कारपोरेट लाबिइंग का अद्भुत नजारा, किंगफिशर को बेल आउट के मसले पर अजित और मोइली आमने सामने
निजी विमानन कंपनियों को विमान ईंधन
का सीधा आयात करने की अनुमति पर आयकर विभाग ने किंगफिशर एयरलाइंस के खाते बहाल करने से इंकार कर दिया
किंगफिशर को बेलआउट के मसले पर केंद्रीय मंत्रिमंडल में मतभेद उभरकर सामने आ गए हैं। जहां बेल आउट से नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह सीध इंकार कर रहे हैं, वहीं चौतरफा आलोचनाओं में घिरे संकट से जूझ रहे किंगफिशर एयरलाइन के मालिक विजय माल्या को कॉरपोरेट कार्य मंत्री वीरप्पा मोइली से मंगलवार को उस समय सहारा मिला, जब मोइली खुलकर उनके समर्थन में आगे आ गए और उन्होंने कहा कि इस विमानन कंपनी को बचाया जाना चाहिए।कारपोरेट हितों की लड़ाई में न सिर्फ बैंकों बल्कि यूपीए सरकार की साख भी गिरने लगी है। एअऱ इंडिया के मसले पर प्रफुल्ल पटेल का किस्सा अलग है। मालूम हो कि किंग फिशर को कर्ज देने की खबर फैलते ही शेयर बाजार में स्टेट बैंक आफ इंडिया के शेयरों के भाव गिरने लगे। सरकार के भाव का क्या होगा? देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक आफ इंडिया के शयरों में किंग फिशर को कर्ज देने पर सहमति की खबर से आठ प्रतिशत गिरावट दर्ज की गयी। सरकार विजय माल्या को संकट से उबारने के फेर में एसबीआई की ऐसी तैसी करने में लगी है, ऐसा कारपोरेट सूत्रों का मानना है।सरकारी हस्तक्षेप से डीजीसीए के दंड से भी किंग फिशर को बचा लिया गया। जाहिर है कि विजय माल्या के लंबे हाथ हैं। ये हाथ सरकारी क्षेत्र के एअर इंडिया को नसीब होते तो उसके कर्मचारियों पायलटों को दाने दाने को मोहताज होना नहीं पड़ता।देश के सबसे बैंक भारतीय स्टेट बैंक का कंपनी को 1457.78 करोड़ रुपये का एक्सपोजर है। स्टेट बैंक ने जनवरी में कहा था कि कंपनी को दिया गया कर्ज एनपीए हो गया है। तेरह बैंकों के समूह के द्वारा कंपनी को करीब 6400 करोड़ रुपये का एक्सपोजर है। एक प्रमुख बैंकर के अनुसार बैंकों के लिए कंपनी को और कर्ज देना काफी मुश्किल है।
आर्थिक समस्याओं के चलते पायलटों और अन्य कर्मचारियों को वेतन भुगतान नहीं हो पाने के कारण ये लोग बड़ी संख्या में अचानक छुट्टी पर चले गए हैं। इस वजह से शनिवार से किंगफिशर की उड़ानें लगातार रद्द हो रही हैं।किंगफिशर एयरलाइंस के लिए वित्तीय संकट काफी गहरा चुका है, लेकिन कैबिनेट भारतीय विमानन कंपनियों में विदेशी विमानन कंपनियों को 49 फीसदी खरीदने के प्रस्ताव को संभवत: बजट के बाद ही हरी झंडी देगा। इसकी वजह यह है कि सरकार किसी कंपनी के पक्ष में खड़ी होती नहीं दिखना चाह रही है।सरकार के घरेलू विमान कंपनियों में विदेशी कंपनियों को 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति देने से किंगफिशर को कई वित्तीय संकटों से निजात मिलने का अनुमान है। इससे कई अन्य विमानन कंपनियों को मदद मिल सकती है जो वित्तीय दिक्कतों का सामना कर रही हैं और पूंजी जुटाने का विचार कर रही हैं। किंगफिशर और स्पाइसजेट ने इसमें दिलचस्पी दिखाई है लेकिन जेट एयरवेज और इंडिगो विदेशी पूंजी जुटाने को उत्सुक नहीं हैं।
