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Friday 16 March 2012

बाजार की उम्मीदों का चेहरा देने के बाद रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी को लेकर यूपीए की साख गंभीर संकट में



बाजार की उम्मीदों का चेहरा देने के बाद रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी को लेकर यूपीए की साख गंभीर संकट में

मंहगाई फिर बढ़ने लगी पर उम्मीद के मुताबिक रेल बजट से घरेलू बाजारों में मजबूती आई!बड़ी-बड़ी निवेश योजनाओं का ऐलान!

मुंबई से  एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास

रेल बजट को बाजार की उम्मीदों का चेहरा देने के बाद रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी को लेकर यूपीए की साख गंभीर संकट में है। क्योंकि नाराज ​​ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर रेल मंत्री को बर्खास्त करके मुकुल राय को नया रेल मंत्री बनाने के लिए कहा है। दरअसल बुधवार को पेश किए गए रेल बजट ने मनमोहन सरकार के सामने भारी संकट खड़ा कर दिया है। किराया बढा़ने से ममता काफी नाराज हैं। तृणमूल कांग्रेस ने दो टूक कह दिया है कि दिनेश त्रिवेदी या तो किराया बढ़ाने के अपने ऐलान को वापस लें या फिर रेल मंत्री पद से इस्तीफा दें। ममता ने दिनेश त्रिवेदी को गुरुवार को कोलकाता तलब किया है।वहीं दिनेश त्रिवेदी ने रेल किराए में बढो़तरी को जायज ठहराया है। त्रिवेदी ने साफ कर दिया है कि बिना किराए बढ़ाये रेल को चलाना मुमकिन नहीं है। साथ ही त्रिवेदी ने कहा कि अगर ममता बनर्जी उन्हें इशारा भी करती हैं तो वो इस्तीफा दे देंगे। त्रिवेदी ने दो टूक कहा कि रेल मंत्रालय राइटर्स बिल्डिंग से नहीं चलता। रेलवे को बचाने के लिए उन्हें जो ठीक लगा वो उन्होंने किया।इस पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रेल बजट की तारीफ की। रेल बजट पर मचे घमासान के बीच प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार स्थिर है और उनकी सरकार को संसद में आवश्यक बहुमत है।



मंहगाई फिर बढ़ने लगी पर उम्मीद के मुताबिक रेल बजट से घरेलू बाजारों में मजबूती आई!किराए को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उन्हीं के पार्टी के कोटे से रेल मंत्री बने दिनेश त्रिवेदी आमने-सामने आ गए हैं। देश की महंगाई दर फरवरी में बढ़कर 6.95 फीसदी दर्ज की गई। बुधवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस अवधि में खाद्य पदार्थो की कीमतों में वृद्धि दर्ज की गई। जनवरी में थोक कीमतों पर आधारित महंगाई दर 6.55 फीसदी थी। खाद्य महंगाई दर फरवरी माह में बढ़कर 6.07 फीसदी दर्ज की गई। इससे पहले के कुछ महीनों में खाद्य महंगाई दर शून्य के आसपास या नीचे चल रही थी। खाद्य महंगाई दर दिसम्बर माह में 0.79 फीसदी और जनवरी माह में -0.52 फीसदी थी।रेल बजट पेश होने के बाद बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। सेंसेक्स और निफ्टी करीब 0.5 फीसदी की तेजी के साथ बंद हुए। सेंसेक्स 106 अंक चढ़कर 17919 के स्तर पर और निफ्टी 34 अंक तेज होकर 5464 के स्तर पर बंद हुआ। अपना पहला रेल बजट पेश करते हुए रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने 75 नई ट्रेनें चलाने की घोषणा की। इसके अलावा आठ साल बाद रेल किरायों में बढ़ोतरी भी की गई।

रेल बजट के दौरान बाजार में उठा-पटक दिखी। घोषणाओं से कुछ रेल शेयरों में तेजी आई। वहीं, कई रेल कंपनियों को निराशा हाथ लगी।यूरोपीय बाजारों में मजबूती ने घरेलू बाजारों में जोश भरा। कारोबार के आखिरी घंटे में बाजार सीमित दायरे में नजर आए।विदेशी बाजारों में तेजी और उम्मीद के मुताबिक रेल बजट से घरेलू बाजारों में मजबूती आई। सेंसेक्स 106 अंक चढ़कर 17919 और निफ्टी 34 अंक चढ़कर 5464 पर बंद हुए।दिनेश त्रिवेदी के मुताबिक यात्री किरायों में बढ़ोतरी का फैसला देश, रेल और लोगों के हित को देखते हुए लिया गया है।

भारतीय उद्योग जगत ने वित्त वर्ष 2012-13 के रेल बजट को संतुलित करार देते हुए कहा है कि इसमें यात्रियों की सुरक्षा और बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण पर ध्यान दिया गया है।

