कहाँ गये विकल्प का वादा करने वाले ?
कहाँ गये विकल्प का वादा करने वाले ?
कड़ाके की ठंड के बीच उत्तराखंड की तीसरी विधान सभा चुनने वाले कुल 63,63,914 मतदाता, जिनमें 35,45,362 पुरुष व 30,16,209 महिलायें हैं, असमंजस की स्थिति में हैं। राष्ट्रीय दलों के पास कोई मुद्दे नहीं हैं, मगर भाजपा-कांग्रेस का विकल्प देने का दावा करने वाला तीसरा मोर्चा अस्तित्व में आने से पूर्व ही बिखर गय़ा है। पूरे राज्य में विकल्पहीनता की स्थिति बनी है। कई सीटों पर राज्य आंदोलनकारी आमने-सामने होने से कांग्रेस-भाजपा के उम्मीदवारों की राह आसान बन गई है।
चुनाव लड़ने वाले भाजपा, कांग्रेस, सपा, बसपा, जदयू, लोजपा, रालोद, एनसीपी जैसे राष्ट्रीय दलों में इस बार तृणमूल कांग्रेस, मुस्लिम लीग और शिव सेना भी शामिल हो गये हैं। उत्तराखंड क्रांति दल दोफाड़ होने के बाद दिवाकर भट्ट ने अपने साथी विधायक ओमगोपाल के साथ भाजपा के चुनाव चिन्ह पर लड़ना तय किया तो उनका धड़ा एक बार फिर टूट गया और उसके कार्यकारी अध्यक्ष बलवन्त सिंह चुफाल अपने कार्यकर्ताओं के साथ चुनाव मैदान में कूद पड़े। उक्रांद (पँवार) का तीसरा मोर्चा बनाने का प्रयास बहुत सफल नहीं हो पाया। उत्तराखंड लोक वाहिनी ने कड़ाके की ठंड में चुनाव कराने का विरोध करते हुए स्वयं को चुनाव से अलग कर लिया तो वाहिनी से अलग हुए पी.सी. तिवारी ने अपनी 'उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी' का 'जनमंच' से गठबंधन कर कई सीटों पर उम्मीदवार खड़े किये हैं। स्वयं पी.सी. तिवारी द्वाराहाट सीट पर खड़े होकर उत्तराखंड क्रांति दल के मौजूदा विधायक पुष्पेश त्रिपाठी के लिये खतरा बन गये हैं। ऐसा अन्यत्र भी हुआ है, जहाँ जनान्दोलनों की पृष्ठभूमि से निकले उम्मीदवार आमने-सामने हैं। कर्णप्रयाग सीट पर उक्रांद (पी) के चतुर सिंह नेगी और भाकपा (माले) के इन्द्रेश मैखुरी एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोंकते दिखाई दे रहे हैं। धारचूला में लम्बे समय से जन समस्याओं को लेकर लड़ रहे भाकपा (माले) के जगत मर्तोलिया उक्रांद (पी) के दिग्गज नेता काशी सिंह ऐरी के सामने हैं। यहाँ पर उपपा के दिनेश सिंह भी मौजूद हैं। सल्ट सीट पर पुराने आन्दोलनकारी भाकपा (माले) के पुरुषोत्तम शर्मा का मुकाबला उपपा के तेजतर्रार युवा नारायण सिंह रावत के साथ-साथ उक्रांद (पी) के पान सिंह रावत के साथ चल रहा है। रामनगर से उपपा के प्रभात ध्यानी, उक्रांद के प्रेम चन्द्र जोशी व भगत सिंह लोक मंच के कमलेश भाजपा-कांग्रेस से नहीं, एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में लगे हैं। लालकुआँ सीट पर भाकपा के मानसिंह पाल, उक्रांद (पी) के बसन्त जोशी और उपपा के मुकेश चन्दोला खड़े हैं। गंगोत्री सीट पर भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी, उपपा व उक्रांद (पी) तथा केदारनाथ सीट पर से भाकपा व माकपा आपस में एक-दूसरे के वोट काट रहे हैं। टी.पी.एस. रावत के उत्तराखंड रक्षा मोर्चा के प्रत्याक्षी भी अधिकांश सीटों पर खड़े हैं।
इनके अलावा जन लोक कल्याण पार्टी, गोरखा डेमोक्रेटिक फ्रंट, रक्षा मोर्चा, सैनिक समाज पार्टी, राष्ट्रीय क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी, पेंथर्स पार्टी, रालोनिपा, इकबाल विकास दल, मैदानी क्रांति दल, मानवाधिकार जनशक्ति पार्टी, जनचेतना पार्टी, उत्तराखंड सेना पार्टी, प्रवशद, भारतीय चौतन्य पार्टी, आई.एम.एल., भारतीय न्यायवादी पार्टी, सूर्याश्रमिक संगठन, पीस पार्टी, आई जेपी, राविपा जैसे कुछ दल-संगठन भी इस बार के चुनाव में दिखाई दे रहे हैं।
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