नकदी के संकट से जूझ रहे विमानन उद्योग की एक प्रमुख मांग पूरी करते हुए सरकार ने बुधुवार को अधिसूचना जारी कर निजी विमानन कंपनियों को विमान ईंधन एटीएफ का सीधा आयात करने की अनुमति दे दी। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि स्थानीय रिफाइनरी कंपनियों से विमान ईंधन खरीदने के बजाय इसका सीधा आयात करने की इच्छुक विमानन कंपनियों को एक आयात लाइसेंस के लिए विदेश व्यापार महानिदेशालय के पास आवेदन करना होगा। समस्याग्रस्त विमानन कम्पनी किंगफिशर एयरलाइंस ने बुधवार को अपनी 20 उड़ानें रद्द कर दी, जिसके कारण किंगफिशर की उड़ानों के लिए टिकट बुक किए हुए यात्रियों को लगातार पांचवें दिन भी परेशानी का सामना करना पड़ा। उड्डयन उद्योग के नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने मंगलवार को किंगफिशर को 24 घंटे के अंदर संशोधित और व्यावहारिक उड़ान योजना पेश करने का निर्देश दिया था। किंगफिशर एयरलाइन ने डीजीसीए के पास अपना फ्लाइट शेययूल जमा करवा दिया है। किंगफिशऱ को अपने 64 जहाजों में से 28 जहाजों का फ्लाइट शेयड्यूल डीजीसीए को सौंपना था।इस बीच, मीडिया में इस तरह की खबरें हैं कि सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक किंगफिशर एयरलाइन को डेढ़ हज़ार करोड़ का कर्ज दे सकता है। पर इन खबरों की दोनों ही पक्षों की ओर से पु्ष्टि नही हुई है ।
दूसरी ओर भारी वित्तीय संकट से गुजर रही किंगफिशर एयरलाइंस को आज आयकर विभाग ने एक और जोर का झटका दिया है। आयकर विभाग ने किंगफिशर एयरलाइंस के खाते बहाल करने से इंकार कर दिया हैं। आयकर विभाग ने साफ-साफ कहा है कि वो किसी भी हालत में कंपनी के फ्रीज हुए खातों को बहाल नहीं करेगी। आयकर विभाग ने किंगफिशर एयरलाइंस को टिकट से होने वाली आय भी जमा करने का फैसला किया है।
जबकि नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह ने कहा कि भारी वित्तीय संकट से जूझ रही निजी क्षेत्र की एयरलाइन किंगफिशर को बेलआउट करने के लिए सरकार बैंकों पर किसी प्रकार का दबाव नहीं डालेगी। सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि यदि बैंक अपने कारोबार के तहत किंगफिशर को कुछ ऋण देना चाहते हैं तो हम उसका स्वागत करेंगे। उन्होंने कहा कि यह बैंकों पर निर्भर करता है कि वह रिजर्व बैंक की शर्तों के अनुस्प किंगफिशर को ऋण दे सकते हैं अथवा नही।नागरिक उड्डयन मंत्री ने बताया कि किंगफिशर से पायलटों की संख्या, प्लेन की संख्या और यात्रियों की सुरक्षा पर सूचीपत्र मांगा गया है। इस पर कंपनी ने कौन-कौन से कदम उठाए हैं। इसकी जानकारी मांगी है। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता है।
इसके विपरीत नई दिल्ली में एसोसियेटिड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज की 91वीं सालाना आम बैठक को संबोधित करने के बाद मोइली ने अलग से संवाददाताओं से कहा कि माल्या उनसे दो बार मिल चुके हैं। माल्या और मोइली दोनों ही कर्नाटक से हैं। उन्होंने कहा कि माल्या को ऐसी कोई रणनीति बनानी चाहिए जो कि वित्त मंत्रालय को स्वीकार्य हो।
मोइली ने कहा कि हां, क्यों नहीं माल्या मुझसे मिले हैं, क्योंकि वह कर्नाटक से हैं, किंगफिशर बचाया जाना चाहिये। माल्या को ऐसी कार्ययोजना तैयार करनी चाहिये जो कि वित्त मंत्रालय और कॉरपोरेट कार्यमंत्रालय को स्वीकार्य हो। उनकी विमानन कंपनी ने अच्छी सेवायें दी हैं, मैं उसकी बेहतरी चाहता हूं।
किंगफिशर एयरलाइंस पर 7,057.08 करोड़ रुपये का बकाया है। कंपनी ने उसे कर्ज देने वाले बैंकों के समूह से आग्रह किया है कि उसे 200 से 300 करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी का समर्थन दिया जाना चाहिये।
