RIHAI MANCH
(Forum for the Release of Innocent Muslims imprisoned in the name of Terrorism)
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हैदराबाद विस्फोटों में खुफिया एजेंसियों की भुमिका की भी हो जांच- रिहाई मंच
शिंदे बताएं कि हैदराबाद विस्फोट में हिन्दुत्वादी संगठन जांच के दायरे
में क्यों नहीं- रिहाई मंच
आजमगढ़ को बदनाम करने से बाज आएं खुफिया एजेंसियां- रिहाई मंच
दिल्ली स्पेशल सेल द्वारा आईबीएन 7 को इन्ट्रोगेशन रिपोर्ट लीक करने की
हो जांच- रिहाई मंच
लखनऊ/आजमगढ़ 22 फरवरी 2013/ रिहाई मंच ने हैदराबाद में हुए विस्फोटों की
जांच को गृह मंत्रालय द्वारा गलत दिशा में भटकाने का आरोप लगाते हुए कहा
है कि इस घटना में केंद्रिय खुफिया एजेंसियों की भूमिका को भी शक के
दायरे में लाया जाए। संगठन ने सरकार और खुफिया एजेंसियों को इस मामले
आजमगढ़ को बदनाम करने से बाज आने की चेतावनी दी।
रिहाई मंच के प्रवक्ता शाहनवाज आलम और राजीव यादव ने कहा कि एक तरफ तो
गृहमंत्री हैदराबाद में इस घटना के पीछे किसी भी आतंकी संगठन का नाम नहीं
लेते। लेकिन गृहमंत्रालय के अधीन काम करने वाली खुफिया एजेंसियां मीडीया
माध्यमों द्वारा घटना के पीछे इंडियन मुजाहिदीन और लश्कर जैसे तमाम नामों
को उछाल कर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ माहौल बना रही हैं। यहां तक कि
बेगुनाह मुस्लिम नौजवानों को आतंकवाद के नाम पर कत्ल करने और फसाने के
लिए बदनाम हो चुकी दिल्ली स्पेशल सेल ने इस घटना के बाद आईबीएन 7 चैनल
(http://ibnlive.in.com/news/full-text-delhi-police-interrogation-report-on-ims-recce-of-dilsukh-nagar/374369-3.html)
को इरफान लांडजे समेत चार कथित इंडियन मुजाहिदीन के सदस्यों की
इंट्रोगेशन रिपोर्ट लीक कर दी। जिसमें यह बताने की कोशिश की गई है कि
हैदराबाद विस्फोटों के पीछे इसी कथित संगठन का हाथ है। जबकि लांडजे की
फर्जी गिरफ्तारी के मामले में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल को राष्ट्रीय
मानवाधिकार आयोग तक ने नोटिस भेजा है। जाहिर है इस कहानी को जारी करने के
पीछे मकसद पूरी घटना की जांच के दायरे से हिन्दुत्वादी संगठनों जिन्होंने
इससे पहले भी हैदराबाद में दो बार विस्फोट किए हैं को बचाना है।
मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित सामाजिक कार्यकर्ता संदीप पांडे ने कहा कि
जब देश हैदराबाद धमाकों से दहला हो और सरकार आतंकवादियों से निपटने की
राजनीतिक इच्छाशक्ति इतनी कमजोर हो कि गृहमंत्री शिन्दे मालेगाव, मक्का
मस्जिद, समझौता जैसे आतंकी घटनाओं में लिप्त हिन्दुत्वादी संगठनों का नाम
लेने के बाद भाजपा और संघ के दबाव में पीछे हट जातें हों उस वक्त दिल्ली
स्पेशल सेल द्वारा कथित इंन्ट्रोगेशन रिपोर्ट को लीक करना देश को अस्थिर
करने का एक कांग्रेसी प्रयास है। ऐसे में इस इन्ट्रोगेशन रिपोर्ट को लीक
करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए जांच करवाई
जाए कि किस के इशारे पर यह रिपोर्ट लीक की गई। क्योंकि इस रिपोर्ट लीक
कांड में पुलिस और आतंकी संगठनों का गठजोड़ सामने आ जएगा। जैसा कि
मालेगांव में हुए विस्फोटों के मामले में सुरक्षा एजेंसियों और
हिन्दुत्वादी संगठनों का गठजोड़ सामने आ चुका है।
आजमंगढ़ रिहाई मंच के संयोजक मसीहुद्दीन संजरी ने कहा कि जिस तरह से
मीडिया माध्यमों द्वारा खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां के सूत्रों के हवाले
से हैदराबाद विस्फोटों के मामले आजमगढ़ को जोड़ा जा रहा है, उससे इस घटना
के पीछे की कांग्रेस की राजनीतिक मंशा समझी जा सकती है कि वह आजमगढ़ का
नाम लेकर इस घटना के पीछे खुफिया एजेंशियों और हिन्दुत्वादी संगठनों पर
उठने वाले सवालों को दबाना चाहती है। उन्होंने कहा कि अगर 2014 के चुनावी
लाभ के लिए आजमगढ़ को बदनाम करने की कोशिश नहीं रुकी तो कांग्रेस के इस
राजनीतिक अपराध का मुहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
द्वारा जारी-
शाहनवाज आलम, राजीव यादव
09415254919, 09452800752
प्रवक्ता रिहाई मंच
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Office - 110/60, Harinath Banerjee Street, Naya Gaaon East, Laatoosh
Road, Lucknow
Forum for the Release of Innocent Muslims imprisoned in the name of Terrorism
Email- rihaimanchindia@gmail.com
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