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Wednesday 10 April 2013

प्रगतिशील बंगाल में भी मोदी संस्कृति का संक्रमण होने लगा!



प्रगतिशील बंगाल में भी मोदी संस्कृति का संक्रमण होने लगा!

एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​

प्रधानमंत्रित्व की दावेदारी मजबूत करने दिग्विजय पर निकले नरेंद्र मोदी ने उद्योगजगत के सामने अपने विकास माडल रखने में कोई कोताही नहीं करेंगे, यह तो मालूम था।, लेकिन जिस तरह उन्होंने बंगाल में वाम शासन की ालोचना करते हुए ममता बनर्जी की सरकार की तारीफों की झड़ी लगा दी, उससे सबसे खतरनाक संकेत यह निकलता है कि उग्रतम हिंदुत्व की लाइन में ध्रूवीकरण के सिलसिले में कहीं न कहीं ममता बनर्जी और नरेंद्र मोदी का समीकरण बनने लगा है। नीतीश कुमार के तीखे विरोध के मद्देनजर ममता बनर्जी मोदी की रणनीति पर सर्वोच्च प्राथमिकता पर होंगी, इसमें कोई अचरज की बात​​ नहीं है। पर आर्थिक विकास के मुद्दे को हिंदुत्व से जोड़ने की कलाबाजी में उन्होंने उग्रतम हिंदुत्व के पक्ष में जो ध्रुवीकरण की जो दिशा तय की है, वह हैरतअंगेज है।संयोग यह रहा कि पंचायत चुनाव राज्य के राजनीतिक संघर्ष की विरासत में बिना केंद्रीय वाहिनी के कराने से इंकार कर रहे राज्य चुनाव ​​आयोग के अदालत की शरण में जाने के बाद दिल्ली में हुए एक उग्र प्रदर्शन के बहाने बंगाल में ये पंक्तियां लिखने तक जो अभूतपूर्व अराजकता और हिंसा का माहौल बन गया है, उससे लगने लगा है कि प्रगतिशील बंगाल में भी मोदी संस्कृति का संक्रमण होने लगा है। भाजपा ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को भले ही प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में अब तक पेश न किया हो, लेकिन मोदी उसी छवि के अनुरूप अपनी नई पारी खेल रहे हैं। मोदी ने मंगलवार को कोलकाता में केंद्र की संप्रग सरकार और 34 वर्ष तक लगातार बंगाल की सत्ता में रही वामपंथी सरकार की जमकर आलोचना की। कहा, संप्रग सरकार ने देश का भरोसा खो दिया है, वह कैलेंडर नहीं बल्कि घड़ी देखकर चल रही है, यह कभी भी गिर सकती है। मोदी यहां पर राज्य के उद्योगपतियों को संबोधित कर रहे थे। राजनीति और अर्थ के इस समागम में मोदी ने राज्य की ममता सरकार की प्रशंसा की।भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री पद के संभावित उम्मीदवार माने जा रहे नरेंद्र मोदी ने केंद्र पर नीतिगत जड़ता का आरोप लगाया और दावा किया कि यह इतालवी मरीन, बांग्लादेश और पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा भारतीय सैनिकों का सिर कलम करने सहित कई मुद्दों पर लड़खड़ाती नजर आ रही है।

मोदी के दौरे के मध्य ही सीपीएम की छात्र इकाई एसएफआई के कार्यकर्ताओं द्वारा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य के वित्त मंत्री अमित से हाथापाई के बाद तृणमूल कार्यकर्ता भड़क गए हैं। जैसे ही बंगाल में यह खबर फैली तृणमूल कार्यकर्ताओं ने राज्य लगभग सभी जिलों में सीपीएम के दफ्तरों पर हमला बोल दिया है। सीपीएम के दफ्तरों में तोड़फोड़ की गई है। इधर, दिल्ली में एसएफआई के कार्यकर्ताओं से ममता इतनी नाराज हो गई हैं कि उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन‍ सिंह के साथ होने वाली मुलाकात भी रद्द कर दी है। हालांकि, ममता ने इसके पीछे स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है। खबर है कि ममता ने मेडिकल जांच के लिए राम मनोहर लोहिया के डॉक्‍टरों को बुलाया है। गौरतलब है कि बदसलूकी की घटना के तुरंत बाद ममता योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अलूवालिया पर भड़क गई थीं। उन्होंने यहां तक धमकी दी कि वह दिल्ली आना छोड़ देंगी।ममता बनर्जी ने मोंटेक सिंह अहलूवालिया से शिकायत करते हुए साफ शब्दों में कहा कि उनकी और उनके मंत्री की पिटाई की गई है। इस पूरी घटना के बाद मोंटेक और राजीव शुक्ला को ममता से माफी मांगनी पड़ी। ममता और अमित मित्रा के साथ बदसलूकी के बाद केंद्र सरकार हरकत में आई, तुरंत अमित मित्रा को एम्स अस्पताल ले जाकर उनका इलाज कराया गया। इसके बाद दिल्ली के आला पुलिस अफसर योजना भवन पहुंचे और अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। जांच के बाद दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्रालय को रिपोर्ट दी।दरअसल ममता बनर्जी को योजना आयोग के प्रोटोकॉल अफसर ने ये जानकारी दी थी कि उन्हें VIP गेट से जाना है लेकिन ममता ने VIP गेट ना लेकर मेन गेट से जाने का फैसला किया। प्रदर्शन को देखते हुए ये गेट CISF ने बंद कर रखा था। CISF को ये गेट खोलने में देर हुई। ममता तो गेट के भीतर चली गईं लेकिन अमित मित्रा नहीं जा पाए।