गौरतलब है कि देश के प्रमुख बैंकों के लिए किंगफिशर एअरलाइंस के लिए नए कर्ज को रिस्ट्रक्चर करना आसान नही है। भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में 13 बैंकों के बने समूह के लिए अपने कर्ज को बचाना मुश्किल हो रहा है। कंपनी द्वारा बैंकों से लिए गए कर्ज पर ब्याज न चुकाने के बाद अधिकतर बैंकों ने अपने कर्ज को एनपीए में डालना शुरू कर दिया है। देश के सबसे बैंक भारतीय स्टेट बैंक का कंपनी को 1457.78 करोड़ रुपये का एक्सपोजर है। सातवां आसमान छूने के अंदाज में धमाकेदार शुरुआत करने वाली किंगफिशर एयरलाइंस महज पांच-छह साल में किस तरह बदहाली के कगार पर आ पहुंची, यह दास्तान विमानन उद्योग ही नहीं समूचे कॉरपोरेट जगत में चर्चा का विषय बनी हुई है। सन 2005 में किंगफिशर की लांचिंग के समय उसके रंग-ढंग देखकर उम्मीद की जा रही थी कि आने वाले समय में यह कंपनी घरेलू एयरलाइन उद्योग की दिशा बदल कर रख देगी।बैंकों का समूह नकदी संकट से जूझ रही किंगफिशर एयरलाइंस को कर्ज दे सकता है, ताकि कंपनी कारोबार में बनी रहे। सूत्रों के अनुसार, भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में 13 बैंकों का समूह एयरलाइन को अल्पकालिक कोष देने पर विचार कर रहा है, लेकिन कंपनी को कितनी राशि दी जाए, इसके बारे में निर्णय अभी नहीं हो पाया है।
सूत्रों के अनुसार, प्रत्येक बैंक को इस बारे में अपने निदेशक मंडल से मंजूरी लेनी होगी। इस प्रक्रिया में कुछ समय लगेगा। अभी बैंकों या किंगफिशर की तरफ से इस रिपोर्ट के बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गयी है। समझा जाता है कि भारतीय स्टेट बैंक करीब 1,500 करोड़ रुपये देने पर सहमत हो गया है।
इस बीच बुधवार को मिले-जुले वैश्विक संकेतों के बीच भारतीय बाजार में मुनाफावसूली का दौर रहा जिससे सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) दोनों प्रमुख सूचकांकों को करीब डेढ़ से पौने दो फीसदी का नुकसान झेलना पड़ा। बीएसई (BSE) का सेंसेक्स 283 अंक या 1.54% गिर कर 18145 पर बंद हुआ। एनएसई (NSE) के निफ्टी को भी 102 अंक या 1.82% की चोट लगी और यह फिसल कर 5505 पर आ गया। इस साल 30 जनवरी के बाद यह भारतीय बाजार की दूसरी सबसे तीखी गिरावट है।
संकट से जूझ रही निजी क्षेत्र की एयरलाइन किंगफिशर ने बुधवार को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को अपनी उड़ानों का नया टाइम टेबल सौंप दिया। विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस ने इस नए टाइम टेबल के तहत 28 विमानों के जरिए दैनिक उड़ानों की संख्या घटाकर 170 करने का प्रस्ताव भेजा है। डीजीसीए के सूत्रों ने बताया कि नियामक द्वारा दी गई समयसीमा के मद्देनजर एयरलाइन ने मार्च तक के लिए नया टाइम टेबल सौंपा है।डीजीसीए प्रमुख ई के भारत भूषण से किंगफिशर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय अग्रवाल की मंगलवार को हुई मुलाकात में एयरलाइंस को 24 घंटे के भीतर उड़ानों की नई संशोधित सूची सौंपने का निर्देश दिया था।इस समय किंगफिशर के बेड़े में उड़ान भरने लायक विमानों की संख्या 28 है। यदि बीते नवंबर के हालात पर नजर डालें तो यह संख्या 64 थी। बेड़े के अधिकतर विमान स्पेयर पाट्र्स या कोई छोटी मोटी खराबी की वजह से रनवे से बाहर है। कंपनी की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि इन विमानों को ठीक किया जा सके। कंपनी का कहना था कि पायलटों की कमी की वजह से उड़ान रद्द नहीं हुई है।
