बजट के खेल से हमें क्या? हमारी आंखें बंद हैं, श्रद्धा भाव से बंद रहेंगी!
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
बजट के खेल से हमें क्या?संसद का बजट सत्र शुरू हो गया है। 28 फरवरी वित्त मंत्री संसद में बजट पेश करने वाले हैं। इस बजट से शेयर बाजार भी आस लगाए बैठा है।देश की विकास दर दशक के सबसे नीचे स्तर पर आने का अनुमान है। पिछले कई महीनों से औद्योगिक उत्पादन भी कमी देखने को मिली है। महंगाई दर अब तक काबू में नहीं आई है। बचत को लेकर कोई ठोस योजना नहीं बन रही है, और वित्तीय घाटा रिकॉर्ड स्तर पर जाने का अनुमान है।केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम 28 फरवरी को बजट पेश करेंगे और अर्थशास्त्रियों एवं विश्लेषकों का मानना है कि इस दौरान वह विकास को गति देने के लिए कड़े कदम उठाने के साथ-साथ वित्तीय अनुशासन लागू कर सकते हैं।चिदंबरम को अपने जीवनकाल के सबसे कठिन चुनौतियों के दौर से गुजरना पड़ रहा है, और इस बार के वित्त मंत्री की उनकी राह काफी कठिनाइयों से भरी डगर से गुजर रही है। गुरुवार को संसद में पी चिदंबरम बजट 2013 पेश करने वाले हैं। दरअसल पी चिदंबरम से पहले वित्त मंत्री रहे प्रणव मुखर्जी के लिए भी बजट को लेकर चुनौतियां कुछ ऐसी ही थी। हालांकि अब परिस्थितियां पटरी से नीचे उतर गई हैं।बजट के ऐन पहले वित्त मंत्री पी चिदंबरम के सामने एक नई चुनौती आ गई है। सेंट्रल एक्साइज अधिकारियों ने 25 फरवरी से एक हफ्ते के लिए हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है। एक्साइज विभाग ने ये भी कहा है कि अगर उनकी मांग सरकार ने पूरी नहीं कि तो वो बजट संबंधी कोई भी निर्देश लागू करने में वो सहयोग नहीं देंगे।राष्ट्रपति प्रणव मुख्रर्जी के भाषण से सुधारो की दिशा के बारे में जिन्हें अंदाज नहीं हुआ होगा,भारतीय बैंकिंग पर कारपोरेट कब्जे से उनकी आंखें खुलनी चाहिए। पर आम और खास भारतीय तो श्रद्धालु है और आस्था के कारोबार में सूचनाओं के सही परिप्रेक्ष्य देखने का क्या मतलब? हमारी आंखें बंद हैं, श्रद्धा भाव से बंद रहेंगी!विज्ञान के चमत्कार धार्मिक चमत्कार से बड़े नहीं हो सकते। यही कारण है कि सफलता के लिए इसरो प्रमुख के राधाकृष्णन ने रविवार सुबह तिरुपति मंदिर में पूजा-अर्चना की। उनके साथ उनकी पत्नी पद्मिनी भी थीं। भगवान वेंकटेश्वर के भक्त राधाकृष्णन हर अभियान से पहले और उसकी सफलता के बाद मंदिर में दर्शन करने अवश्य आते हैं।भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन [इसरो] कामयाबी की नई इबारत लिखने को तैयार है। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से सोमवार को स्वदेशी पीएसएलवी रॉकेट के जरिये 'सरल' समेत सात सेटेलाइट का प्रक्षेपण किया जाएगा। पीएसएलवी-सी20 रॉकेट को इसरो के सतीश धवन स्पेस सेंटर से शाम 5.56 बजे रवाना किया जाएगा।
चिदंबरम ने योजनीय खर्चों में कटौती कर वित्तीय घाटे को काबू में लाने की कोशिश जरूर की है। लिहाजा माना जा रहा है कि वित्तीय घाटा 5.3 के लक्ष्य पर रह सकता है। अगर वित्तीय घाटे को 5.3 फीसदी के लक्ष्य पर नहीं लाया गया तो देश की रेटिंग घटने का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में इंडस्ट्री के दिग्गज भी वित्तीय घाटे को लेकर चिंतित हैं, ताकि अर्थव्यवस्था में मंदी ना बढ़ जाए।पहले से ही प्राइवेट सेक्टर की तरफ से निवेश की गति कम हो गई है। सरकार की तरफ से भी निवेश के मोर्चे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। लिहाजा बजट में सरकार को सब्सिडी में कटौती कर इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने चाहिए। हालांकि आम चुनाव के सिर पर खड़े होने के कारण वित्त मंत्री को आम आदमी को नजरअंदाज कर आगे बढ़ने के फैसले लेने से नुकसान भी झेलना पड़ सकता है।बाजार को बजट से कोई खास उम्मीद की कोई किरण नजर नहीं आ रही है। यही कारण है कि बजट से पहले की तेजी बाजार से पूरी तरह गायब है। फिर भी वित्त मंत्री को बजट में ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाने ही होंगे। हालांकि टैक्स दरों में बढ़ोतरी जैसे कदम उठाने से ग्रोथ को बढ़ावा नहीं मिलेगा। लिहाजा कुछ करने का मौका वित्त मंत्री के हाथों में है। वरना, बाजार ये मान कर चल रहा है कि जुलाई 2014 में पेश होने वाला बजट (अगर मध्यावधि चुनाव ना हो) शायद पी चिदंबरम पेश कर पाएं।
हम आश्वस्त हो गये कि अब तक जब रक्षा घोटाले के किसी मामले में जांच से किसी का कुछ न बिगड़ा तो महामहिम और फर्स्ट फेमिली का नाम जुड़ने के बाद अब सीबीआई जरुर कोई गुल खिलायेगी, जिसके लिए उसकी खास शोहरत है। वीवीआईपी हेलिकॉप्टर डील में अगस्ता वेस्टलैंड ने रिश्वत दी या नहीं, इससे जुड़े कुछ दस्तावेज सीबीआई को मिलान में इटली के अधिकारियों से हासिल हुए हैं। सीबीआई के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि सीबीआई की जो टीम इटली गई थी, उस टीम का एक अधिकारी रविवार को कुछ दस्तावेजों के साथ मिलान से लौटा है। 3600 करोड़ रुपए की इस विवादास्पद डील में अगले कुछ दिनों में सीबीआई जांच शुरू कर देगी। सूत्रों ने बताया कि अभी जो शुरुआती जांच (पीई) सीबीआई शुरू करेगी, वह इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर होगी।
समाजसेवी अन्ना हजारे ने आज कहा कि उन्होंने करीब डेढ़ महीने में भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने आंदोलन को नया रूप देने का फैसला किया है। 'बासव श्री' पुरस्कार हासिल करने के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए अन्ना ने भ्रष्टाचार विरोधी अपने आंदोलन में शामिल होने की इच्छा रखने वाले लोगों से कहा कि वे 99234 99235 पर उन्हें एसएमएस करें जिससे वह उनके संपर्क में रहेंगे। अन्ना ने 12वीं सदी के समाज सुधारक बासवेश्वर की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने एक जातिहीन समाज की स्थापना के लिए अथक प्रयास किए थे।