CPI(M) on Tuesday alleged its offices across West Bengal were attacked by ruling Trinamool Congress workers today following the heckling of West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee and alleged manhandling of Finance Minister Amit by SFI members in Delhi.

The attacks took place in Hooghly, Howrah, Bankura, Birbhum, North and South 24 Parganas, Nadia, Cooch Behar and Darjeeling districts, CPI(M) sources said.

A former party MLA Akkel Ali and two local leaders Sheikh Sahabuddin and Durjay Mukherjee were injured and hospitalised in an alleged attack by Trinamool men at a party office in Bagnan in Howrah district.

CPI (M) offices were vandalised Udaynarayanpur, Salkia and Domjur in Howrah district.

Six CPI(M) offices at Barrackpore in North 24 Parganas district were burnt down and the car of former minister and CPI(M) leader Sudarshan Roychowdhury damaged at Serampore in Hooghly district, sources said.

Another ex-minister and veteran leader Abdur Rezzak Mollah's car was attacked with bombs at Baruipur in South 24 Parganas district, they said.


In Nadia district, CPI(M) offices in Chakdaha, Kalyani, Shantipur, Mohonpur, Gayespur, Madanpur, Kataganj, Haringhata and Hanskhali were ransacked.

District CPI(M) Secretary Sumit Dey alleged five party workers were injured in the attacks, a charge denied by TC district leaders.

CPI(M) workers were driven out of party offices and furniture damaged at Haripal, Tarakeswar, Pursura, and Chunchura in Hooghly district, the sources said.

Police said in Pursura, seven bombs were found from a CPI(M) office after receiving a complaint from Trinamool.

CPI(M) Bankura district leader Amiyo Patro alleged around 30 armed TMC workers raided the Marxist party office at Taldangra with the police remaining a mute spectator.

In Birbhum district, CPI(M) leader Debashis Ganguly alleged TC men from a procession came and vandalised the party's zonal office in Suri.

West Bengal Chief Minister today faced protests over death of an SFI member from Left activists who also heckled her Finance Minister Amit Mitra outside the Planning Commission office here.

A group of protesters from Left organisations, which waited for the Trinamool Congress Chief outside the Commission's office, raised slogans against her when she arrived with Mitra at 3:45 pm to meet plan panel Deputy Chairperson Montek Singh Ahluwalia.

Mamata Banerjee, who was advised by police not to get down from her car and drive inside, however, chose to walk through the slogan-shouting and placard-wielding crowd into the building.

The protesters heckled Mitra whose kurta was torn in the melee. Panchayat Minister Subrata Mukherjee and Urban Development Minister Firhad Hakim also faced the ire of the activists who were protesting the death of Sudipto Gupta, a leader of CPI(M)'s student wing SFI.

As SFI and CPI(M) members chanted "Mamata Banerjee hai hai (Mamata down down), TMC hai hai, Hatyari Mamata sharm karo (have shame, killer Mamata)", an agitated CM walked into the building shouting that "this is uncivilised behaviour".

Irked by the scene that unfolded outside, she complained to Ahluwalia, "You have created a new precedent. My minister was assaulted. This is scandalous. There were 20 hooligans. Can you stop development of a state like this?"

