लेकिन धार्मिक और राजनीतिक महत्त्वाकांक्षा उन्हें काफी आगे ले गई। एक दशक पहले अपनी ब्याहता बेटी हरप्रीत कौर के जबरन गर्भपात और साजिश के आरोप में हाल में अदालत ने उन्हें दोषी ठहराते हुए पांच साल कैद की सजा सुनाई है। पंद्रह अक्तूबर 1954 को जन्मी बीबी जागीर कौर ने चंडीगढ़ के राजकीय महिला कॉलेज से से स्नातक किया और बाद में जलंधर के एमजीएन कॉलेज से शिक्षाशास्त्र में डिग्री हासिल की। उन्हें बेगोवाल के सेकेंडरी स्कूल में नियुक्ति मिली। राजनीति में आने से पहले वे बेगोवाल में संत प्रेम सिंह मुरलीवाले डेरा की प्रमुख भी रहीं। |
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