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भारत ने सईद के सिर पर अमेरिकी इनाम का स्वागत किया
uesday, 03 April 2012 13:31 |
नयी दिल्ली, तीन अप्रैल (एजेंसी) पाकिस्तान स्थित हाफिज सईद पर अमेरिका द्वारा एक करोड़ अमेरिकी डालर के इनाम का भारत ने स्वागत। भारत ने मुम्बई हमलों के मास्टरमाइंड और पाकिस्तान स्थित जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज सईद पर अमेरिका द्वारा एक करोड़ अमेरिकी डालर का इनाम घोषित किए जाने का आज स्वागत किया और कहा कि इससे लश्कर ए तैयबा तथा इसके संरक्षकों को कड़ा संकेत जाता है । विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने ट्विटर पर कहा, ''भारत 'रिवार्ड्स फॉर जस्टिस प्रोग्राम' के तहत अमेरिकी अधिसूचना का स्वागत करता है । :इससे: लश्कर ए तैयबा और इसके सदस्यों तथा संरक्षकों को भी कड़ा संकेत जाता है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अंतरराष्ट्रीय समुदाय एकजुट है ।'' आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा का संस्थापक सईद भारत की सर्वाधिक वांछितों की सूची में शामिल है । मुम्बई हमलों में 166 लोग मारे गए थे । हमलों के बाद भारत ने पाकिस्तान से सईद को सौंप देने के लिए कहा था ।'रिवार्ड्स फॉर जस्टिस प्रोग्राम' के तहत अमेरिका ने सईद के सिर पर एक करोड़ अमेरिकी डालर के इनाम की घोषणा की है । उन्होंने कहा कि इनाम की घोषणा से मुम्बई हमलों के षड्यंत्रकारियों को न्याय के कठघरे में लाने और आतंकवाद से लड़ने के लगातार प्रयासों के प्रति भारत और अमेरिका की प्रतिबद्धता का पता चलता है । अकबरुद्दीन राजनीतिक मामलों की अमेरिकी उप विदेश मंत्री वेंडी शर्मन द्वारा कल दिए गए बयान का हवाला दे रहे थे । बाद में, अकबरुद्दीन ने बयान में कहा कि अमेरिका लश्कर ए तैयबा और जमात उद दावा...दोनों को विदेशी आतंकवादी संगठन मानता है और हाफिज मोहम्मद सईद तथा अब्दुल रहमान मक्की को आतंकी गतिविधियों के लिए अपने कानून के तहत नामित कर रखा है । उन्होंने कहा, ''हाल के वर्षों में भारत और अमेरिका ने भारत के पड़ोस से उभर रही आतंकी चुनौतियों की प्रकृति पर पारस्परिक समझ को गहरा किया है ।'' दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हैं कि लश्कर ए तैयबा सहित सभी आतंकी संगठनों को शिकस्त दी जानी चाहिए और पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान के भीतर मौजूद आतंकवादियों के पनाहगाहों तथा आधारभूत ढांचे को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया है । उन्होंने यह भी कहा कि भारत और अमेरिका ने आतंकवाद विरोधी संयुक्त कार्य समूह, आतंकवाद विरोधी सहयोग पहल, गृह सुरक्षा वार्ता और खुफिया तथा कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच सूचनाओं के नियमित आदान प्रदान के जरिए आतंकवाद के खिलाफ अपने सहयोग को मजबूत किया है । |
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