अल्पसंख्यकों को आरक्षण के भीतर आरक्षण देने वाले फैसले को अदालत में दी गई चुनौती
Friday, 02 March 2012 17:27 |
इलाहाबाद, दो मार्च (एजेंसी) इलाहाबाद उच्च न्यायालय में केंद्र के उस फैसले को चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की गई है जिसके तहत ओबीसी को दिए गए 27 फीसदी आरक्षण के भीतर से अल्पसंख्यकों को साढ़े चार फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया गया था। जब याचिका न्यायमूर्ति आर के अग्रवाल और न्यायमूर्ति अमित स्थालेकर की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई तो केंद्र ने यह कहते हुए आपत्ति जताई कि रिट याचिका विचारणीय नहीं है क्योंकि सरकार के फैसले से याचिका दायर करने वाले सामाजिक संगठन के हित प्रभावित नहीं हुए हैं। यह रिट याचिका इलाहाबाद स्थित सामाजिक संगठन 'प्रहरी' ने दायर की है जिसमें 22 दिसंबर 2011 की उस अधिसूचना को निरस्त करने की मांग की गई है जिसके जरिए केंद्र ने अल्पसंख्यकों को साढ़े चार फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान किया था। साथ ही अदालत से केंद्र सरकार को गजट में अधिसूचना का प्रकाशन रोकने का भी निर्देश देने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता के वकील ने इस बात पर सहमति जताई और जनहित याचिका के रूप में नयी याचिका अदालत में दाखिल करने की अनुमति मांगी। अदालत ने इसकी अनुमति देते हुए कहा, ''21 मार्च 2012 को नया मामला जनहित याचिका की सुनवाई करने वाली पीठ के समक्ष पेश करें।'' |
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