आईसीआईसीआई बैंक की प्रमुख चंदा कोचर का मानना है कि नए बैंक लाइसेंसों के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों से इस क्षेत्र में गंभीर और विश्वसनीय खिलाड़ी उतरेंगे।दिग्गज बैंकर और एचडीएफसी समूह के चेयरमैन दीपक पारेख ने देश में ग्लोबल स्तर के कुछ बड़े बैंकों की जरूरत बताई है। इसके लिए उन्होंने बैंकों के एकीकरण की वकालत की है। नए बैंकों के लिए आरबीआइ के अंतिम दिशानिर्देश का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि बैंकिंग नियामक को इससे आगे के कदम पर ध्यान देना चाहिए। फिलहाल देश का कोई भी बैंक इतना बड़ा नहीं है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर का हो।पारेख ने कहा कि बड़ी परियोजनाओं को कर्ज देने के लिए बड़े-बड़े बैंकों की आवश्यकता है। नए बैंकों की बजाय इनकी जरूरत ज्यादा है। सार्वजनिक या निजी क्षेत्र का देश का कोई भी समूह अभी इस लायक नहीं है कि वह अकेले इनकी स्थापना कर सके। इसके लिए विलय प्रक्रिया ही सबसे माकूल उपाय है। मैंने हमेशा इसकी वकालत की है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा बैंकिंग सुविधा से अछूती बड़ी ग्रामीण आबादी को यह सुविधा मुहैया कराने पर ज्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए। इन इलाकों में ज्यादा से ज्यादा शाखाएं खोलने की जरूरत है। हालांकि, उन्होंने कहा कि नए बैंकों के लिए अपनी 25 फीसद शाखाएं ग्रामीण इलाकों में खोलना काफी मुश्किल होगा। आरबीआइ ने अपने दिशानिर्देश में नए बैंकों के लिए इस शर्त का प्रावधान किया है।निजी क्षेत्र में नए बैंकों के लिए लाइसेंस जारी करने के अंतिम दिशानिर्देश जारी होने का उद्योग जगत ने स्वागत किया। उद्योग मंडल एसोचैम ने शनिवार को कहा कि इससे बैंकिंग सेवाओं का विस्तार करने में मदद मिलेगी।एसोचैम के अध्यक्ष राजकुमार धूत ने कहा,'इससे ना केवल बैंकिंग सेवाओं का विस्तार करने में मदद मिलेगी, बल्कि स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहन मिलेगा।' उन्होंने कहा कि साथ ही मौजूदा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को बैंकों में तब्दील होने की अनुमति देने संबंधी प्रावधान किए जाने से एनबीएफसी क्षेत्र की मांग भी पूरी होगी।
नए बैंकिंग लाइसेंस की अंतिम गाइडलाइंस जारी होने के बाद अटकलें शुरू हो गई हैं कि आरबीआई कितने लाइसेंस जारी करेगा और किसे लाइसेंस मिलेगा।
नए बैंक लाइसेंस के लिए श्रीराम ट्रांसपोर्ट, एलआईसी हाउसिंग, इंडियाबुल्स फाइनेंशियल, एलएंडटी फाइनेंस, टाटा कैपिटल, श्रेई इंफ्रा, एडेलवाइज, रिलायंस कैपिटल, एमएंडएम फाइनेंस, आईएफसीआई, बजाज फाइनेंस, एबी नूवो, रेलिगेयर मुख्य दावेदार हैं।
जानकारों के मुताबिक आरबीआई की गाइडलाइंस काफी अच्छी हैं और कई कंपनियां लाइसेंस के लिए योग्यता के मापदंडों में ढिलाई दी गई है। अब रियल एस्टेट और ब्रोकिंग कंपनियां भी लाइसेंस के लिए अर्जी दे सकेंगी।
के आर चोकसी के देवेन चोकसी का कहना है कि कॉरपोरेट्स के अलावा दूसरे सेक्टरों को भी बैंकिंग लाइसेंस के लिए अर्जी करने की छूट दिया जाना अच्छा फैसला है।
देवेन चोकसी के मुताबिक नए बैंकिंग लाइसेंस के दावेदारों में से बजाज फाइनेंस, महिंद्रा फाइनेंस, सुंदरम फाइनेंस, श्रीराम फाइनेंस के पास बेहतर सुविधा है।
एंजेल ब्रोकिंग के मयुरेश जोशी के मुताबिक मौजूदा एनबीएफसी के पास बैंक लाइसेंस मिलने का ज्यादा मौका है। नए बैंकिंग लाइसेंस की दौड़ में एनबीएफसी फ्रंट रनर हैं।
पूर्व सचिव (फाइनेंशियल सर्विसेज) सचिव डी के मित्तल का कहना है कि बैंकिंग लाइसेंस मिलने से एनबीएफसी में जान आएगी। बैंक बनने के बाद एनबीएफसी की कॉस्ट ऑफ फंडिंग कम होगी।
रेलिगेयर के सीएमडी सुनील गोधवानी का भी कहना है कि आरबीआई की गाइडलाइंस काफी अच्छी हैं। कंपनी अब गाइडलाइंस को पढ़ेगी और फिर बैंक लाइसेंस के लिए अर्जी देने पर फैसला लेगी। कंपनी का पहले से ही टीयर 2 शहरों में काफी एक्सपोजर है।
सुनील गोधवानी के मुताबिक नए बैंकों में विदेशी निवेश की इजाजत दिए जाना अच्छा फैसला है। लेकिन, पेड-अप वोटिंग कैपिटल को कम करना नए बैंकों के लिए चुनौती भरा होगा।
इंडियन ओवरसीज बैंक के सीएमडी, एम नरेंद्र के मुताबिक बैंकिंग क्षेत्र में नए बैंकों के लिए काफी मौके हैं। नए बैंक आने से प्रतियोगिता बढ़ेगी, जिससे बैंकिंग सेवाएं सुधरेंगी। बैंक लाइसेंस लेने के लिए सरकारी कंपनियां भी आगे आएंगी।
पीडब्ल्यूसी की ऋंजनी कुमार का कहना है कि नए बैंकिंग लाइसेंस का दायरा काफी बड़ा रखा गया है। लेकिन, लाइसेंस देते समय ध्यान रखा जाना चाहिए ताकी गलत लोगों को लाइसेंस न मिले।
देश के कॉरपोरेट घराने भी नए बैंक खोल सकेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को नए बैंक लाइसेंसों पर अंतिम दिशा-निर्देश जारी करने के साथ ही यह स्पष्ट हो गया। अब देश में जल्द ही नए बैंकों की बहार नजर आ सकती है। आरबीआई ने निजी और सार्वजनिक सेक्टर के साथ-साथ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को भी बैंकिंग क्षेत्र में उतरने का मौका दे दिया है।आईसीआईसीआई बैंक की प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी कोचर ने कहा कि ये दिशा-निर्देश व्यापक हैं और इनमें नए बैंकों के प्रवेश से संबंधित सभी मुद्दों को शामिल किया गया है।कोचर ने कहा कि रिजर्व बैंक ने स्पष्ट रूप से लाइसेंस प्रदान करने के बारे में नियामक ढांचे को पेश किया है। साथ ही नए बैंकों के स्वामित्व और प्रबंधन के बारे में भी स्पष्ट रूप से बताया है।उन्होंने कहा कि ये दिशा-निर्देश गंभीर और विश्वसनीय खिलाडियों का बैंकिंग क्षेत्र में प्रवेश सुनिश्चित करेंगे। रिजर्व बैंक ने पिछले शुक्रवार को नए बैंकिंग लाइसेंस के बारे में दिशा-निर्देश जारी करते हुए आवेदन आमंत्रित किए थे।
आरबीआई ने जारी अधिसूचना में कहा है कि पूर्ण स्वामित्व वाली नॉन-ऑपरेटिव फाइनेंस होल्डिंग कंपनी (एनओएफएचसी) के जरिए प्राइवेट सेक्टर की कंपनियां या समूह, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) अब बैंक खोल सकती हैं।
बैंक खोलने की इच्छुक कंपनियों के पास आवेदन करने के लिए आगामी 1 जुलाई तक का समय है। आरबीआई ने कहा है कि नए बैंक खोलने के लिए न्यूनतम 500 करोड़ रुपये की पेड-अप कैपिटल जरूरी है। नए बैंकों में विदेशी निवेश की अधिकतम सीमा 49 फीसदी तय की गई है जिसे पांच साल तक बरकरार रखना अनिवार्य है।
अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि योग्य पाई जाने वाली एनबीएफसी अपने-आपको बैंक में भी बदल सकती हैं।
वित्तीय सुरक्षा के बारे में आरबीआई ने कहा कि किसी प्रमोटर या प्रमोटर ग्रुप का न्यूनतम 10 साल तक वित्तीय ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा रहने और 10 साल तक कारोबारी प्रदर्शन बेहतर होने पर ही उसे नया बैंक खोलने के लिए योग्य माना जाएगा।
इसके अलावा, कंपनियों के बिजनेस प्लान में 25 फीसदी बैंक शाखाएं ग्रामीण इलाकों या गैर-बैंकिंग क्षेत्रों में खोलना अनिवार्य होना चाहिए। हालांकि, आरबीआई ने कहा है कि प्रमोटेड बैंक, जिनकी 40 फीसदी से ज्यादा परिसंपत्ति या आय गैर-वित्तीय कारोबार से आ रही है, उनके लिए 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की पेड-अप इक्विटी कैपिटल जुटाने के लिए अनुमति लेना जरूरी है।
इसके अलावा, अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि बैंक के बोर्ड में अधिकांश निदेशक स्वतंत्र होने चाहिए। नियामक ढांचे पर आरबीआई ने कहा है कि सभी नए बैंक आरबीआई के अधिनियम 1934 के प्रावधानों के तहत आएंगे, यानी सभी बैंकों पर आरबीआई का ही नियंत्रण रहेगा।
एनओएफएचसी को गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के रूप में आरबीआई से पंजीकृत होना पड़ेगा और इसके लिए आरबीआई द्वारा अलग से निर्देश जारी किए जाएंगे। विदेशी हिस्सेदारी पर रिजर्व बैंक ने कहा है कि लाइसेंस जारी होने से लेकर पांच साल तक अनिवासी भारतीयों और विदेशी संस्थागत निवेशों की इसमें हिस्सेदारी 49 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकती।
