बहसतलब ,हम गुलाम प्रजाजन स्वतंत्र देश के स्वतंत्र नागरिक कब बनेंगे?कृपया
खुलकर लिखें।
पलाश विश्वास
बहसतलब ,हम गुलाम प्रजाजन स्वतंत्र देश के स्वतंत्र नागरिक कब बनेंगे?कृपया
खुलकर लिखें।
कवियों को हमने कविता में रायदेने की छूट दे रखी है और मानते भी हैं हम कि हर
बंद दरवाजे पर दस्तक के लिए कविता से बेहतर कोई हाथ नहीं। हम यह बहस आपकी राय
मिलने के बाद ही समेटेंग
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