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जालियांवाला बाग कांड को दोहराया सुशासनी पुलिस ने
पटना – औरंगाबाद में सुशासनी पुलिस ने जालियांवाला बाग कांड को दुहराया। निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलायी। लोग गिरते रहे और पुलिस गोली चलाती रही। इस पर तुर्रा यह कि इस घटना में कितने लोग मारे गये या फ़िर कितने लोग गंभीर रुप से घायल हुए "न्याय के साथ विकास" करने का दावा करने वाली सरकार के पास नहीं है।
घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार अभी हाल ही में रणवीर सेना ने एक बार फ़िर अपनी उपस्थिति का अहसास दिलाते हुए धीरेंद्र महतो नामक एक मुखिया को मौत के घाट उतार दिया। इस घटना के विरोध में औरंगाबाद में तमाम विपक्षी पार्टियों ने सामूहिक रुप रणवीर सेना की बढती सक्रियता और प्रशासन की चुप्पी के विरोध में धरना का आयोजन किया। धरना का कार्यक्रम शांतिपूर्व्क चल रहा था। इस बीच पुलिस ने धरना दे रहे लोगों को सड़क खाली करने को कहा। लोग नहीं माने और वे सरकार के खिलाफ़ नारे लगाने लगे। पुलिस ने आपा खोते हुए धरना दे रहे लोगों को अलग-थलग करने के लिये रबर की गोलियां बरसाना शुर कर दिया। लोग चोट खाते रहे और फ़िर भी डटे रहे। पुलिस ने फ़ायरिंग करना शुरु कर दिया। लोग इधर-उधर भागने लगे और दर्जनों लोगों को गोलियां लगीं।
निहत्थे लोगों पर गोलियां बरसाने के बाद पुलिस ने धरना में शामिल लोगों को गिरफ़्तार करना शुरु किया और उसने करीब 23 लोगों को गिरफ़्तार किया। गिरफ़्तार किये गये लोगों में भाकपा(माले) के पूर्व विधायक राजा राम सिंह भी शामिल हैं। घटना के संबंध में भाकपा माले नेता संतोष सहर ने अपना बिहार को दूरभाष पर जानकारी देते हुए बताया कि बिहार सरकार की यह कार्रवाई जनआंदोलनों को जबरदस्ती कुचलने की नीति का सजीव प्रमाण है। जबकि इस संबंध में जब अपना बिहार ने औरंगाबाद के एसपी से फ़ोन पर जानना चाहा तब उन्होंने कहा कि घटना के पुलिस द्वारा की गयी कार्रवाई के बारे में वे स्थानीय मीडिया को बता चुके हैं और अब वे किसी भी अन्य मीडिया संस्थान को कोई जानकारी नहीं देंगे।
उधर सासाराम और डेहरी में बम विस्फ़ोट की जानकारी मिली है। हालांकि अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि बम विस्फ़ोट किसने किया। इस संबंध में जब अपना बिहार ने रोहतास एसपी से पूछा तो उन्होंने बताया कि सासाराम में पटाखे की दूकान में आग लगी गई थी। जब अपना बिहार ने घटना के बाद पुलिस द्वारा की गयी कार्रवाई के बारे में जानना चाहा तो रोहतास जिले के एसपी ने अपना सरकारी मोबाइल स्वीच आफ़ कर दिया।
बहरहाल, औरंगाबाद और रोहतास में घटित इन घटनाओं ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि इन इलाकों में रणवीर सेना एक बार फ़िर से अपना खोया गौरव हासिल करना चाहती है और बिहार पुलिस को इससे कोई गुरेज नहीं है। औरंगाबाद में जालियांवाला बाग कांड की पुनरावृति कर इसका प्रमाण तो दे ही दिया गया है।
(इन घटनाओं के संबंध में पूरी जानकारी का इंतजार किया जा रहा है)
साभार (अपना बिहार, 3 मई 2012)
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