उद्योग मंडल सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, 'यह रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी द्वारा पेश एक संतुलित रेल बजट है। पिछले कई बरसों से रेल किरायों में वृद्धि नहीं हुई थी, ऐसे में यह जरूरी था। वहीं एसोचैम ने कहा कि यह आम आदमी को खुश करने वाला रेल बजट है। मुद्रास्फीति की उंची दर को देखते हुए किराया दरों में वृद्धि काफी कम है। एसोचैम के अध्यक्ष आर एन धूत ने कहा, 'मंत्री ने मुख्य रूप से यात्रियों की सुरक्षा और आराम पर ध्यान दिया है।

रेल बजट के लेकर हुई थूक्का फजीहत से पहले शेयर बाजार का कोरोबार लगभग निपट चुका था, इसलिए शेयरों पर इसके असर का सही आकलन कर पाना संभव नहीं है। लेकिन सरकार की उद्योग जगत में इस राजनीतिक नौटंकी से क्या साख बनी होगी, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है। मजे की बात है कि रेल बजट से हफ्तेभर पहले मालभाड़े में बड़ोतरी का किसीने विरोध नहीं किया। दिवालिया रेलवे के पिछले दरवाजे से निजीकरण का प्रतिरोध तो सपने में भी असंभव है। मालभाड़ा को बजट से हमेशा के लिए मुक्त करने के लिए मालभाड़ा नियामक प्राधिकार के प्रस्ताव पर भी ळोकलुभावन राजनीति के मसीहा लोगों की नजर नहीं गयी। रेलवे परिचालन व्यय के अनियंत्रित होने या लंबित परियोजनाओं के लिए एक लाख करोड़ लाख करोड़ और अगले दस साल में रेलवे को १४ लाख करोड़ की जरुरत पर भी राजनीतियों में माथापच्ची होती नहीं दीख रही। मंहगाई में बढ़ोतरी और मालभाड़ा में वृद्धि के अतर्संबंध पर भी कोई बोल नहीं रहा। रेलवे बजट के बाद ममता ने नंदीग्राम में एक सभा के दौरान रेल बजट पर पहली प्रतिक्रिया दी। उन्होंने मंच से ऐलान किया कि वह लोअर क्लास का किराया किसी भी कीमत पर बढ़ने नहीं देंगी। उन्होंने कहा कि रेल किराए में बढ़ोतरी के बारे में उन्हें पहले से पता नहीं था। दूसरी तरफ त्रिवेदी किराए में बढ़ोतरी को लेकर अड़ गए हैं। इस बीच खबर है कि ममता ने त्रिवेदी को कोलकाता बुलाया है।प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रेल किराए में बढ़ोतरी के बाद तृणमूल के भारी विरोध के कारण रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी के इस्तीफे देने की खबरों पर विराम लगाते हुए कहा कि उन्हें इस्तीफा नहीं मिला है।पूर्व रेलमंत्री और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव इस रेल बजट की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि इस समय रेल किराया में बढ़ोतरी करना जनता का खून खिंचने के बराबर है। अपने कार्यकाल का हवाला देते हुए लालू ने कहा कि उनकी रेल बजट की प्रशंसा देश ही नहीं दुनिया में हुई थी। बकायदा उस पर किताब भी लिखी गई। तृणमूल कांग्रेस ने बुधवार को अपने ही वरिष्ठ नेता और रेलमंत्री दिनेश त्रिवेदी को चेतावनी दी कि अगर उन्होंने रेल यात्री भाड़े में प्रस्तावित वृद्धि को वापस नहीं ली तो उनकी मंत्री पद से छुट्टी की जा सकती है। लोकसभा में 19 सदस्यीय तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि भाड़े में प्रस्तावित बढ़ोतरी को वापस लेने के लिए पार्टी सांसदों का प्रतिनिधिमंडल कल प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात करेगा।

जानकारी के मुताबिक बजट 2013 के तहत वित्त मंत्री का कैपिटल मार्केट पर विशेष फोकस रहने वाला है।सूत्रों का कहना है कि बजट के तहत इक्विटी मार्केट को लेकर अच्छी घोषणाएं की जा सकती हैं। नए निवेशकों के लिए राजीव गांधी इक्विटी स्कीम को अमल में लाने का ऐलान हो सकता है।बजट से पहले वित्त मंत्री ने सिक्यूरिटीज ट्राजैक्शन टैक्स (एसटीटी) के मसले पर संबंधित विभागों से चर्चा की है। माना जा रहा है कि बजट में एसटीटी में बदलाव किया जा सकता है।डीटीसी में प्रस्तावित कई मुद्दों को बजट 2013 से अमल में लाया जा सकता है। वहीं आयकर छूट की सीमा को बढ़ाकर 2 लाख रुपये तक किया जा सकता है।प्रणव मुखर्जी की यह तैयारी रेल बजट में फजीहत के बाद क्या रंग लाती है, अब यह देखना बाकी है।

