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Monday 18 April 2016

दीदी बीरभूम जीतने चली थी और नौबत बंगाल हार जाने की है!

दीदी बीरभूम जीतने चली थी और नौबत बंगाल हार जाने की है!

बोतल से निकले जिन्न की तरह अनुब्रत का जादू चल गया,हारकर चुनाव आयोग ने दर्ज किया एफआईआर!

फिरभी दीदी की नैय्या मंझधार में,हराये गये खेवय्या!

संघ परिवार के हमले तेज और मुसलिम वोट बैंक का भी भरोसा नहीं!

भाजपा ने बीरभूम की नौ सीटों पर दोबारा मतदान की मांग की तो विमान बोस ने आयोग पर नाटक करने का आरोप लगाया!

एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास

हस्तक्षेप

दीदी बीरभूम जीतने चली थी और नौबत बंगाल हार जाने की है।

उत्तर बंगाल में बीरभूम के विपरीत धूमधड़ाके से उनके किलाफ मतदान हुआ है और उन्हें खबर भी नहीं हुई।पुलिस और प्रशासन की वफादारी भी अब टल्लीदार है और आम जनता के साथ साथ एक धमाके की शुरुआत वहां भीतर ही भीतर हो गयी है।

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में छिटपुट हिंसा की खबरों के बीच 56 विधानसभा क्षेत्रों के लिए आज बंपर वोटिंग हुई। शाम छह बजे तक तकरीबन 80 फीसदी वोट पड़ चुके थे जबकि कुछ केंद्रों पर छह बजे के बाद भी वोटिंग जारी रही।येआंकडे बदल सकते हैं।

नई दिल्ली में भाजपा ने बीरभूम में नौ सीटों रपर दोबारा चुनाव की मांग की है,यह रपट हस्तक्षेप पर लगे गयी है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न दीदी पर सत्ता के लिए सरकार के गलत इस्तेमाल का गंभीर आरोप लगाया।

वाममोर्चा चेयरमैन विमान बोस ने बेलगाम अनुब्रत की हैरतअंगेज कामयाबी के बाद आयोग पर नाटक करने का आरोप लगाया।हालांकि  पूर्व केन्द्रीय मंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने रविवार यहां कहा कि 2016 में बंगाल में सत्ता परिवर्तन होगा और 2019 में देश वही परिर्वतन देखेगा।फिर रमेश ने दावा किया, 'पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग के अधिकारियों का झुकाव सत्तारूढ़ पार्टी की ओर है। वे स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर रहे हैं, बल्कि ममता बनर्जी के इशारे पर काम कर रहे हैं।'

यही नहीं,भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पर 'तृणमूल कांग्रेस को चुनावी कानूनों का उल्लंघन करने देने' का आरोप लगाते हुए रविवार को चुनाव आयोग से उन्हें हटाने की मांग की है।

कृष्णनगर में उनकी सभी में बहती हुई लू में जो भीड़ दिखी और चैसे चुन चुनकर तरकश से तीर निकालकर दीदी को बिंधा मोदी ने,दीदी को अब समझ में आ जानी चाहिए कि संघ परिवार से गुपचुप गठबंधन की वजह से सत्ता में उनकी वापसी कितनी मुश्किल है।संघ परिवार के  तेवर बदल गये और इस तेवर की झलकियां अभिनेत्री लाकेट चटर्जी की दबंगई के वीडियो से अबतक पूरे देश को दीख गयी होंगी।

मतलब साफ है कि बार बार राज्यों में हारते हुए क्षत्रपों की मनमनी के भरोसे राजकाज चलाने के लिए संघ परिवार तैयार नहीं है और खासपर जिसतरह बंगाल में संघी पिटे हैं और घिरे हैं,उसके मद्देनजर दीदी की खिदमत करते रहने का नतीजा दिल्ली की सत्ता खोने की नौबत में भी बदल सकता है।

बहरहाल बीरभूम में असमय दुर्गापूजा का माहौल रहा और ढाक के बोल पर भूतों का नाच भी जलवा बहार हो गया।सुबह से ही गुड़ जल बताशे के जादू से खलबली मची हुई थी और चुनाव आयोग के दरबार में त्राहिमाम त्राहिमाम गुहार लगती रही।

