सर्राफा हड़ताल के 15 दिन पूरे, कारोबारी पीछे हटने को तैयार नहीं
Saturday, 31 March 2012 17:14 |
नयी दिल्ली, 31 मार्च (एजेंसी) गैर..ब्रांडेड आभूषणों पर एक फीसद उत्पाद शुल्क तथा सोने के आयात पर सीमा शुल्क दोगुना किए जाने के प्रस्ताव के खिलाफ सर्राफा व्यापारी आज लगातार 15वें दिन हड़ताल पर रहे। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी द्वारा 16 मार्च को बजट पेश किए जाने के बाद से ही सर्राफा कारोबारी हड़ताल पर हैं। बजट में जहां गैर ब्रांडेड आभूषणों पर एक फीसद का उत्पाद शुल्क लगाने का प्रस्ताव है, वहीं सोने के आयात पर सीमा शुल्क भी दोगुना कर 4 फीसद किए जाने का प्रस्ताव है। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अध्यक्ष शील चंद जैन ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों के हड़ताली संगठनों ने फैसला किया है कि बड़े बाजारों के अलावा छोटे कस्बों में भी जौहरी अपना कारोबार बंद रखेंगे। जैन ने साफ किया कि जब तक सरकार अपने निर्णय को वापस नहीं लेती है, सर्राफा व्यापारी हड़ताल वापस नहीं लेंगे। ऑल इंडिया ज्वेलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विमल गोयल ने कहा कि हड़ताल की वजह से कारोबारियों के साथ सरकार को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है। गोयल ने बताया कि अब तक हड़ताल की वजह से लगभग 11,000 करोड़ रुपये के कारोबार के नुकसान का अनुमान है। इस तरह यदि गणना की जाए तो सरकार को सीमा शुल्क के रूप में 450 करोड़ रुपये का नुकसान हड़ताल से हो चुका है। वहीं देश भर में वैट के रूप में भी करीब 112 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान सरकार को हुआ है। व्यापारियों के प्रमुख संगठन कनफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि एक तरफ सरकार वस्तु एवं सेवा कर :जीएसटी: को लागू करना चाहती है, वहीं दूसरी ओर कराधान प्रणाली को जटिल बना रही है। खंडेलवाल ने कहा कि किसी भी तरह के अन्य कर चाहे वह उत्पाद शुल्क ही हो, से कराधान प्रणाली की जटिलता बढ़ेगी। |
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