इस बारे में संपर्क किये जाने पर एसबीआई के चेयरमैन प्रतीप चौधरी ने कुछ भी कहने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि ग्राहकों की गोपनीयता उन्हें किसी कंपनी विशेष के बारे में बात करने से मना करती है।
इस बीच, नागर विमानन मंत्री अजित सिंह ने कहा कि ईंधन आयात तथा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को उदार बनाए जाने के मंत्रालय के हाल के कदम से विमानन कंपनियों को कारोबार को व्यावहारिक बनाने में मदद मिली है।
सिंह ने यहां कहा कि इसीलिए, बैंक उन्हें कर्ज दे सकते हैं, यह अच्छा है। यह पूछे जाने पर क्या एसबीआई किंगफिशर एयरलाइंस को कर्ज दे रहा है, वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा कि मैं इस पर इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता है। जब भी ऐसा कुछ होगा, आपको पता चल जाएगा।
केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड के चेयरमैन एस के गोयल ने कहा कि किंगफिशर पर 70 करोड़ रुपये का कर्ज है। उसने इसकी अदायगी किस्तों में करने का आश्वासन दिया है। कंपनी ने दिसंबर में 10 करोड़ रुपये तथा जनवरी में 20 करोड़ रुपये दिये हैं। उन्हें फरवरी में 20 करोड़ रुपये देने हैं।
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Palash Biswas
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निजी विमानन कंपनियों को विमान ईंधन
का सीधा आयात करने की अनुमति पर आयकर विभाग ने किंगफिशर एयरलाइंस के खाते बहाल करने से इंकार कर दिया
मुंबई से एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
किंगफिशर को बेलआउट के मसले पर केंद्रीय मंत्रिमंडल में मतभेद उभरकर सामने आ गए हैं। जहां बेल आउट से नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह सीध इंकार कर रहे हैं, वहीं चौतरफा आलोचनाओं में घिरे संकट से जूझ रहे किंगफिशर एयरलाइन के मालिक विजय माल्या को कॉरपोरेट कार्य मंत्री वीरप्पा मोइली से मंगलवार को उस समय सहारा मिला, जब मोइली खुलकर उनके समर्थन में आगे आ गए और उन्होंने कहा कि इस विमानन कंपनी को बचाया जाना चाहिए।कारपोरेट हितों की लड़ाई में न सिर्फ बैंकों बल्कि यूपीए सरकार की साख भी गिरने लगी है। एअऱ इंडिया के मसले पर प्रफुल्ल पटेल का किस्सा अलग है। मालूम हो कि किंग फिशर को कर्ज देने की खबर फैलते ही शेयर बाजार में स्टेट बैंक आफ इंडिया के शेयरों के भाव गिरने लगे। सरकार के भाव का क्या होगा? देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक आफ इंडिया के शयरों में किंग फिशर को कर्ज देने पर सहमति की खबर से आठ प्रतिशत गिरावट दर्ज की गयी। सरकार विजय माल्या को संकट से उबारने के फेर में एसबीआई की ऐसी तैसी करने में लगी है, ऐसा कारपोरेट सूत्रों का मानना है।सरकारी हस्तक्षेप से डीजीसीए के दंड से भी किंग फिशर को बचा लिया गया। जाहिर है कि विजय माल्या के लंबे हाथ हैं। ये हाथ सरकारी क्षेत्र के एअर इंडिया को नसीब होते तो उसके कर्मचारियों पायलटों को दाने दाने को मोहताज होना नहीं पड़ता।देश के सबसे बैंक भारतीय स्टेट बैंक का कंपनी को 1457.78 करोड़ रुपये का एक्सपोजर है। स्टेट बैंक ने जनवरी में कहा था कि कंपनी को दिया गया कर्ज एनपीए हो गया है। तेरह बैंकों के समूह के द्वारा कंपनी को करीब 6400 करोड़ रुपये का एक्सपोजर है। एक प्रमुख बैंकर के अनुसार बैंकों के लिए कंपनी को और कर्ज देना काफी मुश्किल है।