अभूतपूर्व नजरबंदी,वीडियोग्राफी और मजिस्ट्रेट के साथ केंद्रीय बल और मीडिया को धता बताकर बोतल से निकले जिन्न की तरह अनुब्रत का जादू चल गया और उनने पलटकर कहा,चुनाव आयोग की क्याऔकात कि वह अनुब्रत मंडल को रोक दें।दिल्ली और कोलकाता में मची खलबली से साफ जाहिर है कि कितना महाबलि है दीदी का यह बाहुबलि।

खिंसियानी बिल्ली के खंभा नोंचने की तर्ज पर शामतक चुनाव आयोग ने हारकर सरकारी आदेशों का उलंघन करने के आरोप में महाबलि अनुब्रत मंडल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दिया।अब इससे कोई मसला हल नहीं होगा,अनुब्रत गिरप्तार हो जाये तो भी बीरभू में हुए मतदान को पलटा जा नहीं सकता बशर्ते कि दोबारा मतदान का आदेश जारी न हो।बहरहला संघ परिवार की शिकायतों का संज्ञान लेकर बहुत संभव है कि बीरभीम में कुछ क्षेत्रों में दोबारा मतदान हो जाये।कुल मिलाकर यह लोकतंत्र के लिए शर्म जितनी है ,उससे ज्यादा संवैधानिक संस्था बतौर चुनाव आयोग के सिरे से फेल हो जाने का सबूतउससे कहीं ज्यादा है।

फिरभी दीदी की नैय्या मंझधार में,हराये गये खेवय्या।संघ परिवार की गुपचुप मदद के बिना दीदी के लिए सत्ता में वापसी मुश्किल है,यह बात शुरु से साफ रही है।शारदा और नारदा के घनचक्कर में दीदी बीच में अपनी रणनीति में ही कनफ्यूजा गयी और भिड़ गयी संघ परिवार से तो संघ परिवार भी उन्हें बख्शने के मूड में नहीं है।

जाहिर है कि संघ परिवार के हमले तेज से तेज से तेज हो रहे हैं और मुसलिम वोट बैंक का भी भरोसा अब  नहीं है।दीदी भूतों के दम पर जंगल महल के पचासेक सीटें जीत लेने की  खुशफहमी विपक्षा को वैनिश कर देने के फिराक में थी और अनुब्रत के सहारे उनने बंगाल जीत लेने की ठान ली और ओवर कांफिडेंस में जमीनी  हलचल को सिरे से नजरअंदाज कर दिया।

वाम कांग्रेस गठबंधन नुक्ताचीनी से कमजोर होने के बजाय मजबूत होता गया।समर्थन का समीकरण नजदीकी हो गया और आम जनता को भी तदनुसार संदेश गया लेकिन दीदी को ख्याल ही नहीं रहा कि शारदा से भयंकर मामला नरदा है,जिसे मोदी फोकस किये हुए हैं।रोजगार की समस्या भयावह है और विकास का छलावा साफ है,जिसे धुआंधार विज्ञापनों से सही साबित नहीं किया जा सकता।

खास कोलकाता में भी दीदी के पांवों तले मिट्टी खिसकने लगी क्योंकि उसकी निर्माण समाग्री और तकनीक मे वही प्रोमोटर बिल्डर राज है।सही नेतृत्व के विकास के बजायतानाशही रवैया और चमचों के हवाले राजकाज और बिल्डर माफिया सिंडिकेट के दुश्चक्र में  उनने अपनी लड़ाकू और ईमानदार छवि को ही मैली कर दी औय ये बातें उनके खिलाप अचूक रामवाण साबित हो रहे हैं।

बहरहाल उत्तर बंगाल के छह जिले की 45 व वीरभूम जिले की 11 विधानसभा सीटों पर छिटपुट घटनाओं के बीच शाम पांच बजे तक 79.70 फीसद मतदान हुआ। पांच बजे तक 77.33 फीसद मतदान हुआ था। एक बजे तक 56 फीसद मतदान हुआ था। 11 बजे तक 39.19 प्रतिशत मतदान हुआ था। शुरू के दो घंटे में 21.54 प्रतिशत वोट पड़े थे।

दोपहर एक बजे तक अलीपुर दूआर में 45.56 प्रतिशत, जलपाईगुड़ी में 59.98 प्रतिशत, दार्जिलिंग में 53.03 प्रतिशत, उत्तर दिनाजपुर में 55.50 प्रतिशत, दक्षिण दिनाजपुर में 56.09 प्रतिशत, मालदा में 54.33 प्रतिशत और सर्वाधिक वीरभूम में 62.49 प्रतिशत मतदान हुआ |