किसी भी एनआरआई शेयरधारक को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से बैंक खोलने की मंजूरी मिलने की तिथि से लेकर पांच साल तक 5 फीसदी से ज्यादा पेड-अप वोटिंग इक्विटी कैपिटल रखने की इजाजत नहीं है। साथ ही, आरबीआई ने कहा है कि प्रमोटर या प्रमोटर ग्रुप द्वारा बनाई गई एनओएफएचसी के कुल वोटिंग शेयर में व्यक्तिगत वोटिंग इक्विटी शेयर 10 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकते हैं।
मंजूरी - पब्लिक सेक्टर व कॉरपोरेट घरानों के साथ एनबीएफसी भी खोल सकेंगी नया बैंक
कड़ी शर्त - वित्तीय दृष्टि से मजबूत और न्यूनतम दस वर्षों का सफल व विश्वसनीय बिजनेस ट्रैक रिकॉर्ड रखने वाली प्राइवेट कंपनियां ही खोल सकेंगी नया बैंक
कौन आगे - अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप, लार्सन एंड टुब्रो, टाटा ग्रुप, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एलआईसी और आदित्य बिड़ला ग्रुप
कोई पाबंदी नहीं! - रियल्टी कंपनियां, ब्रोकरेज फर्म और सार्वजनिक उपक्रम भी खोल सकेंगे नए बैंक, अंतिम गाइडलाइंस में इन सभी को इजाजत न देने का कोई जिक्र नहीं
अभी तय नहीं - कितने नए बैंक लाइसेंस जारी किए जाएंगे, इसका कोई जिक्र नहीं हैं फाइनल गाइडलाइंस में
इससे पहले कब - आरबीआई ने वर्ष 1993 में प्राइवेट बैंकों को इजाजत दी थी। रिजर्व बैंक ने इससे पहले वर्ष 2001 में कोटक महिंद्रा बैंक और यस बैंक को इसके लिए लाइसेंस दिए थे।
लास्ट डेट - नए बैंक खोलने के बारे में आवेदन करने की अंतिम तिथि है 1 जुलाई
नई गाइडलाइंस
प्रमोटर के पूर्ण स्वामित्व वाली गैर संचालित फाइनेंशियल होल्डिंग कंपनी के जरिए खुलेंगे नए बैंक
नए बैंकों को अपनी 25% शाखाएं ऐसे ग्रामीण क्षेत्रों में खोलनी होंगी जो बैंकिंग सेवाओं से वंचित हैं
नए बैंक में विदेशी निवेश की अधिकतम सीमा होगी 49 फीसदी
नए बैंक के लिए न्यूनतम चुकता पूंजी 500 करोड़ रुपये तय
संचालन शुरू होने के तीन साल के भीतर लिस्टिंग जरूरी
सहारा के साथ लेन-देन को लेकर सेबी ने किया सतर्क
बाजार नियामक सेबी ने सहारा समूह की दो कंपनियों और उसके प्रवर्तक समेत समूह के प्रमुख सुब्रत राय के साथ किसी भी प्रकार के लेनदेन को लेकर निवेशकों तथा आम लोगों को आगाह किया है।
कुछ दिन पहले सेबी ने सहारा समूह की दो कंपनियों सहारा इंडिया रीयल एस्टेट कार्प लि. तथा सहारा हाउसिंग इनवेस्टमेंट कार्प लि.एवं समूह के चेयरमैन सुब्रत राय समेत उसके प्रवर्तकों के बैंक खातों, निवेश तथा अन्य सभी संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया था जिसके बाद यह चेतावनी जारी की गयी है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा,'कोई भी इन कंपनियों तथा उसके तीन प्र्वतकों एवं निदेशकों के साथ लेनदेन करता है तो वह अपने जोखिम पर करेगा।'
नियामक ने कहा कि सहारा समूह की इन कंपनियों द्वारा प्राप्त रकम निवेशकों को लौटाने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद उसने संबंधित कंपनियों तथा उसके प्रवर्तकों एवं निदेशकों सुब्रत राय सहारा, वंदना भार्गव, अशोक राय चौधरी तथा रवि शंकर दुबे की सभी चल एवं अचल संपत्ति, बैंक खाते तथा डिमैट एकाउंट जब्त करने का आदेश दिया है।
सेबी ने सार्वजनिक नोटिस में कहा,'निवेशकों एवं आम लोगों को सलाह दी जाती है कि वे उक्त इकाइयों को लेकर सतर्क रहे और आदेश की प्रति देखें।'
बाजार नियामक ने 13 फरवरी को दो अलग-अलग आदेश में सहारा की दोनों कंपनियों एवं सहारा समूह के प्रमुख तथा प्रवर्तकों की संपत्ति कुर्क करने और खातों पर रोक लगाने को कहा था। सेबी के इस आदेश से कुछ ही दिन पहले उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि यदि सहारा समूह की कंपनियां निवेशकों को धन वापस करने के लिए उसके पास राशि जमा नहीं कराती हैं तो बाजार नियामक संपत्तियों को कुर्क करने और खातों को बंद करने के लिए स्वतंत्र है।
जिन परिसंपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया गया उनमें समूह की पुणे के आंबीवैली रिजोर्ट, दिल्ली और मुंबई में अन्य रियल स्टेट संपत्तियां, देश के विभिन्न भागों में फैली संपत्तियां, शेयर, म्यूचुअल फंड और विभिन्न अन्य निवेश शामिल हैं। दोनों कंपनियों के खिलाफ दो अलग-अलग आदेश जारी करते हुए सेबी ने कहा था कि दोनों कंपनियों ने बॉन्ड धारकों से क्रमश: 6380 करोड़ रुपए और 19400 करोड़ रुपए एकत्र किए तथा इस धन को एकत्र करने में विभिन्न अनियमितताएं बरती गईं।
चिदंबरम ऐसे समय में बजट पेश कर रहे हैं जब भारत का आर्थिक विकास दशक के निचले स्तर पर तथा चालू खाता घाटा अब तक के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया है। वहीं वित्तीय घाटे में तेजी जारी है। वैश्विक रेटिंग एजेंसियों द्वारा रेटिंग घटाने से चिदंबरम की परेशानी और बढ़ गई है।
डेलॉयट इंडिया के वरिष्ठ निदेशक अनीस चक्रवर्ती ने कहा, 'हम विकास को गति देने के लिए मजबूत कदम की उम्मीद कर रहे हैं। बढ़ता घाटा भी बड़ी चुनौती है। चालू खाता घाटा अपेक्षाकृत अधिक चिंता का विषय है। वित्तीय एकीकरण को सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदमों की आवश्यकता है।'
केंद्रीय सांख्यिकी संग्ठन (सीएसओ) के अनुमान के मुताबिक भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) मार्च की समाप्ति पर पांच फीसदी रहने की संभावना है। यह 2002-03 के बाद अर्थव्यवस्था की सबसे खराब स्थिति है।
इस बीच फेडरेशन ऑफ इंडियन चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के अध्यक्ष नैना लाल किदवई ने कहा, 'हम यह उम्मीद कर रहे हैं कि बजट विकास के अनुकूल और पूंजी के निर्माण के बढ़ावा देने वाला हो।'
रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स और फिच ने भारत को बीबीबी ऋणात्मक रेटिंग दी है इसके मुताबिक भारत के लिए दूसरे देशों से कर्ज लेना महंगा होगा। इससे भारतीय मुद्रा और सरकार एवं कारपोरेट सेक्टर द्वारा होने वाला पूंजी का प्रवाह भी प्रभावित होगी जिससे चालू खाता घाटा की समस्या उत्पन्न होती है।
एंजल ब्रोकिंग के मुताबिक चिदंबरम वित्तीय घाटे को कम करने के लिए कड़े कदम उठा सकते हैं तथा जनाधिकारवादी कदम चुनाव के नजदीक लिए जाएंगे।
इस बीच, अकाई इंडिया के प्रबंध निदेशक प्रणय धाभाई ने कहा, 'सकारात्मक बजट अर्थव्यवस्था को सरल बनाने के साथ-साथ जीडीपी के विकास को गति प्रदान करेगा।' इसके साथ ही वह वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन के संदर्भ में उठाए जाने वाले संभावित कदम को भी महत्वपूर्ण मानते हैं।
ईपीएफओ 2012-13 के लिये 8.5 प्रतिशत ब्याज संभव