आर्थिक समस्याओं के चलते पायलटों और अन्य कर्मचारियों को वेतन भुगतान नहीं हो पाने के कारण ये लोग बड़ी संख्या में अचानक छुट्टी पर चले गए हैं। इस वजह से शनिवार से किंगफिशर की उड़ानें लगातार रद्द हो रही हैं।किंगफिशर एयरलाइंस के लिए वित्तीय संकट काफी गहरा चुका है, लेकिन कैबिनेट भारतीय विमानन कंपनियों में विदेशी विमानन कंपनियों को 49 फीसदी खरीदने के प्रस्ताव को संभवत: बजट के बाद ही हरी झंडी देगा। इसकी वजह यह है कि सरकार किसी कंपनी के पक्ष में खड़ी होती नहीं दिखना चाह रही है।सरकार के घरेलू विमान कंपनियों में विदेशी कंपनियों को 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति देने से किंगफिशर को कई वित्तीय संकटों से निजात मिलने का अनुमान है। इससे कई अन्य विमानन कंपनियों को मदद मिल सकती है जो वित्तीय दिक्कतों का सामना कर रही हैं और पूंजी जुटाने का विचार कर रही हैं। किंगफिशर और स्पाइसजेट ने इसमें दिलचस्पी दिखाई है लेकिन जेट एयरवेज और इंडिगो विदेशी पूंजी जुटाने को उत्सुक नहीं हैं।
किंगफिशर को राहत पैकेज देने के लिए एक बार फिर एसबीआई सामने आई है। जानकारी के मुताबिक भारतीय स्टेट बैंक 1680 करोड़ रुपये का राहत पैकेज दे सकता है। उड्डयन मंत्री अजित सिंह ने भी इस पैकेज पर किसी तरह की आपत्तिसे इंकार किया है। संकटग्रस्त किंगफिशर एयरलाइंस को भारतीय स्टेट बैंक द्वारा नया ऋण देने की खबर से बुधवार को बैंक का शेयर 8 प्रतिशत लुढ़क गया। किंगफिशर को एसबीआई द्वारा दिए गए पुराने कर्ज की चिंता कायम है, ऐसे में बैंक द्वारा नया कर्ज देने की खबर का उसके शेयरों पर प्रतिकूल असर पड़ा।संभावित कारवाई की आशंका में मंगलवार को सुबह किंगफिशर के शेयरों में भारी बिकवाली रही और एक समय यह 21.40 रुपये तक गिर गए। लेकिन, कारवाई टलने से बाद में इसके शेयरों में खासी लिवाली रही। शाम को बीएसई पर कंपनी के शेयर का भाव 0.75 फीसदी की बढ़त के साथ 26.80 रुपये पर बंद हुआ।किंगफिशर एयरलाइंस ने ब्याज बचाने के लिए वैकल्पिक तौर पर कनवर्टेबल डिबेंचर्स (ओसीडी) को इक्विटी शेयरों में बदल दिया है। कंपनी ने 7.98 करोड़ इक्विटी शेयर जारी किए हैं।किंगफिशर को वर्ष 2010-11 के दौरान 1027 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था, जबकि इसके ऊपर 7,057.08 करोड़ रुपये का ऋण है। चालू वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान कंपनी को 444 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था!आर्थिक संकट से गुजर रही निजी विमानन कंपनी किंगफिशर ने ब्याज भुगतान में दी जाने वाली राशि बचाने के मकसद से वैकल्पिक परिवर्तनीय ऋणपत्र (ओसीडी) के एवज में 7.98 करोड़ शेयरों का आवंटन किया है। किंगफिशर ने बीएसई को ओसीडी के बदले में शेयर आवंटित किए जाने की जानकारी दी है।उसने बताया है कि एलकेपी सिक्यूरिटीज, रीडेक्ट कंसल्टेंसी और स्टार इंवेस्टमेंट्स को 25.01 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से कुल 7.98 करोड़ शेयर आवंटित किए गए हैं। किंगफिशर के इस कदम से ओसीडी पर ब्याज के रूप में दी जाने वाली एक बड़ी राशि बच जाएगी। अब कंपनी की कुल शेयर पूंजी 497 करोड़ रुपये से बढ़कर 577 करोड़ रुपये हो गई है।
