साइबर अपराध से निपटने के लिए क्षमता बढ़ाने की जरूरत: चिदंबरम
Monday, 30 April 2012 14:45 |
नयी दिल्ली, 30 अप्रैल (एजेंसी) उन्होंने कहा कि 'साइबर क्षेत्र में अपराधों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है।' पहचान की चोरी, हैकिंग, वित्तीय फर्जीवाड़ा आदि जैसे मामले बढ़ रहे हैं।चिदंबरम ने आज कहा कि साइबर अपराध से निपटने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों को तेजी से अपनी क्षमता बढ़ानी चाहिए, क्योंकि आॅनलाइन अपराधों की संख्या में में भारी बढ़ोतरी देखी जा रही है। मंत्री ने कहा, ''राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से यह एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट है। कानून प्रवर्तन एजेंसियों को इस तरह के नए अपराधों से निपटने के लिए तेजी से अपनी क्षमता बढ़ानी चाहिए।''सॉफ्टवेयर क्षेत्र के संगठन नासकॉम द्वारा साइबर सुरक्षा पर तैयार रिपोर्ट को यहां जारी करते हुए चिदंबरम ने कहा, ''ढांचागत सुविधाओं के संरक्षण के लिए हमलोगों ने काफी कुछ किया है।...मुझे लगता है कि साइबर क्षेत्र से जबतक डर बना हुआ है तबतक ढांचागत सुविधाओं की सुरक्षा का काम पूरा नहीं हो पाएगा।'' उन्होंने कहा कि 'साइबर क्षेत्र में अपराधों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है।' पहचान की चोरी, हैकिंग, वित्तीय फर्जीवाड़ा आदि जैसे मामले बढ़ रहे हैं। नासकॉम और डाटा सिक्युरिटी काउंसिल आॅफ इंडिया' द्वारा तैयार 'अपने साइबर सीमाओं की सुरक्षा' रिपोर्ट में साइबर सुरक्षा के लिए एक राष्ट्रीय ढ़ाचे के निर्माण की सलाह दी गई है। इसके अलावा मौजूदा सभी सूचना स्रोतों के एकीकरण के लिए एक नेशनल थ्रेट इंटेलिजेंस सेंटर की स्थापना की बात भी कही गई है। चिदंबरम ने कहा कि कुछ सिफारिशों का सरकार संचालित पहलों से अतिव्यापन होता है। उन्होंने कहा, ''इस संबंध में चर्चा हई है और हम साइबर सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय ढ़ाचे के निर्माण के अंतिम चरण में हैं। हम नेशनल थ्रेट इंटेलिजेंस सेंटर की स्थापना पर भी विचार कर रहे हैं।'' |
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