[image: परिवार वाद ही आगे चलकर जातिवाद में विकसित होता है]
परिवार वाद ही आगे चलकर जातिवाद में विकसित होता है
*बहस तलब- जाति उन्मूलन को बुनियादी एजेण्डा बनाये बगैर हम न वर्ग जाति
वर्चस्व टल्ली लगाकर तोड़ सकते हैं और न पूँजी निर्देशित राज्यतन्त्र को बदलने
की कोई पहल कर सकते हैं*
*यदि देश के सारे गरीब एक हो गये तो ?*
पलाश विश्वास
बहस की शुरुआत करें, इससे पहले एक सूचना
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