Meanwhile, Delhi Police have registered a case against unknown persons for manhandling West Bengal Finance Minister Amit Mitra.
इसी के मध्य पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मंगलवार को होने वाली अहम मुलाकात रद्द हो गयी। यहां योजना आयोग में वामपंथी कार्यकर्ताओं के विरोध पर ममता की नाराजगी की पृष्ठभूमि में बैठक रद्द हुई है।सूत्रों ने बताया कि ममता ने यह कहते हुए बैठक रद्द करने को कहा कि वह स्वस्थ नहीं हैं और उनका रक्तचाप कम हो गया है।ममता के करीबी सूत्रों ने बताया कि मंगलवार की बैठक रद्द हो गयी है। हम प्रधानमंत्री से मुलाकात के लिए नयी तारीख बताने को कहेंगे। ममता वैसे तो गुरूवार तक दिल्ली में रहेंगी लेकिन इस बीच उनकी प्रधानमंत्री से मुलाकात की संभावना नहीं है क्योंकि प्रधानमंत्री बुधवार सुबह जर्मनी के लिए रवाना हो रहे हैं और शुक्रवार की रात को लौटेंगे।ममता ने पहले कहा था कि वह प्रधानमंत्री के साथ बैठक में राज्य के अपने उचित हिस्से की मांग करेंगी।मुख्यमंत्री ने कल कहा था कि मैं कल न्याय मांगने दिल्ली जा रही हूं। हम जानना चाहते हैं कि बंगाल वंचित क्यों है। हम केंद्र की आर्थिक रुकावटों के खिलाफ भी विरोध जताएंगे।

नई दिल्‍ली में एसएफआई के एक कार्यकर्ता की मौत पर उत्तेजित माकपा और उसके छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं ने आज योजना आयोग कार्यालय के बाहर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का घेराव किया और राज्य के वित्तमंत्री अमित मित्रा से हाथापाई की। माकपा और एसएफआई के करीब 150 प्रदर्शनकारियों का एक समूह योजना आयोग के कार्यालय के बाहर तृणमूल कांग्रेस प्रमुख का इंतजार कर रहा था। मुख्यमंत्री जब मित्रा के साथ पौने चार बजे आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेकसिंह अहलूवालिया से मिलने पहुंचीं तो प्रदर्शनकारियों ने उनका घेराव किया और नारे लगाए।बनर्जी को पुलिस ने सलाह दी थी कि वह अपनी कार से बाहर नहीं निकलें और अंदर चली जाएं, लेकिन मुख्यमंत्री ने नारे लगा रहे एवं तख्तियां लहरा रहे प्रदर्शनकारियों के बीच से भवन के अंदर जाना पसंद किया। एसएफआई और माकपा के सदस्यों ने ममता बनर्जी हाय हाय, तृणमूल कांग्रेस हाय हाय, हत्यारी ममता शर्म करो के नारे लगाए। क्षुब्ध मुख्यमंत्री यह कहते हुए भवन के अंदर प्रवेश कर गईं कि 'यह असभ्‍य व्यवहार' है।बहरहाल, प्रदर्शनकारियों ने 65 वर्षीय मित्रा से हाथापाई की जिसमें उनका कुर्ता फट गया। पश्चिम बंगाल के पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी और शहरी विकास मंत्री फरहाद हाकिम को भी प्रदर्शनकारियों के विरोध का सामना करना पड़ा।

योजना आयोग के कार्यालय के बाहर के दृश्यों से क्षुब्ध ममता ने अहलूवालिया से शिकायत की, आपने एक नया चलन स्थापित किया है। मेरे मंत्री पर हमला हुआ। यह निंदनीय है। करीब 20 शरारती तत्व थे। क्या आप इस तरह के राज्य में विकास रोक सकते हैं।

उन्होंने कहा, आपको मालूम है, वे क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं। मेरे साथ दस लाख लोग हैं। मैं उन्हें दिल्ली ला सकती हूं। वे पश्चिम बंगाल का विकास नहीं चाहते। ममता ने खराब प्रबंध करने के लिए दिल्ली पुलिस की आलोचना की। प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली पुलिस के खिलाफ भी नारे लगाए।

एसएफआई नेता रीतब्रत बनर्जी ने कहा, हमारा प्रदर्शन ममता बनर्जी को यह दिखाने के लिए है कि सुदीप्तो गुप्ता की मौत कोई मामूली बात नहीं थी। पश्चिम बंगाल में जो हो रहा है उससे लोग काफी चिंतित हैं। एसएफआई ने आरोप लगाया है कि 22 वर्षीय गुप्ता की मौत पुलिस की पिटाई से हुई जबकि पुलिस का कहना है कि उनकी मौत दुर्घटना में हुई।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने आरोप लगाए कि उनके मंत्रियों की पिटाई की गई। उन्होंने कहा, दिल्ली सुरक्षित नहीं है और एक नई मिसाल पेश की गई है। एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने किसी भी तरह की हिंसा से इंकार किया। उसकी नेता रीताब्रत बनर्जी ने कहा, यह आक्रामक लेकिन शांतिपूर्ण प्रदर्शन था। हमने किसी से हाथापाई नहीं की या कपड़े नहीं फाड़े। हम सुदीप्तो की हत्या में न्यायिक जांच की मांग करते हैं। ममता जहां भी जाएंगी हम वहां प्रदर्शन करेंगे। पश्चिम बंगाल के कांग्रेस प्रभारी शकील अहमद ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।