मंगलवार को हुई किंगफिशर और डीजीसीए के अधिकारियों की बैठक के बाद उड्डयन महानिदेशालय ने फिलहाल कंपनी पर किसी तरह का जुर्माना लगाने या दंडात्मक कार्रवाई की बात से इंकार कर दिया है। डीजीसीए के मुताबिक उसका मकसद कंपनी को दोबारा अपने पैरों पर खड़ा करने का है। एयरक्राफ्ट रूल्स 1937 की धारा 140 (ए) के अनुसार यदि कोई एयरलाइन अलॉटेड रूट पर उड़ान नहीं भरती है तो इसके लिए उसे डीजीसीए से पहले अनुमति लेनी पड़ती है। अनुमति के बगैर यदि ऐसा होता है तो इसके लिए दंडात्मक प्रावधान हैं, जिसमें फ्लाइट परमिट रद्द होना भी शामिल है।पर किंगफिशर बार बार एक ही अपराध करके मुसाफिरों को तबाह करते रहने के बावजूद बार बार पार पाने को खुशकिस्मत है। यह छूट दूसरी कंपनियों को क्यों नहीं है?भारतीय स्टेट बैंक से मिलने वाले राहत पैकेज से मुमकिन है कि कंपनी कुछ समय के लिए उबर पाए। हालांकि पहले कंपनी ने इस तरह की संभावनाओं से इंकार किया था। मंगलवार को किंगफिशर के सीईओ और डीजीसीए के अधिकारियों की बैठक डीजीसीए के कुछ दिशा-निर्देशों के बाद खत्म हो गई। लेकिन इससे यात्रियों की समस्या हल नहीं हुई। वह आज भी ज्यों की त्यों बनी हुई है। डीजीसीए ने किंगफिशर के सभी विमानों की जांच के आदेश दिए हैं।इस बीच खबर है कि किंगफिशर कोलकाता से आंशिक रूप से खासकर पूर्वोत्तर के लिए उड़ान सेवा बहाल कर दी है। कोलकाता से कंपनी की सभी उड़ानें शुक्रवार से बंद थी।
बंबई शेयर बाजार में एसबीआई के शेयरों में भारी बिकवाली का दबाव रहा और एक समय यह 8.55 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2,242 रुपये पर आ गया था। हालांकि अंत में कुछ नुकसान की भरपाई करते हुए यह 7.91 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2,257.80 रुपये पर बंद हुआ।
नेशनल स्टाक एक्सचेंज में एसबीआई का शेयर 8.13 प्रतिशत के नुकसान के साथ 2,252.95 रुपये पर बंद हुआ।
नकदी के संकट से जूझ रहे विमानन उद्योग की एक प्रमुख मांग पूरी करते हुए सरकार ने बुधुवार को अधिसूचना जारी कर निजी विमानन कंपनियों को विमान ईंधन एटीएफ का सीधा आयात करने की अनुमति दे दी। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि स्थानीय रिफाइनरी कंपनियों से विमान ईंधन खरीदने के बजाय इसका सीधा आयात करने की इच्छुक विमानन कंपनियों को एक आयात लाइसेंस के लिए विदेश व्यापार महानिदेशालय के पास आवेदन करना होगा। समस्याग्रस्त विमानन कम्पनी किंगफिशर एयरलाइंस ने बुधवार को अपनी 20 उड़ानें रद्द कर दी, जिसके कारण किंगफिशर की उड़ानों के लिए टिकट बुक किए हुए यात्रियों को लगातार पांचवें दिन भी परेशानी का सामना करना पड़ा। उड्डयन उद्योग के नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने मंगलवार को किंगफिशर को 24 घंटे के अंदर संशोधित और व्यावहारिक उड़ान योजना पेश करने का निर्देश दिया था। किंगफिशर एयरलाइन ने डीजीसीए के पास अपना फ्लाइट शेययूल जमा करवा दिया है। किंगफिशऱ को अपने 64 जहाजों में से 28 जहाजों का फ्लाइट शेयड्यूल डीजीसीए को सौंपना था।इस बीच, मीडिया में इस तरह की खबरें हैं कि सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक किंगफिशर एयरलाइन को डेढ़ हज़ार करोड़ का कर्ज दे सकता है। पर इन खबरों की दोनों ही पक्षों की ओर से पु्ष्टि नही हुई है ।
दूसरी ओर भारी वित्तीय संकट से गुजर रही किंगफिशर एयरलाइंस को आज आयकर विभाग ने एक और जोर का झटका दिया है। आयकर विभाग ने किंगफिशर एयरलाइंस के खाते बहाल करने से इंकार कर दिया हैं। आयकर विभाग ने साफ-साफ कहा है कि वो किसी भी हालत में कंपनी के फ्रीज हुए खातों को बहाल नहीं करेगी। आयकर विभाग ने किंगफिशर एयरलाइंस को टिकट से होने वाली आय भी जमा करने का फैसला किया है।
