Sunday, 12 February 2012 15:47 |
उद्योग जगत भारतीय डाक विभाग के विभिन्न कायों को पृथक-पृथक किए जाने की मांग करता आ रहा है। वह विभाग के व्यावसायियक, निति नियंतात्मक और नियामकीय कार्यों को अलग अलग रखने के पक्ष में है जो अभी एक ही संस्था में निहित हैं। फिलहाल इंडिया पोस्ट को छोड़कर कोई अन्य व्यक्ति देश में वाणिज्यिक तौर पर किसी किस्म की चिट्ठी पहुंचाने का काम नहीं कर सकता। इस क्षेत्र में नई कंपनियों को मान्यता प्रदान करने के लिए करीब 100 साल से अधिक पुराने 'भारतीय डाकघर अधिनियम' 1898 में संशोधन करने की जरूरत है। |
Monday 13 February 2012
डाक विभाग का एकाधिकार खत्म करने की सिफारिश
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