उन्होंने कहा, कांग्रेस मृतक के परिवार के साथ है और घटना की निष्पक्ष जांच की मांग करती है लेकिन लोकतांत्रिक व्यवस्था में किसी भी नेता या व्यक्ति के खिलाफ हिंसा की निंदा की जानी चाहिए।

मोदी को मंगलवार को अलग अनुभव से गुजरना पड़ा। कोलकाता के उद्यमियों के साथ उनके कार्यक्रम से पहले कुछ लोगों ने होटेल के बाहर जमकर हंगामा किया। जिस समय यह हंगामा हो रहा था मोदी होटेल के अंदर मौजूद थे। मोदी इस कार्यक्रम के लिए जैसे ही होटेल में दाखिल हुए, कुछ लोग प्रदर्शन करते हुए होटेल तक पहुंच गए। लोग मोदी विरोधी नारे लगा रहे थे। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हंगामा कर रहे लोगों को वहां से हटाया।

मोदी की बंगाल यात्रा में उनका हिंदुत्व खूब अभिव्यक्त हुआ।विवेकानंद के नाम पर वोट बटोरने वाले गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सुबह साढ़े सात बजे दक्षिणेश्वर काली मंदिर में दर्शन कर अपने कोलकाता दौरे की शुरुआत की। पूजा अर्चना के बाद वह रामकृष्ण मिशन मुख्यालय बेलूर मठ पहुंचे। वहां उन्होंने कहा, स्वामी विवेकानंद के विचारों को लेकर ही युवा भारत को जगतगुरु का स्थान दिलाएंगे। अपने किशोर काल की स्मृतियों को कुरेदते हुए मोदी ने कहा कि उस दौरान वह कई बार बेलूर मठ आए। स्वामी आत्मस्थानंद से मुझे काफी स्नेह मिला।मठ में मोदी ने कुछ देर के लिए ध्यान भी लगाया। मठ प्रबंधन ने उन्हें उस कक्ष में भी कुछ देर अकेले व्यतीत करने का मौका दिया जहां स्वामी विवेकानंद ध्यान लगाया करते थे। उद्योगपतियों को संबोधित करने से पहले मोदी ने ट्विटर पर लिखा, दक्षिणेश्वर में मां काली के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लिया। मैंने यहां लंबे समय बाद आने के लिए मां काली से माफी मांगी। गंगा मां के दर्शन का अवसर मिला, जहां स्वामी विवेकानंद स्नान करते थे।यहां होने पर आंतरिक आनंद का एहसास हुआ। स्वामी विवेकानंद के ध्यान स्थल पर अकेले में रहने के अनुभव को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। यह अविस्मरणीय दिन रहा।

दिल्ली में नेटवर्क 18 के थिंक इंडिया डायलॉग और फिक्की में महिला कारोबारियों को संबोधित करने के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी आज कोलकाता पहुंच गए। कोलकाता में मोदी ने चैंबर्स ऑफ कॉमर्स में कारोबारियों को को अपने कार्यक्रम के मुताबिक संबोधित किया। इससे पहले वे दक्षिणेश्वर काली के मंदिर दर्शन के लिए पहुंचे। दक्षिणेश्वर काली की पूजा के बाद मोदी बेलूर मठ भी गए।बंगाल में मुसलमान मतदाता निर्णायक हैं और उन्ही के कारण बंगाल में परिवर्तन हुआ।क्योंकि सच्चर कमिटी की रपट के खुलासे से और भूमि आंदोलन में दमन का शिकार हुए मुसलमानों का वाम मोर्चा से मोहभंग हो गया। ममता बनर्जी मोदी के साथ खड़े होकर इस निर्मायक मुस्लिम जनाधार को खोना नहीं चाहतीं।मोदी ऐसे वक्त पर कोलकाता पहुंचे  जब सीएम ममता बनर्जी दिल्ली पहुंच रही थी।जाहिर है कि मोदी कोई आकस्मिक दौरे पर नहीं आये। तो इस मौके पर ममता की अनुपस्थिति बताती है कि मुसलमान समर्थन अटूट रखने के मामले में ममता बनर्जी कितनी संवेदनशील हैं। पर कांग्रेस से उनकी पट भी नहीं रही है और कांग्रेस उन्हें मनाने की कोई खास कोशिश भी नहीं कर रही है।ऐसे में जब देश भर में हिंदुत्व की जयजयकार हो रही है और बाजार की ताकतें नरेंद्र मोदी और भाजपा के हक में जनादेश बनाने में लगीं हैं, तो बाजार और दक्षिणपंथी गठजोड़ के मोर्चे के समर्थन से, जिसमें कबीर सुमन के मुताबिक माओवादियों की भी बड़ी भूमिका है, सत्ता में आयी दीदी के लिए इस बदलते हुए समीकरण की उपेक्षा करना असंभव है।बंगाल की जो आर्थिक हालत है और दीदी ने जो कायाकल्प करने के वायदे किये हैं, केंद्र के सक्रिय सहयोग के बिना वह असंभव है। ​​जैसा कि संकेत है, अगर भाजपा सत्ता में आ ही गयी. तो उससे तालमेल बैठाना दीदी की मजबूरी होगी। नरेंद्र मोदी शायद यही समीकरण दिमाग में रखकर कोलकातो को संबोधित कर रहे थे। लेकिन सार्वजनिक दूरी बनाये रखने के बावजूद दीदी और संघ परिवार के भावी प्रधानमंत्री के बीच असल में कितनी दूरी और कितनी नजदीकी है, भीतर ही भीतर क्या कुछ हो रहा है, इसपर तो कयास ही लगाये जा सकते हैं। पर मोदी की तारीफों के मध्य बंगाल में रात ढलते न ढलते जैसे मोदी संस्कृति का संक्रमण हुआ, उसे महज संयोग नहीं कहा जा सकता। यह अनागत भविष्य है, जिसकी दस्तक बंगाल में फिलहाल सुनायी पड़ रही है, जिसे बाकी देश और खासकर धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्तारिक ताकतें सुनने से इंकार कर रही हैं।इस लिहाज से मोदी ने जो कुछ कहा , उसपर सिलसिलेवार गौर करना जरुरी है और उससे ज्यादा धर्मनिरपेक्ष खेमे में लगातार टूटन और भूस्खलन पर भी नजर रखनी होगी।मोदी के इस दौरे को लेकर खासा विवाद भी हो चुका है। बीजेपी ने आरोप लगाया था कि मोदी के भाषण के लिए मशहूर नेताजी इंडोर स्टेडियम को चुना था लेकिन, प्रशासन ने इसकी इजाजत नहीं दी।