जबकि नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह ने कहा कि भारी वित्तीय संकट से जूझ रही निजी क्षेत्र की एयरलाइन किंगफिशर को बेलआउट करने के लिए सरकार बैंकों पर किसी प्रकार का दबाव नहीं डालेगी। सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि यदि बैंक अपने कारोबार के तहत किंगफिशर को कुछ ऋण देना चाहते हैं तो हम उसका स्वागत करेंगे। उन्होंने कहा कि यह बैंकों पर निर्भर करता है कि वह रिजर्व बैंक की शर्तों के अनुस्प किंगफिशर को ऋण दे सकते हैं अथवा नही।नागरिक उड्डयन मंत्री ने बताया कि किंगफिशर से पायलटों की संख्या, प्लेन की संख्या और यात्रियों की सुरक्षा पर सूचीपत्र मांगा गया है। इस पर कंपनी ने कौन-कौन से कदम उठाए हैं। इसकी जानकारी मांगी है। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता है।
इसके विपरीत नई दिल्ली में एसोसियेटिड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज की 91वीं सालाना आम बैठक को संबोधित करने के बाद मोइली ने अलग से संवाददाताओं से कहा कि माल्या उनसे दो बार मिल चुके हैं। माल्या और मोइली दोनों ही कर्नाटक से हैं। उन्होंने कहा कि माल्या को ऐसी कोई रणनीति बनानी चाहिए जो कि वित्त मंत्रालय को स्वीकार्य हो।
मोइली ने कहा कि हां, क्यों नहीं माल्या मुझसे मिले हैं, क्योंकि वह कर्नाटक से हैं, किंगफिशर बचाया जाना चाहिये। माल्या को ऐसी कार्ययोजना तैयार करनी चाहिये जो कि वित्त मंत्रालय और कॉरपोरेट कार्यमंत्रालय को स्वीकार्य हो। उनकी विमानन कंपनी ने अच्छी सेवायें दी हैं, मैं उसकी बेहतरी चाहता हूं।
किंगफिशर एयरलाइंस पर 7,057.08 करोड़ रुपये का बकाया है। कंपनी ने उसे कर्ज देने वाले बैंकों के समूह से आग्रह किया है कि उसे 200 से 300 करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी का समर्थन दिया जाना चाहिये।
गौरतलब है कि देश के प्रमुख बैंकों के लिए किंगफिशर एअरलाइंस के लिए नए कर्ज को रिस्ट्रक्चर करना आसान नही है। भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में 13 बैंकों के बने समूह के लिए अपने कर्ज को बचाना मुश्किल हो रहा है। कंपनी द्वारा बैंकों से लिए गए कर्ज पर ब्याज न चुकाने के बाद अधिकतर बैंकों ने अपने कर्ज को एनपीए में डालना शुरू कर दिया है। देश के सबसे बैंक भारतीय स्टेट बैंक का कंपनी को 1457.78 करोड़ रुपये का एक्सपोजर है। सातवां आसमान छूने के अंदाज में धमाकेदार शुरुआत करने वाली किंगफिशर एयरलाइंस महज पांच-छह साल में किस तरह बदहाली के कगार पर आ पहुंची, यह दास्तान विमानन उद्योग ही नहीं समूचे कॉरपोरेट जगत में चर्चा का विषय बनी हुई है। सन 2005 में किंगफिशर की लांचिंग के समय उसके रंग-ढंग देखकर उम्मीद की जा रही थी कि आने वाले समय में यह कंपनी घरेलू एयरलाइन उद्योग की दिशा बदल कर रख देगी।बैंकों का समूह नकदी संकट से जूझ रही किंगफिशर एयरलाइंस को कर्ज दे सकता है, ताकि कंपनी कारोबार में बनी रहे। सूत्रों के अनुसार, भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में 13 बैंकों का समूह एयरलाइन को अल्पकालिक कोष देने पर विचार कर रहा है, लेकिन कंपनी को कितनी राशि दी जाए, इसके बारे में निर्णय अभी नहीं हो पाया है।