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) का केंद्रीय न्यासी बोर्ड सोमवार को वित्त वर्ष 2012-13 के लिये अपने करीब पांच करोड़ अंशधारकों के भविष्य निधि जमाओं पर 8.5 प्रतिशत ब्याज देने का निर्णय कर सकता है। अगर ऐसा होता है तो यह पिछले वित्त वर्ष में दिये गये 8.25 प्रतिशत ब्याज के मुकाबले अधिक होगा।ईपीएफओ द्वारा तैयार नोट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2012-13 के लिये 8.5 प्रतिशत ब्याज व्यावहारिक है। इस नोट पर ईपीएफओ की परामर्श इकाई वित्त और निवेश समिति ने भी 15 फरवरी को विचार किया था।ईपीएफओ के अनुमान के अनुसार चालू वित्त वर्ष में 8.6 प्रतिशत ब्याज देने से उसे 240.49 करोड़ रुपये का घाटा होगा, जबकि 8.5 प्रतिशत ब्याज से उसके पास 4.13 करोड़ रुपये अतिरिक्त राशि उपलब्ध होगी।
एक सूत्र ने कहा कि ईपीएफओ का निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड की सोमवार को बैठक होने वाली है जिसमें चालू वित्त वर्ष के ब्याज के बारे में निर्णय किया जा सकता है।
शेयर बाजारों में आगामी सप्ताह निवेशकों की नजर इस माह के आखिर में पेश होने वाले रेल बजट, आर्थिक सर्वेक्षण तथा आम बजट पर टिकी रहेगी। बजट सत्र 21 फरवरी को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के संयुक्त अधिवेशन को सम्बोधन के साथ शुरू हो चुका है। आगामी सप्ताह संसद में मंगलवार को रेल बजट, बुधवार को आर्थिक सर्वेक्षण तथा गुरुवार को आम बजट पेश किया जाएगा।बजट सत्र 10 मई, 2013 को समाप्त होगा। इस बीच सत्र 22 मार्च को स्थगित कर दिया जाएगा, जो फिर से 22 अप्रैल से शुरू होगा। रेल बजट मंगलवार को लोकसभा में प्रश्न काल के बाद पेश किया जाएगा।बजट सत्र में कई विधेयकों पर चर्चा होने और उनके पारित होने की उम्मीद है। इनमें फॉरवर्ड कॉण्ट्रैक्ट्स (रेगुलेशन) संशोधन विधेयक-2010, पेंशन फंड रेगुलेटर एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी बिल-2011, भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास विधेयक-2011, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक-2011 और बीमा कानून (संशोधन) विधेयक-2008 प्रमुख हैं।डीजल को लगभग नियंत्रणमुक्त किए जाने के बीच रेलवे पर यात्री किराया और मालभाड़ा बढ़ाने का दबाव बढ़ गया है, लेकिन क्या रेल मंत्री पीके बंसल रेल बजट में किराया बढ़ाते हैं, इस पर सबकी नजर होगी। बंसल 26 फरवरी को अपने पहले रेल बजट में कैटरिंग सेवा में सुधार, स्टेशनों का विकास और करीब 100 नई ट्रेनें शुरू करने जैसे यात्री अनुकूल उपायों की घोषणा कर सकते हैं। हाल ही में रेल मंत्री ने पत्रकारों से कहा था कि डीजल के दाम में वृद्धि ने रेलवे को हल में की गई किराया वृद्धि से होने वाली अतिरिक्त आय को बराबर कर दिया है।विशेषज्ञों के अनुसार महंगाई को देखते हुए आम बजट में करमुक्त आय की सीमा 25,000 रुपए बढ़ाकर 2.25 लाख रुपए की जा सकती है। इसके अलावा वित्त मंत्री इंफ्रास्ट्रक्चर बॉंड में निवेशक पर कर में अतिरिक्त छूट का लाभ देने की योजना फिर घोषित कर सकते हैं ताकि आधारभूत सुविधाओं के विकास की परियोजनाओं के लिए अधिक दीर्घकालिक पूंजी जुटायी जा सके।
आर्थिक विश्लेषकों का मानना है कि नजदीक आ रहे आम चुनावो देखते हुए सरकार नौकरी पेशा तबके को कुछ राहत देने के लिए कर मुक्त आया की सीमा दो लाख रुपए से बढ़ाकर 2.25 लाख रुपए की जा सकती है। इस तर आवास ऋण पर डेढ लाख रुपए के बजाय दो लाख रुपए तक के ब्याज पर करछूट का लाभ दिया जा सकता है।भारतीय कंपनी सचिव संस्थान (आईसीएसआई) के पूर्व अध्यक्ष निसार अहमद के अनुसार इस समय दो लाख रुपए तक की सालाना आय करमुक्त है। महंगाई को देखते हुए यह कम है, पर सरकारी खजाने की स्थिति भी कठिन है, ऐसे में 2.25 लाख रुपए तक की आय करमुक्त हो सकती है। आयकर की धारा 80सी के तहत विभिन्न प्रकार के निवेश पर मिलने वाली एक लाख रुपए की कर छूट को भी बढ़ाकर कम से कम डेढ लाख रुपए किया जा सकता है।दिल्ली शेयर बाजार के पूर्व अध्यक्ष और प्रमुख शेयर कारोबारी अशोक अग्रवाल भी मानते हैं, 2.25 लाख रुपए की सालाना आय कर मुक्त हो सकती है। लेकिन बड़े अमीरों पर ऊंची दर से कर लगाने से कारोबारी धारणा बिगड़ सकती है। इंफ्रास्ट्रक्चर बाँड में 20,000 रुपए तक के निवेश पर कर लाभ सुविधा फिर शुए हो सकती है। पिछले बजट में यह सुविधा समाप्त कर दी गई थी। राजीव गांधी इक्विटी बचत योजना को और आकर्षक बनाया जा सकता है।
दूसरी ओर,निवेशक बजट में उत्पाद शुल्क और सेवा कर में किसी भी बदलाव पर निगाह टिकाए रहेंगे। निवेशक यह भी देखेंगे कि सरकार निवेश के माहौल में तेजी लाने के लिए क्या कुछ करती है। निवेशक आगामी कारोबारी साल के लिए विनिवेश के लक्ष्य पर भी ध्यान देंगे।बजट में वस्तु एवं सेवा कर को लागू करने से सम्बंधित प्रावधानों पर भी निवेशकों का ध्यान रहेगा। इन दिनों सर्वाधिक समृद्ध लोगों पर कर लगाने की भी चर्चा रही है। निवेशक इससे सम्बंधित प्रावधानों पर भी नजर रखेंगे। निवेशक यह भी देखेंगे कि सरकार महंगाई कम करने तथा रियायत का बोझ कम करने की दिशा में क्या करती है।इस बीच क्रेडिट सुइस ने मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 5.3 प्रतिशत कर दिया है जबकि पहले उसने इसके 5.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।फर्म का कहना है कि उसने अपेक्षा से अधिक राजकोषीय कड़ाई को ध्यान में रखते हुए वृद्धि दर अनुमान को कम किया है।क्रेडिट सुइस के अनुसंधान विश्लेषक राबर्ट प्रीयर-वेंडसफोरदे ने एक अनुसंधान पत्र में यह निष्कर्ष निकाला है। इसमें कहा गया है, अपेक्षा से अधिक राजकोषीय कड़ाई को देखते हुए हमने मौजूदा तथा अगले वित्त वर्ष के लिए अपने जीडीपी वृद्धि दर अनमान को और घटाया है।
इस माह के वायदा और विकल्प (एफ एंड ओ) खंड की परिपक्व ता अवधि गुरुवार को पूरी होने के कारण आगामी सप्ताह कुछ शेयरों में भारी उथल-पुथल हो सकती है।एक मार्च, 2013 से वाहन और सीमेंट कम्पनियां फरवरी माह में हुई बिक्री का आंकड़ा प्रस्तुत करने लगेंगी। इस नाते इन क्षेत्रों के शेयरों पर भी निवेशकों की निगाह होगी।मार्केट इकनॉमिक्स एक मार्च, 2012 को एचएसबीसी इंडिया मैन्यूफैक्च रिंग पीएमआई आंकड़ा प्रस्तुत करेगी, जिसमें फरवरी में देश के संयंत्रों की गतिविधियों का मूल्यांकन किया जाएगा।
सार्वजनिक कम्पनियों के विनिवेश की योजना और सरकारी तथा निजी कम्पनियों में एक निश्चित सीमा तक आम लोगों की शेयर धारिता बढ़ाने के भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के निर्देश और इसकी समय सीमा करीब आने के कारण अगले कुछ महीने में बाजार में शेयरों की आपूर्ति बढ़ सकती है। सरकार ने 31 मार्च को समाप्त होने वाले कारोबारी साल में सरकारी कम्पनियों के विनिवेश से 30 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।सेबी द्वारा घोषित समय सीमा के मुताबिक 13 जून तक निजी कम्पनियों को आम लोगों की शेयर धारिता बढ़ाकर न्यूनतम 25 फीसदी करनी होगी, जबकि सरकारी कम्पनियों को 13 अगस्त तक आम लोगों की शेयरधारिता बढ़ाकर न्यूनतम 10 फीसदी करनी होगी।