राजधानी दिल्ली में महिला कारोबारियों को संबोधित करने के ठीक एक दिन बाद गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी देश की सांस्कृतिक राजधानी कोलकाता में वहां के उद्यमियों से रूबरू हुए। यहां अपने भाषण में मोदी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार की तारीफ की जबकि पूर्ववर्ती वाम सरकार पर जमकर निशाना साधा। मोदी ने ये भी कहा कि केंद्र सरकार को हर घड़ी अपने गिरने का खतरा रहता है। यूपीए सरकार कैलेंडर नहीं बल्कि घड़ी देख रही है। मोदी ने यूपीए सरकार पर गैरयूपीए दलों की राज्य सरकारों के साथ भेदभाव का भी आरोप लगाया।मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत में ही साफ कर दिया कि वे वहां बंगाल और गुजरात के बीच किसी तुलना के लिए नहीं आए हैं। मोदी ने कहा कि गुजरात में कांग्रेस द्वारा किए गए गड्ढे तो भर गए लेकिन बंगाल में तो पिछले 32 साल के शासन में ऐसे गड्ढे हुए हैं, जिनको भरने में सालों लगेंगे। हालांकि मोदी ने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि जिस तरह राज्य सरकार आज काम कर रही है, वो गड्ढे भरने की दिशा में अच्छा कदम है। मोदी ने कहा कि ये गड्ढे भरेंगे तो बंगाल के लोगों का विकास होगा।शाम को दिल्ली में ममता ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, एक प्रदेश सरकार दूसरी सरकार की प्रशंसा कर सकती है। मोदी कुशल प्रशासक के साथ अच्छे वक्ता भी हैं इसमें दो राय नहीं, इसीलिए मौके की नजाकत को भांपते हुए उन्होंने जो बातें कहीं उन्हें सुनने वाले उद्योगपति प्रभावित हुए बगैर नहीं रह सके। इसीलिए उनके पूरे कार्यक्रम में रह-रहकर तालियां बजती रहीं।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के केंद्र के गैर कांग्रेसी राज्यों के साथ पक्षपात करने के आरोपों में सुर मिलाते हुए मोदी ने कहा कि संप्रग सरकार का रवैया देश के संघीय ढांचे को कमजोर करने वाला है। केन्द्र की कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केन्द्र राज्यों के साथ भेदभाव करता है। यूपीए शासित राज्यों को फायदा पहुंचाया जाता है जबकि गैर यूपीए शासित राज्यों को नुकसान पहुंचाया जाता है।

उन्होंने कहा कि राज्यों के साथ भेदभाव तुरंत रोका जाना चाहिए क्योंकि इससे संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचता है। केन्द्र सरकार को देश को एक साथ लेकर चलना चाहिए। मोदी ने कहा कि केन्द्र में कोई फाइल आगे नहीं बढ़ती और फैसले सिर्फ सियासी नफा-नुकसान देखकर लिए जाते हैं। मोदी ने कहा कि जब अटल बिहारी वाजपेयी राजग सरकार की अगुवाई कर रहे थे तब बंगाल से किसी ने नहीं कहा था कि उनके खिलाफ भेदभाव हो रहा है लेकिन अब यह हो रहा है। उन्होंने कहा, 'संप्रग सरकार के पास किसी भी सरकार के साथ भेदभाव करने का हक नहीं है।'

