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Sent: Sunday, 26 February 2012 7:39 AM
Subject: मनरेगा मजदूरी पर मनमोहन और रमेश के सख्त रूख
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Subject: मनरेगा मजदूरी पर मनमोहन और रमेश के सख्त रूख
मनरेगा मजदूरी पर मनमोहन और रमेश के सख्त रूख
Sunday, 26 February 2012 15:58 |
नयी दिल्ली, 26 फरवरी (एजेंसी) मनरेगा के तहत दी जाने वाली मजदूरी के मुद्दे पर कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निर्देशों पर झुकने से पहले इस मामले पर ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश और सिंह दोनों के रूख सख्त थे। केन्द्र वित्तपोषित मनरेगा के तहत प्रति व्यक्ति प्रति दिन 100 रूपये का भुगतान किया जाता है और साल में अनिवार्यत: 100 दिन का रोजगार दिया जाता है। कुछ राज्यों ने मनरेगा के तहत तय राशि के मुकाबले न्यूनतम मजदूरी की राशि में बहुत इजाफा कर दिया है। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने पिछले साल 23 सितंबर को मनरेगा में मजदूरी के निर्धारण को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि दरें इस तरह से निर्धारित हों कि वे राज्य सरकारों की ओर से अपने क्षेत्रों में कृषि मजदूरों के लिए निर्धारित न्यूनतम मजदूरी से कम नहीं हों। केन्द्र ने आंध्रप्रदेश उच्च न्यायालय से इसी तरह के फैसले की अपेक्षा करते हुए एक विशेष अनुमति याचिका :एसएलपी: के माध्यम से इस फैसले को उच्चतम न्यायलय में चुनौती देने का फैसला किया। |
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