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
बजट के खेल से हमें क्या?संसद का बजट सत्र शुरू हो गया है। 28 फरवरी वित्त मंत्री संसद में बजट पेश करने वाले हैं। इस बजट से शेयर बाजार भी आस लगाए बैठा है।देश की विकास दर दशक के सबसे नीचे स्तर पर आने का अनुमान है। पिछले कई महीनों से औद्योगिक उत्पादन भी कमी देखने को मिली है। महंगाई दर अब तक काबू में नहीं आई है। बचत को लेकर कोई ठोस योजना नहीं बन रही है, और वित्तीय घाटा रिकॉर्ड स्तर पर जाने का अनुमान है।केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम 28 फरवरी को बजट पेश करेंगे और अर्थशास्त्रियों एवं विश्लेषकों का मानना है कि इस दौरान वह विकास को गति देने के लिए कड़े कदम उठाने के साथ-साथ वित्तीय अनुशासन लागू कर सकते हैं।चिदंबरम को अपने जीवनकाल के सबसे कठिन चुनौतियों के दौर से गुजरना पड़ रहा है, और इस बार के वित्त मंत्री की उनकी राह काफी कठिनाइयों से भरी डगर से गुजर रही है। गुरुवार को संसद में पी चिदंबरम बजट 2013 पेश करने वाले हैं। दरअसल पी चिदंबरम से पहले वित्त मंत्री रहे प्रणव मुखर्जी के लिए भी बजट को लेकर चुनौतियां कुछ ऐसी ही थी। हालांकि अब परिस्थितियां पटरी से नीचे उतर गई हैं।बजट के ऐन पहले वित्त मंत्री पी चिदंबरम के सामने एक नई चुनौती आ गई है। सेंट्रल एक्साइज अधिकारियों ने 25 फरवरी से एक हफ्ते के लिए हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है। एक्साइज विभाग ने ये भी कहा है कि अगर उनकी मांग सरकार ने पूरी नहीं कि तो वो बजट संबंधी कोई भी निर्देश लागू करने में वो सहयोग नहीं देंगे।राष्ट्रपति प्रणव मुख्रर्जी के भाषण से सुधारो की दिशा के बारे में जिन्हें अंदाज नहीं हुआ होगा,भारतीय बैंकिंग पर कारपोरेट कब्जे से उनकी आंखें खुलनी चाहिए। पर आम और खास भारतीय तो श्रद्धालु है और आस्था के कारोबार में सूचनाओं के सही परिप्रेक्ष्य देखने का क्या मतलब? हमारी आंखें बंद हैं, श्रद्धा भाव से बंद रहेंगी!विज्ञान के चमत्कार धार्मिक चमत्कार से बड़े नहीं हो सकते। यही कारण है कि सफलता के लिए इसरो प्रमुख के राधाकृष्णन ने रविवार सुबह तिरुपति मंदिर में पूजा-अर्चना की। उनके साथ उनकी पत्नी पद्मिनी भी थीं। भगवान वेंकटेश्वर के भक्त राधाकृष्णन हर अभियान से पहले और उसकी सफलता के बाद मंदिर में दर्शन करने अवश्य आते हैं।भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन [इसरो] कामयाबी की नई इबारत लिखने को तैयार है। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से सोमवार को स्वदेशी पीएसएलवी रॉकेट के जरिये 'सरल' समेत सात सेटेलाइट का प्रक्षेपण किया जाएगा। पीएसएलवी-सी20 रॉकेट को इसरो के सतीश धवन स्पेस सेंटर से शाम 5.56 बजे रवाना किया जाएगा।
चिदंबरम ने योजनीय खर्चों में कटौती कर वित्तीय घाटे को काबू में लाने की कोशिश जरूर की है। लिहाजा माना जा रहा है कि वित्तीय घाटा 5.3 के लक्ष्य पर रह सकता है। अगर वित्तीय घाटे को 5.3 फीसदी के लक्ष्य पर नहीं लाया गया तो देश की रेटिंग घटने का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में इंडस्ट्री के दिग्गज भी वित्तीय घाटे को लेकर चिंतित हैं, ताकि अर्थव्यवस्था में मंदी ना बढ़ जाए।पहले से ही प्राइवेट सेक्टर की तरफ से निवेश की गति कम हो गई है। सरकार की तरफ से भी निवेश के मोर्चे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। लिहाजा बजट में सरकार को सब्सिडी में कटौती कर इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने चाहिए। हालांकि आम चुनाव के सिर पर खड़े होने के कारण वित्त मंत्री को आम आदमी को नजरअंदाज कर आगे बढ़ने के फैसले लेने से नुकसान भी झेलना पड़ सकता है।बाजार को बजट से कोई खास उम्मीद की कोई किरण नजर नहीं आ रही है। यही कारण है कि बजट से पहले की तेजी बाजार से पूरी तरह गायब है। फिर भी वित्त मंत्री को बजट में ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाने ही होंगे। हालांकि टैक्स दरों में बढ़ोतरी जैसे कदम उठाने से ग्रोथ को बढ़ावा नहीं मिलेगा। लिहाजा कुछ करने का मौका वित्त मंत्री के हाथों में है। वरना, बाजार ये मान कर चल रहा है कि जुलाई 2014 में पेश होने वाला बजट (अगर मध्यावधि चुनाव ना हो) शायद पी चिदंबरम पेश कर पाएं।
हम आश्वस्त हो गये कि अब तक जब रक्षा घोटाले के किसी मामले में जांच से किसी का कुछ न बिगड़ा तो महामहिम और फर्स्ट फेमिली का नाम जुड़ने के बाद अब सीबीआई जरुर कोई गुल खिलायेगी, जिसके लिए उसकी खास शोहरत है। वीवीआईपी हेलिकॉप्टर डील में अगस्ता वेस्टलैंड ने रिश्वत दी या नहीं, इससे जुड़े कुछ दस्तावेज सीबीआई को मिलान में इटली के अधिकारियों से हासिल हुए हैं। सीबीआई के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि सीबीआई की जो टीम इटली गई थी, उस टीम का एक अधिकारी रविवार को कुछ दस्तावेजों के साथ मिलान से लौटा है। 3600 करोड़ रुपए की इस विवादास्पद डील में अगले कुछ दिनों में सीबीआई जांच शुरू कर देगी। सूत्रों ने बताया कि अभी जो शुरुआती जांच (पीई) सीबीआई शुरू करेगी, वह इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर होगी।
समाजसेवी अन्ना हजारे ने आज कहा कि उन्होंने करीब डेढ़ महीने में भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने आंदोलन को नया रूप देने का फैसला किया है। 'बासव श्री' पुरस्कार हासिल करने के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए अन्ना ने भ्रष्टाचार विरोधी अपने आंदोलन में शामिल होने की इच्छा रखने वाले लोगों से कहा कि वे 99234 99235 पर उन्हें एसएमएस करें जिससे वह उनके संपर्क में रहेंगे। अन्ना ने 12वीं सदी के समाज सुधारक बासवेश्वर की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने एक जातिहीन समाज की स्थापना के लिए अथक प्रयास किए थे।
आईसीआईसीआई बैंक की प्रमुख चंदा कोचर का मानना है कि नए बैंक लाइसेंसों के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों से इस क्षेत्र में गंभीर और विश्वसनीय खिलाड़ी उतरेंगे।दिग्गज बैंकर और एचडीएफसी समूह के चेयरमैन दीपक पारेख ने देश में ग्लोबल स्तर के कुछ बड़े बैंकों की जरूरत बताई है। इसके लिए उन्होंने बैंकों के एकीकरण की वकालत की है। नए बैंकों के लिए आरबीआइ के अंतिम दिशानिर्देश का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि बैंकिंग नियामक को इससे आगे के कदम पर ध्यान देना चाहिए। फिलहाल देश का कोई भी बैंक इतना बड़ा नहीं है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर का हो।