मोदी की राज्यों से भेदभाव वाली यह टिप्पणी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आरोपों की पृष्ठभूमि में आयी है जिसमें उन्होंने केंद्र पर राज्य की 'आर्थिक नाकेबंदी' करने का आरोप लगाया था। गुजरात के मुख्यमंत्री ने पश्चिम बंगाल में पूर्व की वाम मोर्चा सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि 32 वर्ष के शासनकाल में उसने ढेरों गड्ढे खोद डाले। ममता सरकार इन गड्ढों की भरने में लगी हैं। मोदी ने दावा किया, 'कांग्रेस ने गुजरात में जो हालात पैदा किए तो मुझे सही करने में और गड्ढों को भरने में 10 साल लगे।'

मोदी ने कहा, बंगाल में कुछ सीखने आया हूं। यहां 18वीं सदी से ही ज्ञान का दौर शुरू हो गया था। कोलकाता से सीखकर जाऊंगा और उसे गुजरात में लागू करूंगा। बंगाल भारत के सपनों को साकार कर सकता है। बिजली उत्पादन पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में मोदी ने कहा, गुजरात में हमने 12 साल में बिजली की दर नहीं बढ़ाई। हमने बिजली की बर्बादी रोकी और अब गुजरात के किसी गांव में भी बिजली नहीं जाती।जब उन्होंने कहा कि कांग्रेस न किए जाने वाले काम करना खूब जानती है, लेकिन जो काम करने की जरूरत है उस पर कोई ध्यान नहीं देती तो जमकर तालियां बजीं। मोदी ने कहा कि बंगाल का विकास सही रास्ते पर है और ममता बंगाल का सपना पूरा करेंगी। केंद्र पर गैर-कांग्रेस शासित राज्यों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए मोदी ने कहा कि राजग की वाजपेयी सरकार के दौरान बंगाल ने कभी यह नहीं कहा कि उसके साथ भेदभाव किया जा रहा है, जबकि अब उन्हें बंगाल में यही होता दिख रहा है। केंद्र पर हमलावर मोदी ने उसे कमजोरियों के लिए लताड़ा। इस संदर्भ में इतालवी नौसैनिकों के मामले तथा भारतीय सैनिकों के सिर काटे जाने के बावजूद इटली और पाकिस्तान के प्रति नरम रुख अपनाने का जिक्र किया।गौरतलब है कि ममता बनर्जी तब-तब राज्य की खस्ता हालत के लिए पूर्ववर्ती वाममोर्चा सरकार को जिम्मेदार ठहराती रही हैं।

मोदी ने कहा कि बंगाल में पिछले 32 साल में जो तबाही का मंजर चला है, उसे देखते हुए जनता के दायित्वों को पूरा करने में सरकार को कई साल लगेंगे। सालों की मेहनत के बाद ही ये गड्ढे भरे जा सकेंगे। अभी गड्ढे भरने का काम किया जा रहा है। मुझे विश्वास है कि बंगाल के लोगों का विकास होगा। 32 साल के गड्ढे को भरने में वक्त लगेगा। वहीं केंद्र सरकार पर हमला करते हुए मोदी ने कहा कि दिल्ली सरकार कैलेंडर नहीं देख रही है, वो घड़ी देख रही है।मोदी ने कहा कि आज हिंदुस्तान को विकास में बढ़ाना है तो पूर्वोत्तर भारत को ऊंचाइयों पर ले जाना होगा। इसके लिए बंगाल का विकास जरूरी है। कोलकाता के विकास से ही बंगाल का विकास नहीं होगा। पूर्वोत्तर भारत विकास का द्वार है। बंगाल के लोग विरासत से प्रेरणा लेंगे तो अपने सपने को साकार होते देख सकते हैं।

देश-विदेश में अपने आर्थिक विकास मॉडल को बतौर मजबूत ब्रांड पेश करने वाले गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को बंगाल के उद्यमियों को भी विकास का मंत्र दिया। कहा, चुनौतियों के बीच राह निकालनी होगी।

उन्होंने कहा कि गुजरात का आर्थिक विकास एक खंभे पर नहीं बल्कि तीन खंभों पर टिका है। ये खंभे हैं- निर्माण, कृषि और सेवा क्षेत्र। तीनों के लिए योजना, निर्माण तथा कार्यान्वयन जरुरी है। गुजरात में तीनों पर सरकार समान रूप से ध्यान दे रही है। एक खंभे को कोई दिक्कत आने पर बाकी दोनों खंभे उसे संभाल लेते हैं। बतौर मोदी, ऑटोमोबाइल, रसायन और पेट्रो क्षेत्रों में मुकाम हासिल कर चुके गुजरात ने पिछले कुछ वर्षो में 18 लाख कृषि योग्य भूमि विकसित की है। उस पर खेती के साथ वृक्षारोपण भी हो रहा है।

