Pages

Free counters!
FollowLike Share It

Friday 28 February 2014

जाति का उन्मूल��: कल, आज और कल

जाति का उन्मूलन: कल, आज और कल<http://www.junputh.com/2014/02/blog-post_14.html>
<https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg0IZ0R5UlQfdf83L4dmmhyiLlZ4t4tOIeswjclud-sPuI8m12Sd6n3eqg3qv3r1elJNSUpljnm_6oZ_OXx84UOg7Sdxt1XPvBtdXtv0oyJVc6WQcb8eEiiR6tulQkh7FV3R2sx2MXrwxKp/s1600/Anand-Teltumbde.jpg>*आनंद
तेलतुम्‍बड़े *

*आनंद तेलतुम्बड़े हमारे समय के सबसे महत्‍वपूर्ण चिंतकों में एक हैं। पिछले
दिनों उनके कहे-लिखे पर काफी विवाद खड़ा किया गया है। प्रस्‍तुत लेख उन्‍होंने
''समयांतर'' के लिए लिखा था जिसका अनुवाद अभिषेक श्रीवास्‍तव ने किया है। यह
समयांतर के फरवरी अंक में प्रक

No comments:

Post a Comment