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Sunday, 11 March 2012

बजट और मौद्रिक नीति से मिलेगी बाजार को दिशा



बजट और मौद्रिक नीति से मिलेगी बाजार को दिशा

Sunday, 11 March 2012 14:36
नयी दिल्ली, 11 मार्च (एजेंसी) शेयर बाजारों में अगले सप्ताह आम बजट तथा भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही समीक्षा की वजह से काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि केंद्रीय बैंक द्वारा नकद आरक्षित अनुपात :सीआरआर: में 0.75 फीसद की कटौती के बाद सोमवार को बाजार अच्छी बढ़त के साथ खुल सकता है। 
बैंकों को रिजर्व बैंक के पास अपनी जमा का जो हिस्सा रखना होता है उसे सीआरआर कहा जाता है। रिजर्व बैंक ने सीआरआर को 5.5 प्रतिशत से घटाकर 4.75 फीसद कर दिया है।   
ब्रोकरेज कंपनी एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट में कहा गया है, ''सीआरआर में कटौती हमारी उम्मीदों के अनुरूप है। हालांकि 0.75 फीसद की कटौती हैरान करने वाली है, क्योंकि अनुमान यह लगाया जा रहा था कि इसमें आधा प्रतिशत की कटौती की जाएगी।'' 
रिपोर्ट में कहा गया है कि सीआरआर में कटौती का समय भी बिल्कुल उचित है, क्योंकि अग्रिम कर का भुगतान 15 मार्च तक होना है। केंद्रीय बैंक के इस कदम के बाद अब मौद्रिक समीक्षा में कुछ खास होने की संभावना नहीं बची है। 
रिजर्व बैंक 15 मार्च को मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही समीक्षा पेश करेगा, जबकि आम बजट 16 मार्च को आना है। विश्लेषकों का कहना है कि बजट के अलावा निवेशकों की निगाह औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों पर भी रहेगी, जो सोमवार को आने हैं।
वेटूवेल्थ के मुख्य परिचालन अधिकारी अंबरीष बलिगा ने कहा, ''सीआरआर में कटौती हमारे उम्मीद से पहले की गई है। हालांकि, बजट तक बाजार में कोई बड़ी तेजी देखने को नहीं मिलेगी।'' 
बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि उन्हें सीआरआर में 0.50 फीसद की कटौती की उम्मीद थी। लेकिन 0.75 प्रतिशत की कटौती ने उन्हें हैरान किया है। पिछले सप्ताह बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 0.75 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,503.24 अंक पर आ गया।
जियोजित बीएनपी परिबा फाइनेंशियल सर्विसेज के गौरांग शाह ने कहा, ''बाजार में इस सप्ताह हर घटनाक्रम के हिसाब से प्रतिक्रिया होगी। रिजर्व बैंक की नीति और बजट से बाजार को दिशा मिलेगी। सोमवार को बाजार लाभ के साथ खुलेंगे और बैंकिंग शेयर अच्छे लाभ में रहेंगे।''  
एमके ग्लोबल की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बार का बजट पूर्व की तुलना में कम 'लोकप्रियता' हासिल करने वाला होगा। आम चुनाव 2014 में होने हैं, इसलिए सरकार अगले साल ज्यादा लोकप्रियता वाला बजट पेश करेगी।



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