गुजरात में जमीन का स्वास्थ्य कार्ड भी सरकार बना रही है, जिससे किसानों को अपनी जमीन की सारी वैज्ञानिक और व्यावहारिक जानकारी उपलब्ध हो सके। कृषि के विकास के लिए पशु संपदा का विकास होना भी जरूरी है। देश में गुजरात ही ऐसा राज्य है जहां पशुओं की आंखों में होने वाली मोतियाबिंद की जांच और उनका ऑपरेशन होता है। इस तरह की कोशिशों के कारण पशुओं में होने वाली 122 तरह की बीमारियों से गुजरात मुक्त हो गया है और शायद यह सब डेयरी क्षेत्र के लिए कारगर साबित हो रहा है।

विकास के लिए यदि ऊर्जा की जरूरत है तो इसकी सौर ऊर्जा से पूर्ति की जा सकती है। हाल में कच्छ के सीमावर्ती अंचल में विशाल सोलर पैनल लगाने का सुझाव मोदी ने केंद्र सरकार को दिया है। उन्होंने कहा कि यदि हमें कोयला पर्याप्त मात्रा में मिलने लगे तो बिजली उत्पादन में 2000 मेगावाट तक की अतिरिक्त वृद्धि हासिल की जा सकती है। औद्योगिक विकास के साथ ही पर्यटन क्षेत्र में भी गुजरात का विकास राष्ट्रीय औसत से दुगना हो गया है।

मोदी ने कहा कि राज्य की जनता पर किसी तरह के नए कर का बोझ कई वर्षों से नहीं डाला गया है, फिर भी राजस्व बढ़ा है क्योंकि राजस्व घाटे के सारे 'लीकेज' को बंद कर दिया गया है।

कोलकाता में जब नरेंद्र मोदी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया तो गुजरात की तारीफ तो की ही, साथ ही कांग्रेस पार्टी और केंद्र सरकार को जमकर लताड़ा. मोदी ने अपने भाषण में गुजरात को विकास का पैमाना बताया तो पार्टी कार्यकर्ताओं से देश को कांग्रेस मुक्त बनाने का आह्वान किया.

प्रधानमंत्री पद की महत्वाकांक्षा से जुड़े सवाल टाल गए मोदी

मोदी ने कहा कि अब गुजरात विकास का पैमाना बन चुका है.

नरेंद्र मोदी ने कहा, 'जिन लोगों को गुजरात पसंद है, वे कहते हैं कि देखो गुजरात ने कितना अच्छा काम किया है और जिन्हें गुजरात पसंद नहीं है, वे कहते हैं कि हमने गुजरात से बेहतर काम किया है. बात पसंद की हो या नापसंद की, पैमाना गुजरात ही रहता है.'

नरेंद्र मोदी ने की ममता को मोहने की कोशिश

उन्होंने कहा, 'देश की तमाम राजनीतिक गतिविधियों के मॉडल का अध्ययन जरूरी है. देश कांग्रेस, कम्युनिस्ट और क्षेत्रीय दलों का शासन देख चुका हैं. सबसे अच्छा शासन बीजेपी ने दिया है. '

दिग्विजय सिंह बोले, नरेंद्र मोदी हैं शादी-शुदा

अपने भाषण में मोदी ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, 'कांग्रेस के नेता कहते हैं कि हमने देश को मोबाइल दिया. पर उनसे यही सवाल है कि बिजली कौन देगा?'

कैलेंडर नहीं, घड़ी देख रही है UPA सरकार: मोदी

मोदी ने कार्यकर्ताओं की पीठ थपथपाते हुए कहा कि उनकी मेहनत बंगाल में भी रंग लाएगी.

इसके बाद मोदी ने भारत सरकार की एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि इस रिपोर्ट के मुताबिक सबसे कम बेरोजगार गुजरात में हैं और सबसे ज्यादा उन राज्यों में, जहां कांग्रेस या कम्युनिस्टों की सरकार है.

मोदी ने कहा कि युवा पी‍ढ़ी को प्रशिक्षित करना हमारा कर्तव्य है. मोदी ने बीजेपी की नीतियों की तारीफ करते हुए कहा कि बीजेपी ही देश का भला कर सकती है, बंगाल का भी.

कांग्रेस में पावर सेंटर की बात पर चुटकी लेते हुए मोदी ने कहा कि यह मेरी समझ से बाहर है. उन्होंने कहा कि पावर सेंटर तो बाद की बात है, कहीं पावर ही नजर नहीं आती. कांग्रेसी ही मनमोहन सिंह को नेता नहीं मानते.

