Pages

Free counters!
FollowLike Share It

Sunday 19 February 2012

कौन खरीद पायेगा इतनी महंगी दवाओं को ? लेखक : नैनीताल समाचार :: अंक: 20 || 01 जून से 14 जून 2011:: वर्ष :: 34 :July 18, 2011 पर प्रकाशित



कौन खरीद पायेगा इतनी महंगी दवाओं को ?

लेखक : नैनीताल समाचार :: अंक: 20 || 01 जून से 14 जून 2011:: वर्ष :: 34 : July 18, 2011  पर प्रकाशित
 Home / कौन खरीद पायेगा इतनी महंगी दवाओं को ?

कौन खरीद पायेगा इतनी महंगी दवाओं को ?

लेखक : नैनीताल समाचार :: अंक: 20 || 01 जून से 14 जून 2011:: वर्ष :: 34 : July 18, 2011  पर प्रकाशित
सुशील खत्री
सीमान्त जनपद पिथौरागढ़ के जिला चिकित्सालय में गर्मी बढ़ने के साथ ही अनेक प्रकार की बीमारियों से पीड़ित मरीजों के भर्ती होने से शैयाओं का अभाव हो गया है। मरीजों को मरामदे में ही लेटना पड़ रहा है। सूबे के मुखिया निशंक भले ही यहाँ बेस चिकित्सालय का शिलान्यास कर गये हों, लेकिन फिलहाल मरीजों को राहत मिलने की उम्मीद कम ही नजर आ रही है।
इस चिकित्सालय पर डीडीहाट, गंगोलीहाट, धारचूला, मुनस्यारी, बेरीनाग की जनता अपने उपचार के लिए निर्भर है। नेपाल के सुदूर पश्चिमांचल में बसे लोग भी इलाज के लिए जिला चिकित्सालय में ही आते हैं, जिससे हमेशा ही यहाँ मरीज ठसाठस भरे रहते हैं। इस बीच मौसम परिवर्तन के कारण मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। चिकित्सालय में एक वर्ष से जीवन रक्षक दवाओं का भारी अभाव है। पूछने पर बताया जाता है कि लिस्ट निदेशालय को भेजी गई है। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में श्वास-दमा के मरीज अधिक होते हैं। आर्थिक तंगी के चलते बाजार से दमा की दवा वे खरीद नहीं पाते। चिकित्सालय में एस्थालिन इनहेलर मुफ्त में मिलता था। वह अब आना बन्द हो गया है। टेबलेट थियोफाइलिन भी पिछले छः महिने से नहीं आ रही है। ये दवाएँ बेहद महंगी हैं। एस्थालिन इनहेलर की कीमत 300 रुपये तथा थियोफाइलिन टेबलेट की कीमत लगभग 12 रुपये है। पिथौरागढ़ आये भाजपा के राज्यसभा सदस्य भगत सिंह कोश्यारी का ध्यान इस ओर दिलाये जाने पर उन्होंने इसे बेहद गम्भीर मामला बताते हुए कुछ करने का आश्वासन दिया। राज्यपाल को भी नगर के लोंगों ने जीवनरक्षक दवाओं का अभाव दूर करने ज्ञापन भेजा है। मुख्यमंत्री ने यहाँ आकर बेस का शिलान्यास तो कर दिया, पर इस दौरान शिलान्यास का पत्थर काफी चर्चा में है। इस पर धनराशि का जिक्र ही नहीं किया गया है। सूत्रों पर यकीन करें तो अभी तक इसकी डीपीआर तक नहीं बनी है। कुल 50 लाख रुपया अवस्थापना निगम को मिला है, जिसमें अकेले डीपीआर के लिए 28 लाख की जरूरत बतायी जा रही है। बचे 22 लाख से क्या बेस की जमीन समतल हो पायेगी ?
Share

संबंधित लेख....



No comments:

Post a Comment