पारेख ने कहा कि बड़ी परियोजनाओं को कर्ज देने के लिए बड़े-बड़े बैंकों की आवश्यकता है। नए बैंकों की बजाय इनकी जरूरत ज्यादा है। सार्वजनिक या निजी क्षेत्र का देश का कोई भी समूह अभी इस लायक नहीं है कि वह अकेले इनकी स्थापना कर सके। इसके लिए विलय प्रक्रिया ही सबसे माकूल उपाय है। मैंने हमेशा इसकी वकालत की है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा बैंकिंग सुविधा से अछूती बड़ी ग्रामीण आबादी को यह सुविधा मुहैया कराने पर ज्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए। इन इलाकों में ज्यादा से ज्यादा शाखाएं खोलने की जरूरत है। हालांकि, उन्होंने कहा कि नए बैंकों के लिए अपनी 25 फीसद शाखाएं ग्रामीण इलाकों में खोलना काफी मुश्किल होगा। आरबीआइ ने अपने दिशानिर्देश में नए बैंकों के लिए इस शर्त का प्रावधान किया है।निजी क्षेत्र में नए बैंकों के लिए लाइसेंस जारी करने के अंतिम दिशानिर्देश जारी होने का उद्योग जगत ने स्वागत किया। उद्योग मंडल एसोचैम ने शनिवार को कहा कि इससे बैंकिंग सेवाओं का विस्तार करने में मदद मिलेगी।एसोचैम के अध्यक्ष राजकुमार धूत ने कहा,'इससे ना केवल बैंकिंग सेवाओं का विस्तार करने में मदद मिलेगी, बल्कि स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहन मिलेगा।' उन्होंने कहा कि साथ ही मौजूदा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को बैंकों में तब्दील होने की अनुमति देने संबंधी प्रावधान किए जाने से एनबीएफसी क्षेत्र की मांग भी पूरी होगी।
नए बैंकिंग लाइसेंस की अंतिम गाइडलाइंस जारी होने के बाद अटकलें शुरू हो गई हैं कि आरबीआई कितने लाइसेंस जारी करेगा और किसे लाइसेंस मिलेगा।
नए बैंक लाइसेंस के लिए श्रीराम ट्रांसपोर्ट, एलआईसी हाउसिंग, इंडियाबुल्स फाइनेंशियल, एलएंडटी फाइनेंस, टाटा कैपिटल, श्रेई इंफ्रा, एडेलवाइज, रिलायंस कैपिटल, एमएंडएम फाइनेंस, आईएफसीआई, बजाज फाइनेंस, एबी नूवो, रेलिगेयर मुख्य दावेदार हैं।
जानकारों के मुताबिक आरबीआई की गाइडलाइंस काफी अच्छी हैं और कई कंपनियां लाइसेंस के लिए योग्यता के मापदंडों में ढिलाई दी गई है। अब रियल एस्टेट और ब्रोकिंग कंपनियां भी लाइसेंस के लिए अर्जी दे सकेंगी।
के आर चोकसी के देवेन चोकसी का कहना है कि कॉरपोरेट्स के अलावा दूसरे सेक्टरों को भी बैंकिंग लाइसेंस के लिए अर्जी करने की छूट दिया जाना अच्छा फैसला है।
देवेन चोकसी के मुताबिक नए बैंकिंग लाइसेंस के दावेदारों में से बजाज फाइनेंस, महिंद्रा फाइनेंस, सुंदरम फाइनेंस, श्रीराम फाइनेंस के पास बेहतर सुविधा है।
एंजेल ब्रोकिंग के मयुरेश जोशी के मुताबिक मौजूदा एनबीएफसी के पास बैंक लाइसेंस मिलने का ज्यादा मौका है। नए बैंकिंग लाइसेंस की दौड़ में एनबीएफसी फ्रंट रनर हैं।
पूर्व सचिव (फाइनेंशियल सर्विसेज) सचिव डी के मित्तल का कहना है कि बैंकिंग लाइसेंस मिलने से एनबीएफसी में जान आएगी। बैंक बनने के बाद एनबीएफसी की कॉस्ट ऑफ फंडिंग कम होगी।
रेलिगेयर के सीएमडी सुनील गोधवानी का भी कहना है कि आरबीआई की गाइडलाइंस काफी अच्छी हैं। कंपनी अब गाइडलाइंस को पढ़ेगी और फिर बैंक लाइसेंस के लिए अर्जी देने पर फैसला लेगी। कंपनी का पहले से ही टीयर 2 शहरों में काफी एक्सपोजर है।
सुनील गोधवानी के मुताबिक नए बैंकों में विदेशी निवेश की इजाजत दिए जाना अच्छा फैसला है। लेकिन, पेड-अप वोटिंग कैपिटल को कम करना नए बैंकों के लिए चुनौती भरा होगा।
इंडियन ओवरसीज बैंक के सीएमडी, एम नरेंद्र के मुताबिक बैंकिंग क्षेत्र में नए बैंकों के लिए काफी मौके हैं। नए बैंक आने से प्रतियोगिता बढ़ेगी, जिससे बैंकिंग सेवाएं सुधरेंगी। बैंक लाइसेंस लेने के लिए सरकारी कंपनियां भी आगे आएंगी।
पीडब्ल्यूसी की ऋंजनी कुमार का कहना है कि नए बैंकिंग लाइसेंस का दायरा काफी बड़ा रखा गया है। लेकिन, लाइसेंस देते समय ध्यान रखा जाना चाहिए ताकी गलत लोगों को लाइसेंस न मिले।
देश के कॉरपोरेट घराने भी नए बैंक खोल सकेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को नए बैंक लाइसेंसों पर अंतिम दिशा-निर्देश जारी करने के साथ ही यह स्पष्ट हो गया। अब देश में जल्द ही नए बैंकों की बहार नजर आ सकती है। आरबीआई ने निजी और सार्वजनिक सेक्टर के साथ-साथ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को भी बैंकिंग क्षेत्र में उतरने का मौका दे दिया है।आईसीआईसीआई बैंक की प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी कोचर ने कहा कि ये दिशा-निर्देश व्यापक हैं और इनमें नए बैंकों के प्रवेश से संबंधित सभी मुद्दों को शामिल किया गया है।कोचर ने कहा कि रिजर्व बैंक ने स्पष्ट रूप से लाइसेंस प्रदान करने के बारे में नियामक ढांचे को पेश किया है। साथ ही नए बैंकों के स्वामित्व और प्रबंधन के बारे में भी स्पष्ट रूप से बताया है।उन्होंने कहा कि ये दिशा-निर्देश गंभीर और विश्वसनीय खिलाडियों का बैंकिंग क्षेत्र में प्रवेश सुनिश्चित करेंगे। रिजर्व बैंक ने पिछले शुक्रवार को नए बैंकिंग लाइसेंस के बारे में दिशा-निर्देश जारी करते हुए आवेदन आमंत्रित किए थे।
आरबीआई ने जारी अधिसूचना में कहा है कि पूर्ण स्वामित्व वाली नॉन-ऑपरेटिव फाइनेंस होल्डिंग कंपनी (एनओएफएचसी) के जरिए प्राइवेट सेक्टर की कंपनियां या समूह, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) अब बैंक खोल सकती हैं।
बैंक खोलने की इच्छुक कंपनियों के पास आवेदन करने के लिए आगामी 1 जुलाई तक का समय है। आरबीआई ने कहा है कि नए बैंक खोलने के लिए न्यूनतम 500 करोड़ रुपये की पेड-अप कैपिटल जरूरी है। नए बैंकों में विदेशी निवेश की अधिकतम सीमा 49 फीसदी तय की गई है जिसे पांच साल तक बरकरार रखना अनिवार्य है।
अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि योग्य पाई जाने वाली एनबीएफसी अपने-आपको बैंक में भी बदल सकती हैं।
वित्तीय सुरक्षा के बारे में आरबीआई ने कहा कि किसी प्रमोटर या प्रमोटर ग्रुप का न्यूनतम 10 साल तक वित्तीय ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा रहने और 10 साल तक कारोबारी प्रदर्शन बेहतर होने पर ही उसे नया बैंक खोलने के लिए योग्य माना जाएगा।
इसके अलावा, कंपनियों के बिजनेस प्लान में 25 फीसदी बैंक शाखाएं ग्रामीण इलाकों या गैर-बैंकिंग क्षेत्रों में खोलना अनिवार्य होना चाहिए। हालांकि, आरबीआई ने कहा है कि प्रमोटेड बैंक, जिनकी 40 फीसदी से ज्यादा परिसंपत्ति या आय गैर-वित्तीय कारोबार से आ रही है, उनके लिए 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की पेड-अप इक्विटी कैपिटल जुटाने के लिए अनुमति लेना जरूरी है।
इसके अलावा, अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि बैंक के बोर्ड में अधिकांश निदेशक स्वतंत्र होने चाहिए। नियामक ढांचे पर आरबीआई ने कहा है कि सभी नए बैंक आरबीआई के अधिनियम 1934 के प्रावधानों के तहत आएंगे, यानी सभी बैंकों पर आरबीआई का ही नियंत्रण रहेगा।
एनओएफएचसी को गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के रूप में आरबीआई से पंजीकृत होना पड़ेगा और इसके लिए आरबीआई द्वारा अलग से निर्देश जारी किए जाएंगे। विदेशी हिस्सेदारी पर रिजर्व बैंक ने कहा है कि लाइसेंस जारी होने से लेकर पांच साल तक अनिवासी भारतीयों और विदेशी संस्थागत निवेशों की इसमें हिस्सेदारी 49 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकती।
