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Saturday, 9 June 2012

मंदी ने छीना 6000 मजदूरों का काम

मंदी ने छीना 6000 मजदूरों का काम


टाटा, अशोक लीलैंड और महिंद्रा की सहायक कंपनियों का उत्पादन हुआ आधा
टाटा मोटर्स के लिए काम करने वाली अधिकांश इकाइयों में बड़े पैमाने पर छंटनी हो रही है.ऑटोमोबाइल कंपनियों की अनुषंगी इकाइयां 300 के आसपास है और इनमें करीब 30 हजार मजदूर कार्य कर रहे हैं...
 रेड ट्यूलिप्स.टाटा मोटर्स के उत्पादन में कमी का सीधा असर सहयोगी इकाइयों पर पड़ रहा है. ट्रक, ट्रेलर, टिपर्स ही नहीं बन रहे हैं तो इनके लिए कल-पुर्जों की क्या जरूरत. आटोमोबाइल के अलावा फोर्जिंग, इंजीनियरिंग, स्पंज आयरन, फेरो इंडक्शन कास्टिंग से जुड़े औद्योगिक प्रतिष्ठानों की हालत भी पतली हो चली है.
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रेलवे का काम करने वाली रामकृष्ण फोर्जिंग जो मंदी की आंधी से अब तक अछूती मानी जा रही है, वहां भी बीते एक महीने में 40 ठेका मजदूरों को बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है. आयडा की 90 प्रतिशत इकाइयों में लगभग 30 से 40 प्रतिशत ठेका मजदूर हटाए जा चुके हैं.

दो शिफ्ट का काम बंद हुआ

टाटा मोटर्स के लिए काम करने वाली अधिकांश इकाइयों में बड़े पैमाने पर छंटनी हो रही है. तीन शिफ्ट का काम सिमटकर एक शिफ्ट का रह गया है. ऑटोमोबाइल कंपनियों की अनुषंगी इकाइयां 300 के आसपास है और इनमें करीब 30 हजार मजदूर कार्य कर रहे हैं.

उत्पादन में 40 फीसदी की कमी

लघु उद्योग भारती के जिलाध्यक्ष वीपी सिंह ने इस संकट की पुष्टि करते हुए बताया कि दो महीने पूर्व ऑटोमोबाइल कंपनियों की अनुषंगी इकाइयों में जितना उत्पादन होता था, उसमें फिलहाल 40 प्रतिशत की कमी आ गई है.

टाटा कमिंस में अब दो दिन का अवकाश
जमशेदपुर : मंदी से निपटने के लिए टाटा कमिंस की जमशेदपुर यूनिट में एक दिन के बजाय अब दो दिन साप्ताहिक अवकाश (शनिवार व रविवार) दिया जा रहा है. यह निर्णय कंपनी के उत्पादन में आई गिरावट को देखते हुए लिया गया है. टाटा कमिंस का मुख्य ग्राहक टाटा मोटर्स है जहां उत्पादन आधा हो गया है. टाटा मोटर्स के वाहनों के लिए कमिंस में इंजन बनाए जाते हैं. 

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