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Monday 30 January 2012

असंगठित मजदूरों को जोड़ने की कवायद लेखक : महेश जोशी :: अंक: 19 || 15 मई से 31 मई 2011:: वर्ष :: 34 :June 2, 2011 पर प्रकाशित



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असंगठित मजदूरों को जोड़ने की कवायद

लेखक : महेश जोशी :: अंक: 19 || 15 मई से 31 मई 2011:: वर्ष :: 34 : June 2, 2011  पर प्रकाशित
मई दिवस के अवसर पर नैनीताल में गोविन्द बल्लभ पंत पार्क में सम्पन्न एक सभा में असंगठित व बिखरे क्षेत्र के मजदूरों को संगठित करने का निर्णय लिया गया। उत्तराखंड में व्याप्त माफिया के खिलाफ मुहिम चलाने के लिये एकजुट होने की अपील की गई व तय किया गया कि एक साझा मंच बनाया जायेगा।
वरिष्ठ कर्मचारी नेता जी.सी. उप्रेती की अध्यक्षता में 'मजदूर दिवस आयोजन समिति नैनीताल' द्वारा आयोजित इस सभा में विभिन्न कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों के अतिरिक्त नाव चालक संघ, रिक्शा यूनियन, फड़ खोखा समिति, होटल गाइड मजदूर एसोसियेशन आदि संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। आयोजन समिति के संयोजक मनोज टाँक ने मजदूर दिवस के इतिहास व पृष्ठभूमि पर एक लम्बा आलेख पढ़ते हुए उत्तराखंड के संदर्भ में कर्मचारी संगठनों की बढ़ती शक्ति का उपयोग असंगठित व बिखरे मजदूरों को एकजुट करने व उन्हें न्याय दिलाने में करने पर जोर दिया। वरिष्ठ कर्मचारी नेता राम पंत ने वैश्वीकरण के इस दौर में सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण की प्रक्रिया के चलते राजकीय कर्मचारियों पर भारी विपत्ति आने की आशंका जताई। निगम कर्मचारी महासंघ के सी.पी. अधिकारी ने राजनीतिक विचार-धारा के साथ एकजुट होकर मजदूर हित में कार्य करने का आह्वान किया। फड़ खोखा समिति के केशव ने कहा कि रोजगार की कोई स्पष्ट नीति न होने से पलायन तेज हुआ है और शहरों पर दबाव बढ़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि नगरपालिका पैसे लेकर फड़-खोखा लगाने की इजाजत देती है और फिर उनके फड़ों को तोड़ती भी है। कमला कुंजवाल ने आशा कार्यकत्रिर्यों के शोषण और उनकी दयनीय स्थिति का जिक्र किया। भारतीय दूरसंचार निगम के काण्डपाल ने निर्माणाधीन उद्योगों में अफसर व ठेकेदारों की मिलीभगत से हो रहे मजदूरों के शोषण पर ध्यान खींचा। हाईकोर्ट के दुर्गा सिंह मेहता ने चिन्ता व्यक्त की कि कर्मचारी नेताओं द्वारा अपने निजी स्वार्थों के लिये काम करने के कारण अब मजदूरों में उनकी विश्वसनीयता कम हो गई है।
ग्रामीण बैंक कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष एच.एस. राणा ने कहा हमारी सरकारें कॉरपोरेट घरानों के हित में काम कर रही है। सी.पी.आई.एम.एल. के उत्तराखंड प्रभारी राजा बहुगुणा ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड की संघर्षरत जनता की न्यायोचित माँगों को सुनने पर विचार करने के बजाय दमन कर रही है। आयोजन समिति के सह संयोजक पान सिंह सिजवाली ने होटल-गाइड मजदूरों की समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अधिकांश होटलों में मजदूरों के काम के घंटे, अवकाश आदि तय ही नहीं है। पूर्व विधायक डॉ. नारायण सिंह जंतवाल ने मजदूर दिवस के बहाने हर वर्ग के लोगों को एक मंच पर लाकर चर्चा कराने के लिये आयोजकों की सराहना की। महेश चन्द्र तिवारी ने एक संयुक्त मोर्चा या समन्वय समिति बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि शहर में शाम को वन वे ट्रेफिक व्यवस्था के तहत रिक्शा बन्द करना न्याय संगत नहीं है। कर्मचारी नेता व वरिष्ठ रंगकर्मी मंजूर हुसैन, डॉ. बी.सी. शर्मा, बृजेश आदि ने जनगीतों के माध्यम से सभा में जोश भरा। सभा को वाहन चालक संघ के रमेश, शिक्षक नेता धनंजय पांडे, गिरीश चन्द्र जोशी, उमेश तिवारी विश्वास, कुलदीप पपनै आदि ने भी संबोधित किया। सभा के अध्यक्ष गिरीश चन्द्र उप्रेती ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए सचेत किया कि जिस तरह की व्यवस्था चल रही है, उससे भविष्य में संगठित क्षेत्र के श्रमिकों के भी असंगठित होने की आशंका है।
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