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Wednesday, 4 April 2012

परमाणु पनडुब्बी ‘नेरपा’ भारतीय नौसेना में शामिल


परमाणु पनडुब्बी 'नेरपा' भारतीय नौसेना में शामिल

Wednesday, 04 April 2012 14:14
विशाखापत्तनम, चार अप्रैल (एजेंसी) रूस में बनी परमाणु पनडुब्बी 'नेरपा' को आज नौसेना में शामिल कर भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया जिनके पास ऐसे परिष्कृत जंगी जहाज हैं ।
स्थानीय 'शिप बिल्डिंग कॉम्प्लेक्स' में रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने 'अकुला- दो' श्रेणी के 'नेरपा' को नौसेना में शामिल किया ।  इसे 'आईएनएस चक्र' का नाम दिया गया है ।
पनडुब्बी को नौसेना में शामिल करने के बाद एंटनी ने कहा ''आईएनएस चक्र देश की सुरक्षा और संप्रभुता सुनिश्चित करेगा ।''
भारत ने पहले भी 1988 से अपने सैनिकों को ऐसे जंगी जहाजों पर प्रशिक्षण देने के लिए 'चार्ली' श्रेणी के रूसी परमाणु पनडुब्बी को लीज पर लेकर संचालित किया था ।
'आईएनएस चक्र' को नौसेना में लाने के बाद भारत ने दो दशक के बाद ऐसे देशों के समूह में खुद को शामिल कर लिया जिनके पास परमाणु पनडुब्बी है ।     
'आईएनएस चक्र' और स्वदेशी 'आईएनएस अरिहंत' की ओर से गश्त शुरू करने के साथ ही भारत के पास जल्द ऐसे दो परमाणु पनडुब्बी हो जाएंगे जो इसकी समुद्री सीमा की रक्षा करेंगे । 
'नेरपा' को 10 साल के लिए रूस से लीज पर लिया गया है । यह नौसेना को ऐसे परमाणु पनडुब्बियों पर प्रशिक्षण और इसे संचालित करने का मौका उपलब्ध कराएगा ।
भारत ने 'नेरपा' को लीज पर हासिल करने के लिए रूस के साथ 2004 में 900 मिलियन अमेरिकी डॉलर का करार किया था।     
'नेरपा' को दो साल पहले ही भारत की सेना में शामिल किया जाना था पर 2008 में परीक्षण के दौरान हुए एक हादसे में कई रूसी नाविकों के मारे जाने के बाद इसकी आपूर्ति के कार्यक्रम में बदलाव कर दिया गया । 
भारतीय नौसेना के कुछ दलों को रूस में 'नेरपा' संचालित करने का प्रशिक्षण दिया जा चुका है । 'आईएनएस चक्र' के संचालन के लिए करीब 30 अधिकारियों सहित 70 लोगों के दल की जरूरत होगी । 
'नेरपा' पनडुब्बी का सबसे अहम हिस्सा इसका परमाणु रिएक्टर है जिसे रूस ने बनाया है । इसका विस्थापन करीब 8,140 टन है । इसकी अधिकतम गति सीमा 30 नॉट है । यह 600 मीटर की गहराई तक जा सकता है ।


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