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Saturday 25 February 2012

जेट एयरलाइंस विकलांग व्यक्तियों से करती हैं सब्जी के बोरे जैसा व्यवहार: अंजलि



Subject: जेट एयरलाइंस विकलांग व्यक्तियों से करती हैं सब्जी के बोरे जैसा व्यवहार: अंजलि

जेट एयरलाइंस विकलांग व्यक्तियों से करती हैं सब्जी के बोरे जैसा व्यवहार: अंजलि

Friday, 24 February 2012 15:45
नयी दिल्ली, 24 फरवरी (एजेंसी) एक विकलांग महिला ने जेट एयरवेज पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया है। इस महिला को न सिर्फ व्हीलचेयर उपलब्ध कराने से इंकार कर दिया गया , बल्कि विमान से बाहर करने के लिए माल उतारने चढ़ाने वाले कर्मियों से उठवाने की धमकी भी दी गई ।
यह घटना 20 फरवरी को दिल्ली से रायपुर जाते समय जेट एयरवेज की उड़ान 9डब्ल्यू 2211 में अंजलि अग्रवाल के साथ हुई जो खड़े होने या चलने में असमर्थ हैं और उन्हें व्हीलचेयर पर रहना पड़ता है ।
इस घटना को लेकर अंजलि ने आरोप लगाया कि एयरलाइनें विकलांग यात्रियों के साथ सब्जी के बारे जैसा बर्ताव करती हैं ।
अक्सर विमान से सफर करने वाली और एक गैर सरकारी संगठन की कार्यकारी निदेशक अंजलि ने कहा , ''मेरा कटु अनुभव दिल्ली हवाई अड्डे से शुरू हुआ जब मुझसे बोर्डिंग पास जारी करने वाले कर्मी ने पूछा 'क्या मैं हवाई सफर के लिए फिट हूं।' जब मैंने पूछा कि आपका क्या मतलब है , उसने मुझे घूरा और एक क्षतिपूर्ति बांड पर हस्ताक्षर करने को कहा ।''
उन्होंने कहा , ''जब मैंने इंकार कर दिया तो उसने कहा कि यह हमारा नियम है और आप इस पर हस्ताक्षर किए बिना सफर नहीं कर सकतीं । मैंने इस पर दस्तखत कर दिए क्योंकि मैं उड़ान नहीं छोड़ना चाहती थी ।''
जेट एयरवेज ने इस संबंध में एक बयान में कहा कि 9डब्ल्यू 2211 में सफर करने वाले अतिथि ने दिल्ली में 'चेक इन काउंटर' पर टूटी टांग के बारे में रिपोर्ट की जिस पर प्लास्टर चढ़ा था और कहा कि यह हाल में हुए एक आॅपरेशन की वजह से है ।
बयान में कहा गया , ''मानक प्रक्रिया के अनुसार 'चेक इन' कर्मियों ने क्षतिपूर्ति बांड पर हस्ताक्षर करने को कहा और उन्हें बताया कि रायपुर में कोई एंबुलिफ्ट नहीं है ।''
जेट एयरवेज के एक प्रवक्ता ने कहा , ''अतिथि को दिल्ली से व्हीलचेयर की मदद से विमान में सवार कराया गया ।''
अंजलि ने आरोप लगाया कि जब वह रायपुर पहुंचीं तो एयरलाइन द्वारा व्हीलचेयर उपलब्ध कराए जाने का आश्वासन दिए जाने के बावजूद उड़ान निरीक्षक निरंजन सेन ने उन्हें माल उतारने चढ़ाने वाले चार पुरुष कर्मियों द्वारा उठवाकर विमान से नीचे उतारने का दबाव बनाया और कहा कि रायपुर जैसे शहरों में उनके पास विमान से यात्रियों को नीचे उतारने वाली व्हीलचेयर नहीं हैं । 
उन्होंने कहा , ''इस तरह मुझे विमान के द्वार तक कर्मियों द्वारा उठवाने और फिर फिर एक बड़ी व्हीलचेयर पर स्थानांतरित किए जाने का आदेश दिया गया ।''
अंजलि ने इस संबंध में निशक्त जन विभाग के मुख्य आयुक्त , उड्डयन महानिदेशक और नागर विमानन मंत्रालय को भेजी गई अपनी शिकायत में दायर की है ।
अंजलि ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने खुद को पुरुष कर्मियों द्वारा शारीरिक रूप से उठाए जाने का विरोध किया तो ''सेन ने मुझे धमकी दी कि वे मुझे नीचे नहीं उतारेंगे और इसकी बजाय मुझे वापस दिल्ली ले जाएंगे क्योंकि विमान वापस दिल्ली जा रहा है।''
उन्होंने कहा , ''जब मैं लगातार विरोध करती रही तो अंतत: 35 मिनट बाद जेट एयरवेज की वह व्हीलचेयर लाई गई जिसे निशक्त जनों को विमान से उतारने के लिए इस्तेमाल किया जाता है ।''
अंजलि ने आरोप लगाया , ''उन्होंने मुझे इस पर इस तरह नीचे उतारा जैसे वे मुझसे छुटकारा पाना चाहते हों ।''
यह घटना शारीरिक रूप से अक्षम जीजा घोष मामले के एक दिन बाद हुई जिसे स्पाइसजेट ने विमान से नीचे उतार दिया था ।


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