मोबाइल फोन की कॉल दरों में सौ फीसदी की वृद्धि की धमकी
मुंबई से एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वासदूरसंचार सेवा प्रदाता कम्पनियों ने गुरुवार को धमकी दी कि यदि सरकार दूरसंचार नियामक के प्रस्ताव को मान लेती है तो मोबाइल फोन की कॉल दरों में सौ फीसदी की वृद्धि हो सकती है।टेलिकॉम कंपनियों का कहना है कि ट्राई की स्पेक्ट्रम प्राइसिंग पर सिफारिशें मंजूर होने पर कॉल रेट दोगुनी करनी पड़ेंगी।अपनी मनवाने के लिए कंपनियां हर दबाव का इस्तेमाल कर रही है और इस संकट से पार पान की कोई राह सरकार को सूझ नहीं रही है। कुल मिलाकर आम उपभोक्ताओं के कंधे से बंदूक चलाये जाने की आशंका है।सरकार ने कंपनियों को भरोसा दिलाया है कि सेक्टर की मुश्किलें सुनने के बाद ही ट्राई की सिफारिशों पर फैसला किया जाएगा। जबकि दूरसंचार विभाग की शीर्ष नीति निर्माता संस्था दूरसंचार आयोग ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) से पूछा है कि क्या 2जी स्पेक्ट्रम के लिए आधार शुल्क तय करने का अन्य विकल्प भी है। उच्चतम न्यायालय ने विभाग को इस साल 31 अगस्त तक 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी करने का आदेश दिया है। दूरसंचार विभाग [डॉट] ने ट्राई से पूछा है कि 2जी स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए उसने किस आधार पर रिजर्व प्राइस [आरक्षित मूल्य] के स्तर को कई गुना बढ़ाने का प्रस्ताव किया है। इस बारे में गुरुवार को डॉट की तरफ से एक पत्र प्राधिकरण को भेजकर कई सिफारिशों पर सवाल उठाए गए हैं। गुरुवार को डॉट की तरफ से एक पत्र प्राधिकरण को भेजकर कई सिफारिशों पर सवाल उठाए गए हैं। डॉट ने ये सवाल दूरसंचार आयोग की पिछले दिनों हुई बैठक के आधार पर उठाए हैं।बहरहाल 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए नियामक ट्राई द्वारा की गई सिफारिशों से बौखलाई टेलीकॉम इंडस्ट्री के लिए बुधवार का दिन लॉबिंग के नाम रहा। देश की दिग्गज टेलीकॉम कंपनियों के प्रमुख बुधवार को इस बारे में अपनी चिंताओं से अवगत कराने कई मंत्रियों के पास पहुंच गए। सुबह से ही यह सिलसिला शुरू हो गया था। कंपनियों के प्रमुखों ने वाणिज्य सचिव और टेलीकॉम सचिव से मिलने के बाद गृह मंत्री पी.चिदंबरम और वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की। फिर अंत में उन्होंने टेलीकॉम मंत्री कपिल सिब्बल के समक्ष अपनी बातें इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों के रूप में रखीं। इसके अलावा योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया से भी उन्होंने मुलाकात की।
इस बीच खबर है कि टैक्स मामले में सरकार वोडाफोन की पेनल्टी माफ नहीं करने वाली है। वित्त मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि वोडाफोन को टैक्स में किसी भी तरह की छूट नहीं दी जाएगी।वोडाफोन पर कुल 20,000 करोड़ रुपये की टैक्स देनदारी है, जिसमें से 12100 करोड़ रुपये का जुर्माना और ब्याज है। सरकार वोडाफोन और हच के बीच हुए सौदे पर टैक्स वसूलना चाहती है।2007 में वोडाफोन ने हचिसन-एस्सार में हच का 67 फीसदी हिस्सा 11 अरब डॉलर में खरीदा था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा याचिका ठुकराई जाने के बाद सरकार टैक्स वसूलने के लिए पुरानी तारीख से आयकर कानून में बदलाव करने वाली है।
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