किसी भी एनआरआई शेयरधारक को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से बैंक खोलने की मंजूरी मिलने की तिथि से लेकर पांच साल तक 5 फीसदी से ज्यादा पेड-अप वोटिंग इक्विटी कैपिटल रखने की इजाजत नहीं है। साथ ही, आरबीआई ने कहा है कि प्रमोटर या प्रमोटर ग्रुप द्वारा बनाई गई एनओएफएचसी के कुल वोटिंग शेयर में व्यक्तिगत वोटिंग इक्विटी शेयर 10 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकते हैं।
मंजूरी - पब्लिक सेक्टर व कॉरपोरेट घरानों के साथ एनबीएफसी भी खोल सकेंगी नया बैंक
कड़ी शर्त - वित्तीय दृष्टि से मजबूत और न्यूनतम दस वर्षों का सफल व विश्वसनीय बिजनेस ट्रैक रिकॉर्ड रखने वाली प्राइवेट कंपनियां ही खोल सकेंगी नया बैंक
कौन आगे - अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप, लार्सन एंड टुब्रो, टाटा ग्रुप, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एलआईसी और आदित्य बिड़ला ग्रुप
कोई पाबंदी नहीं! - रियल्टी कंपनियां, ब्रोकरेज फर्म और सार्वजनिक उपक्रम भी खोल सकेंगे नए बैंक, अंतिम गाइडलाइंस में इन सभी को इजाजत न देने का कोई जिक्र नहीं
अभी तय नहीं - कितने नए बैंक लाइसेंस जारी किए जाएंगे, इसका कोई जिक्र नहीं हैं फाइनल गाइडलाइंस में
इससे पहले कब - आरबीआई ने वर्ष 1993 में प्राइवेट बैंकों को इजाजत दी थी। रिजर्व बैंक ने इससे पहले वर्ष 2001 में कोटक महिंद्रा बैंक और यस बैंक को इसके लिए लाइसेंस दिए थे।
लास्ट डेट - नए बैंक खोलने के बारे में आवेदन करने की अंतिम तिथि है 1 जुलाई
नई गाइडलाइंस
प्रमोटर के पूर्ण स्वामित्व वाली गैर संचालित फाइनेंशियल होल्डिंग कंपनी के जरिए खुलेंगे नए बैंक
नए बैंकों को अपनी 25% शाखाएं ऐसे ग्रामीण क्षेत्रों में खोलनी होंगी जो बैंकिंग सेवाओं से वंचित हैं
नए बैंक में विदेशी निवेश की अधिकतम सीमा होगी 49 फीसदी
नए बैंक के लिए न्यूनतम चुकता पूंजी 500 करोड़ रुपये तय
संचालन शुरू होने के तीन साल के भीतर लिस्टिंग जरूरी
सहारा के साथ लेन-देन को लेकर सेबी ने किया सतर्क
बाजार नियामक सेबी ने सहारा समूह की दो कंपनियों और उसके प्रवर्तक समेत समूह के प्रमुख सुब्रत राय के साथ किसी भी प्रकार के लेनदेन को लेकर निवेशकों तथा आम लोगों को आगाह किया है।
कुछ दिन पहले सेबी ने सहारा समूह की दो कंपनियों सहारा इंडिया रीयल एस्टेट कार्प लि. तथा सहारा हाउसिंग इनवेस्टमेंट कार्प लि.एवं समूह के चेयरमैन सुब्रत राय समेत उसके प्रवर्तकों के बैंक खातों, निवेश तथा अन्य सभी संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया था जिसके बाद यह चेतावनी जारी की गयी है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा,'कोई भी इन कंपनियों तथा उसके तीन प्र्वतकों एवं निदेशकों के साथ लेनदेन करता है तो वह अपने जोखिम पर करेगा।'
नियामक ने कहा कि सहारा समूह की इन कंपनियों द्वारा प्राप्त रकम निवेशकों को लौटाने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद उसने संबंधित कंपनियों तथा उसके प्रवर्तकों एवं निदेशकों सुब्रत राय सहारा, वंदना भार्गव, अशोक राय चौधरी तथा रवि शंकर दुबे की सभी चल एवं अचल संपत्ति, बैंक खाते तथा डिमैट एकाउंट जब्त करने का आदेश दिया है।
सेबी ने सार्वजनिक नोटिस में कहा,'निवेशकों एवं आम लोगों को सलाह दी जाती है कि वे उक्त इकाइयों को लेकर सतर्क रहे और आदेश की प्रति देखें।'
बाजार नियामक ने 13 फरवरी को दो अलग-अलग आदेश में सहारा की दोनों कंपनियों एवं सहारा समूह के प्रमुख तथा प्रवर्तकों की संपत्ति कुर्क करने और खातों पर रोक लगाने को कहा था। सेबी के इस आदेश से कुछ ही दिन पहले उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि यदि सहारा समूह की कंपनियां निवेशकों को धन वापस करने के लिए उसके पास राशि जमा नहीं कराती हैं तो बाजार नियामक संपत्तियों को कुर्क करने और खातों को बंद करने के लिए स्वतंत्र है।
जिन परिसंपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया गया उनमें समूह की पुणे के आंबीवैली रिजोर्ट, दिल्ली और मुंबई में अन्य रियल स्टेट संपत्तियां, देश के विभिन्न भागों में फैली संपत्तियां, शेयर, म्यूचुअल फंड और विभिन्न अन्य निवेश शामिल हैं। दोनों कंपनियों के खिलाफ दो अलग-अलग आदेश जारी करते हुए सेबी ने कहा था कि दोनों कंपनियों ने बॉन्ड धारकों से क्रमश: 6380 करोड़ रुपए और 19400 करोड़ रुपए एकत्र किए तथा इस धन को एकत्र करने में विभिन्न अनियमितताएं बरती गईं।
चिदंबरम ऐसे समय में बजट पेश कर रहे हैं जब भारत का आर्थिक विकास दशक के निचले स्तर पर तथा चालू खाता घाटा अब तक के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया है। वहीं वित्तीय घाटे में तेजी जारी है। वैश्विक रेटिंग एजेंसियों द्वारा रेटिंग घटाने से चिदंबरम की परेशानी और बढ़ गई है।
डेलॉयट इंडिया के वरिष्ठ निदेशक अनीस चक्रवर्ती ने कहा, 'हम विकास को गति देने के लिए मजबूत कदम की उम्मीद कर रहे हैं। बढ़ता घाटा भी बड़ी चुनौती है। चालू खाता घाटा अपेक्षाकृत अधिक चिंता का विषय है। वित्तीय एकीकरण को सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदमों की आवश्यकता है।'
केंद्रीय सांख्यिकी संग्ठन (सीएसओ) के अनुमान के मुताबिक भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) मार्च की समाप्ति पर पांच फीसदी रहने की संभावना है। यह 2002-03 के बाद अर्थव्यवस्था की सबसे खराब स्थिति है।
इस बीच फेडरेशन ऑफ इंडियन चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के अध्यक्ष नैना लाल किदवई ने कहा, 'हम यह उम्मीद कर रहे हैं कि बजट विकास के अनुकूल और पूंजी के निर्माण के बढ़ावा देने वाला हो।'
रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स और फिच ने भारत को बीबीबी ऋणात्मक रेटिंग दी है इसके मुताबिक भारत के लिए दूसरे देशों से कर्ज लेना महंगा होगा। इससे भारतीय मुद्रा और सरकार एवं कारपोरेट सेक्टर द्वारा होने वाला पूंजी का प्रवाह भी प्रभावित होगी जिससे चालू खाता घाटा की समस्या उत्पन्न होती है।
एंजल ब्रोकिंग के मुताबिक चिदंबरम वित्तीय घाटे को कम करने के लिए कड़े कदम उठा सकते हैं तथा जनाधिकारवादी कदम चुनाव के नजदीक लिए जाएंगे।
इस बीच, अकाई इंडिया के प्रबंध निदेशक प्रणय धाभाई ने कहा, 'सकारात्मक बजट अर्थव्यवस्था को सरल बनाने के साथ-साथ जीडीपी के विकास को गति प्रदान करेगा।' इसके साथ ही वह वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन के संदर्भ में उठाए जाने वाले संभावित कदम को भी महत्वपूर्ण मानते हैं।
ईपीएफओ 2012-13 के लिये 8.5 प्रतिशत ब्याज संभव