सूत्रों के अनुसार, प्रत्येक बैंक को इस बारे में अपने निदेशक मंडल से मंजूरी लेनी होगी। इस प्रक्रिया में कुछ समय लगेगा। अभी बैंकों या किंगफिशर की तरफ से इस रिपोर्ट के बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गयी है। समझा जाता है कि भारतीय स्टेट बैंक करीब 1,500 करोड़ रुपये देने पर सहमत हो गया है।
इस बीच बुधवार को मिले-जुले वैश्विक संकेतों के बीच भारतीय बाजार में मुनाफावसूली का दौर रहा जिससे सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) दोनों प्रमुख सूचकांकों को करीब डेढ़ से पौने दो फीसदी का नुकसान झेलना पड़ा। बीएसई (BSE) का सेंसेक्स 283 अंक या 1.54% गिर कर 18145 पर बंद हुआ। एनएसई (NSE) के निफ्टी को भी 102 अंक या 1.82% की चोट लगी और यह फिसल कर 5505 पर आ गया। इस साल 30 जनवरी के बाद यह भारतीय बाजार की दूसरी सबसे तीखी गिरावट है।
संकट से जूझ रही निजी क्षेत्र की एयरलाइन किंगफिशर ने बुधवार को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को अपनी उड़ानों का नया टाइम टेबल सौंप दिया। विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस ने इस नए टाइम टेबल के तहत 28 विमानों के जरिए दैनिक उड़ानों की संख्या घटाकर 170 करने का प्रस्ताव भेजा है। डीजीसीए के सूत्रों ने बताया कि नियामक द्वारा दी गई समयसीमा के मद्देनजर एयरलाइन ने मार्च तक के लिए नया टाइम टेबल सौंपा है।डीजीसीए प्रमुख ई के भारत भूषण से किंगफिशर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय अग्रवाल की मंगलवार को हुई मुलाकात में एयरलाइंस को 24 घंटे के भीतर उड़ानों की नई संशोधित सूची सौंपने का निर्देश दिया था।इस समय किंगफिशर के बेड़े में उड़ान भरने लायक विमानों की संख्या 28 है। यदि बीते नवंबर के हालात पर नजर डालें तो यह संख्या 64 थी। बेड़े के अधिकतर विमान स्पेयर पाट्र्स या कोई छोटी मोटी खराबी की वजह से रनवे से बाहर है। कंपनी की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि इन विमानों को ठीक किया जा सके। कंपनी का कहना था कि पायलटों की कमी की वजह से उड़ान रद्द नहीं हुई है।
इस बारे में संपर्क किये जाने पर एसबीआई के चेयरमैन प्रतीप चौधरी ने कुछ भी कहने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि ग्राहकों की गोपनीयता उन्हें किसी कंपनी विशेष के बारे में बात करने से मना करती है।
इस बीच, नागर विमानन मंत्री अजित सिंह ने कहा कि ईंधन आयात तथा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को उदार बनाए जाने के मंत्रालय के हाल के कदम से विमानन कंपनियों को कारोबार को व्यावहारिक बनाने में मदद मिली है।
सिंह ने यहां कहा कि इसीलिए, बैंक उन्हें कर्ज दे सकते हैं, यह अच्छा है। यह पूछे जाने पर क्या एसबीआई किंगफिशर एयरलाइंस को कर्ज दे रहा है, वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा कि मैं इस पर इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता है। जब भी ऐसा कुछ होगा, आपको पता चल जाएगा।
केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड के चेयरमैन एस के गोयल ने कहा कि किंगफिशर पर 70 करोड़ रुपये का कर्ज है। उसने इसकी अदायगी किस्तों में करने का आश्वासन दिया है। कंपनी ने दिसंबर में 10 करोड़ रुपये तथा जनवरी में 20 करोड़ रुपये दिये हैं। उन्हें फरवरी में 20 करोड़ रुपये देने हैं।
Palash Biswas
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