यूपीए सरकार की योजनाओं पर उंगली उठाते हुए मोदी ने कहा कि यह सरकार जनता के पैसे को उड़ा रही है, निवेश कहीं नहीं हो रहा है. यदि निवेश नहीं होगा तो रोजगार कैसे मिलेंगे? मोदी ने कहा कि सरकार टैक्स का पैसा अपना वोट बैंक बनाने के लिए इस्तेमाल कर रही है, जो कि देश के साथ बहुत बड़ा धोखा है.

यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि वे सूचना का अधिकार देने की बात करते हैं और पीएमओ ही इस अधिकार के तहत जानकारी देने से इनकार कर देता है. मोदी ने कहा,  'आज देश में न सरकार है और न ही शासन.'

यूपीए सरकार के दौरान हुए घोटालों पर मोदी ने कहा कि इस सरकार के लोग अपने 10 अच्छे काम नहीं गिना सकते, लेकिन उनके घोटाले बड़े आराम से गिने जा सकते हैं. कॉमनवेल्थ गेम्स में अरबों-खरबों का घोटाला हुआ. दिल्ली और केंद्र में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद सरकार ने इसका कोई दायित्व नहीं लिया. इस घोटाले के कारण दुनिया के सामने देश की नाक कट गई.

बीजेपी कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाते हुए मोदी ने कहा कि देश को कांग्रेस से मुक्त कराना है. इसके लिए हमें कोई रोक नहीं सकता. यदि किसी ने रोकने की कोशिश की तो हम और ज्यादा ताकत से आगे बढ़ेंगे.




प्रधानमंत्री बनने के लिए बेताब हैं नरेंद्र मोदी: जेडीयू

बीजेपी के मुख्य सहयोगी दल जेडीयू ने एक बार फिर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। जेडीयू नेता ने मोदी को प्रधानमंत्री बनने के लिए बुरी तरह से बेताब करार दिया है। यही नहीं, उन्होंने गुजरात के डिवेलपमेंट मॉडल को ऐसा मॉडल करार दिया, जो सभी लोगों के लिए सही नहीं है। गौरतलब है कि जेडीयू ने यह पहले ही साफ कर दिया है कि वह पीएम कैडिडेट के रूप में नरेंद्र मोदी को स्वीकारने के लिए तैयार नहीं है। जेडीयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री ने नीतीश कुमार ने भी सोमवार को कहा था कि एनडीए की तरफ से पीएम का कैंडिडेट कौन होगा, यह बीजेपी को तय करना है, लेकिन जो भी व्यक्ति हो वह सबके लिए स्वीकार्य हो।

मंगलवार को जेडीयू नेता शिवानंद तिवारी ने कहा, 'मोदी प्रधानमंत्री बनने के लिए बेताब दिख रहे हैं। बीजेपी साफ कर चुकी है कि प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा, इसका फैसला पार्टी का संसदीय बोर्ड करेगा। लेकिन, मोदी पहले ही मान चुके हैं कि वह बीजेपी की तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हैं।' उन्होंने कहा कि संसदीय बोर्ड के फैसले के बिना ही मोदी खुद ही यह माने बैठे हैं कि वह पीएम पद के कैंडिडेट हैं।

तिवारी ने मोदी के उस बयान की भी आलोचना की, जिसमें उन्होंने कहा था कि बिहार को गुजरात का डिवेलपमेंट मॉडल अपनाना चाहिए। उन्होंने उल्टा मोदी को सलाह दे डाली कि मोदी को बिहार के डिवेलपमेंट मॉडल से सीख लेनी चाहिए। जेडीयू नेता ने कहा,'नरेंद्र मोदी अगले प्रधानमंत्री की तरह बात कर रहे हैं। वह प्रधानमंत्री की तरह घोषणापत्र की बात कर रहे हैं और उनके घोषणापत्र की सबसे महत्वपूर्ण बात गुजरात मॉडल है। हालांकि, हम और बिहार के लोग विश्वास करते हैं कि हमारा मॉडल आदर्श है, क्योंकि यह सबको साथ लेकर चलने वाला मॉडल है। इसका उद्देश्य दबे-कुचले लोगों को मुख्यधारा में लाना है।'

गुजरात के मॉडल के बारे में तिवारी ने कहा, 'हम इसके बारे में ज्यादा नहीं जानते, लेकिन इतना तो जानते हैं कि यह समावेशी मॉडल नहीं है। दूसरी चीज, हम विकास दर को राज्यों के विकास का पैमाना मापते हैं। अपने मॉडल की मदद से हमने लगातार गुजरात से बेहतर विकास दर हासिल की है। इसलिए मैं मानता हूं कि मोदी को बिहार के डिवेलपमेंट मॉडल से कुछ बातें सीखनी चाहिए।'



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