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) का केंद्रीय न्यासी बोर्ड सोमवार को वित्त वर्ष 2012-13 के लिये अपने करीब पांच करोड़ अंशधारकों के भविष्य निधि जमाओं पर 8.5 प्रतिशत ब्याज देने का निर्णय कर सकता है। अगर ऐसा होता है तो यह पिछले वित्त वर्ष में दिये गये 8.25 प्रतिशत ब्याज के मुकाबले अधिक होगा।ईपीएफओ द्वारा तैयार नोट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2012-13 के लिये 8.5 प्रतिशत ब्याज व्यावहारिक है। इस नोट पर ईपीएफओ की परामर्श इकाई वित्त और निवेश समिति ने भी 15 फरवरी को विचार किया था।ईपीएफओ के अनुमान के अनुसार चालू वित्त वर्ष में 8.6 प्रतिशत ब्याज देने से उसे 240.49 करोड़ रुपये का घाटा होगा, जबकि 8.5 प्रतिशत ब्याज से उसके पास 4.13 करोड़ रुपये अतिरिक्त राशि उपलब्ध होगी।
एक सूत्र ने कहा कि ईपीएफओ का निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड की सोमवार को बैठक होने वाली है जिसमें चालू वित्त वर्ष के ब्याज के बारे में निर्णय किया जा सकता है।
शेयर बाजारों में आगामी सप्ताह निवेशकों की नजर इस माह के आखिर में पेश होने वाले रेल बजट, आर्थिक सर्वेक्षण तथा आम बजट पर टिकी रहेगी। बजट सत्र 21 फरवरी को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के संयुक्त अधिवेशन को सम्बोधन के साथ शुरू हो चुका है। आगामी सप्ताह संसद में मंगलवार को रेल बजट, बुधवार को आर्थिक सर्वेक्षण तथा गुरुवार को आम बजट पेश किया जाएगा।बजट सत्र 10 मई, 2013 को समाप्त होगा। इस बीच सत्र 22 मार्च को स्थगित कर दिया जाएगा, जो फिर से 22 अप्रैल से शुरू होगा। रेल बजट मंगलवार को लोकसभा में प्रश्न काल के बाद पेश किया जाएगा।बजट सत्र में कई विधेयकों पर चर्चा होने और उनके पारित होने की उम्मीद है। इनमें फॉरवर्ड कॉण्ट्रैक्ट्स (रेगुलेशन) संशोधन विधेयक-2010, पेंशन फंड रेगुलेटर एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी बिल-2011, भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास विधेयक-2011, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक-2011 और बीमा कानून (संशोधन) विधेयक-2008 प्रमुख हैं।डीजल को लगभग नियंत्रणमुक्त किए जाने के बीच रेलवे पर यात्री किराया और मालभाड़ा बढ़ाने का दबाव बढ़ गया है, लेकिन क्या रेल मंत्री पीके बंसल रेल बजट में किराया बढ़ाते हैं, इस पर सबकी नजर होगी। बंसल 26 फरवरी को अपने पहले रेल बजट में कैटरिंग सेवा में सुधार, स्टेशनों का विकास और करीब 100 नई ट्रेनें शुरू करने जैसे यात्री अनुकूल उपायों की घोषणा कर सकते हैं। हाल ही में रेल मंत्री ने पत्रकारों से कहा था कि डीजल के दाम में वृद्धि ने रेलवे को हल में की गई किराया वृद्धि से होने वाली अतिरिक्त आय को बराबर कर दिया है।विशेषज्ञों के अनुसार महंगाई को देखते हुए आम बजट में करमुक्त आय की सीमा 25,000 रुपए बढ़ाकर 2.25 लाख रुपए की जा सकती है। इसके अलावा वित्त मंत्री इंफ्रास्ट्रक्चर बॉंड में निवेशक पर कर में अतिरिक्त छूट का लाभ देने की योजना फिर घोषित कर सकते हैं ताकि आधारभूत सुविधाओं के विकास की परियोजनाओं के लिए अधिक दीर्घकालिक पूंजी जुटायी जा सके।
आर्थिक विश्लेषकों का मानना है कि नजदीक आ रहे आम चुनावो देखते हुए सरकार नौकरी पेशा तबके को कुछ राहत देने के लिए कर मुक्त आया की सीमा दो लाख रुपए से बढ़ाकर 2.25 लाख रुपए की जा सकती है। इस तर आवास ऋण पर डेढ लाख रुपए के बजाय दो लाख रुपए तक के ब्याज पर करछूट का लाभ दिया जा सकता है।भारतीय कंपनी सचिव संस्थान (आईसीएसआई) के पूर्व अध्यक्ष निसार अहमद के अनुसार इस समय दो लाख रुपए तक की सालाना आय करमुक्त है। महंगाई को देखते हुए यह कम है, पर सरकारी खजाने की स्थिति भी कठिन है, ऐसे में 2.25 लाख रुपए तक की आय करमुक्त हो सकती है। आयकर की धारा 80सी के तहत विभिन्न प्रकार के निवेश पर मिलने वाली एक लाख रुपए की कर छूट को भी बढ़ाकर कम से कम डेढ लाख रुपए किया जा सकता है।दिल्ली शेयर बाजार के पूर्व अध्यक्ष और प्रमुख शेयर कारोबारी अशोक अग्रवाल भी मानते हैं, 2.25 लाख रुपए की सालाना आय कर मुक्त हो सकती है। लेकिन बड़े अमीरों पर ऊंची दर से कर लगाने से कारोबारी धारणा बिगड़ सकती है। इंफ्रास्ट्रक्चर बाँड में 20,000 रुपए तक के निवेश पर कर लाभ सुविधा फिर शुए हो सकती है। पिछले बजट में यह सुविधा समाप्त कर दी गई थी। राजीव गांधी इक्विटी बचत योजना को और आकर्षक बनाया जा सकता है।
दूसरी ओर,निवेशक बजट में उत्पाद शुल्क और सेवा कर में किसी भी बदलाव पर निगाह टिकाए रहेंगे। निवेशक यह भी देखेंगे कि सरकार निवेश के माहौल में तेजी लाने के लिए क्या कुछ करती है। निवेशक आगामी कारोबारी साल के लिए विनिवेश के लक्ष्य पर भी ध्यान देंगे।बजट में वस्तु एवं सेवा कर को लागू करने से सम्बंधित प्रावधानों पर भी निवेशकों का ध्यान रहेगा। इन दिनों सर्वाधिक समृद्ध लोगों पर कर लगाने की भी चर्चा रही है। निवेशक इससे सम्बंधित प्रावधानों पर भी नजर रखेंगे। निवेशक यह भी देखेंगे कि सरकार महंगाई कम करने तथा रियायत का बोझ कम करने की दिशा में क्या करती है।इस बीच क्रेडिट सुइस ने मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 5.3 प्रतिशत कर दिया है जबकि पहले उसने इसके 5.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।फर्म का कहना है कि उसने अपेक्षा से अधिक राजकोषीय कड़ाई को ध्यान में रखते हुए वृद्धि दर अनुमान को कम किया है।क्रेडिट सुइस के अनुसंधान विश्लेषक राबर्ट प्रीयर-वेंडसफोरदे ने एक अनुसंधान पत्र में यह निष्कर्ष निकाला है। इसमें कहा गया है, अपेक्षा से अधिक राजकोषीय कड़ाई को देखते हुए हमने मौजूदा तथा अगले वित्त वर्ष के लिए अपने जीडीपी वृद्धि दर अनमान को और घटाया है।
इस माह के वायदा और विकल्प (एफ एंड ओ) खंड की परिपक्व ता अवधि गुरुवार को पूरी होने के कारण आगामी सप्ताह कुछ शेयरों में भारी उथल-पुथल हो सकती है।एक मार्च, 2013 से वाहन और सीमेंट कम्पनियां फरवरी माह में हुई बिक्री का आंकड़ा प्रस्तुत करने लगेंगी। इस नाते इन क्षेत्रों के शेयरों पर भी निवेशकों की निगाह होगी।मार्केट इकनॉमिक्स एक मार्च, 2012 को एचएसबीसी इंडिया मैन्यूफैक्च रिंग पीएमआई आंकड़ा प्रस्तुत करेगी, जिसमें फरवरी में देश के संयंत्रों की गतिविधियों का मूल्यांकन किया जाएगा।
सार्वजनिक कम्पनियों के विनिवेश की योजना और सरकारी तथा निजी कम्पनियों में एक निश्चित सीमा तक आम लोगों की शेयर धारिता बढ़ाने के भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के निर्देश और इसकी समय सीमा करीब आने के कारण अगले कुछ महीने में बाजार में शेयरों की आपूर्ति बढ़ सकती है। सरकार ने 31 मार्च को समाप्त होने वाले कारोबारी साल में सरकारी कम्पनियों के विनिवेश से 30 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।सेबी द्वारा घोषित समय सीमा के मुताबिक 13 जून तक निजी कम्पनियों को आम लोगों की शेयर धारिता बढ़ाकर न्यूनतम 25 फीसदी करनी होगी, जबकि सरकारी कम्पनियों को 13 अगस्त तक आम लोगों की शेयरधारिता बढ़ाकर न्यूनतम 10 फीसदी करनी होगी।
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