बहरहाल रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने रेल बजट में बड़ी-बड़ी निवेश योजनाओं का ऐलान किया है। 12वीं पंचवर्षीय योजना के तहत रेलवे की 7.35 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है। इससे बाजार को कुछ उम्मीद बंधी और भारतीय रेल सीधे पनिजीकरण की पटरियों पर चलती नजर आयी। किराया विवाद को लेकर राजनीतिक भूचाल और तृणमूल कांग्रेस में घमासान की वजह से इस ओर ज्यादा धान नहीं गया। क्या यह मैच फिक्सिंग तो नहीं है। आंकड़ों की बाजीगरी के लिए लालू और ममता मशहूर हो चुकी हैं। आंकड़ों की बाजीगरी दिखाने में दिनेश त्रिवेदी भी नहीं चूके। पर उद्योग जगत को वे इतना भरोसा जरूर दिला​ ​ सके कि रेलवे में लिजी निवेश में बारी इजाफा होने वाला है।रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने रेल बजट में बड़ी-बड़ी निवेश योजनाओं का ऐलान किया है। 12वीं पंचवर्षीय योजना के तहत रेलवे की 7.35 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है।नवीनीकरण पर रेलवे भारी खर्च करने की तैयारी में है। वित्त वर्ष 2013 में ट्रैक मॉर्डनाइजेशन पर 6647 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। वहीं, सिग्नलिंग सिस्टम पर 39,110 करोड़ रुपये का खर्च होगा।वित्त वर्ष 2013 में नई रेलवे लाइन बिछाने के लिए 6872 करोड़ रुपये का आवंटन किया हुआ है। रेलवे 800 किलोमीटर पटरी चौड़ी करने के लिए 1950 करोड़ रुपये खर्च करेगी।इसके अलावा 100 स्टेशनों को एयरपोर्ट जैसा बनाए जाने की योजना है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन में रेल डिजाइन सेंटर खोला जाएगा।

दूसरी तरफ देशभर के व्यापारियों के संगठन 'कैट' ने कहा है कि रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी द्वारा पेश 2012-13 का रेल बजट रेलवे के निजीकरण का दस्तावेज है। कैट' ने रेल बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि रेल बजट में सार्वजनिक निजी भागीदारी :पीपीपी: के तहत भारतीय रेल को बहुराष्ट्रीय कंपनियों और बड़े औद्योगिक घरानों के हाथों सौंपने की तैयारी है।  
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भारतीय ने कहा कि रेल बजट रेल मंत्री द्वारा तैयार  बजट नहीं है, बल्कि इसे योजना आयोग ने 12वीं पंचवर्षीय योजना से पहले स्वयं तैयार किया है।  
कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने एक बयान में कहा कि रेल किराया दरों में 10 से 15 फीसद की वृद्धि आम आदमी की कमर तोड़ने वाली है। उन्होंने कहा कि रेलवे बोर्ड के एक सदस्य को पीपीपी माडल के तहत मार्केटिंग के काम पर लगाने का प्रस्ताव यह दिखाता है कि सरकार रेलवे को वैश्विक कंपनियों और बड़े कारपोरेट घरानों को सौंपना चाहती है।
खंडेलवाल ने कहा कि रेलवे स्टेशनों का हवाई अड्डों की तर्ज पर विकास का प्रस्ताव बहुराष्ट्रीय कंपनियों के दबदबे को दर्शाता है। कैट ने कहा कि अरबों डालर का रेलवे का कैटरिंग कारोबार वैश्विक कंपनियों के हाथों में चला जायेगा। रेल मंत्री पहले ही इसके लिए वैश्विक निविदा निकालने की बात कह चुके हैं।

रेल बजट में रेल मंत्री ने सिंग्नल सिस्टम को आधुनिक बनाने के लिए 39,100 करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा की है, ऐसे में सिग्नल सिस्टम बनाने के कारोबार से जुड़ी कंपनी कर्नेक्स माइक्रो को फायदा होगा। कंपनी को इस साल रेलवे की ओर बड़े ऑर्डर मिल सकते हैं।

रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने इस बजट में रेलवे ट्रैकों के आधुनिकरण के लिए 6,467 करोड़ रुपये खर्च करने का ऐलान किया है। जिससे जेएसपीएल को अच्छा फायदा पहुंचेगा।

इस बजट में रेलवे ने लॉजिस्टिक्स में सुधार लाने के लिए लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन का गठन करने की बात कही है, जो गेटवे डिस्ट्रीपार्क और कंटेनर कॉन्कोर जैसी कंपनियों के लिए अच्छी खबर है।

बजट में रोलिंग स्टॉक्स में 18,193 करोड़ रुपये निवेश का ऐलान भी किया गया है, जिससे कि स्टोन इंडिया और सिंप्लेक्स कास्टिंग जैसी कंपनियों को राहत मिल मिलेगी।

रेल मंत्री के मुताबिक रेल बजट 2012-13 में रेल सुरक्षा पर सबसे ज्यादा जोर होगा। रेल बजट से पूर्व में आई सैम पित्रोदा कमेटी की रिपोर्ट में रेल सुरक्षा को लेकर कई चिंताएं जताई गई हैं। रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि यदि रेलवे ने सुरक्षा नियमों में अनदेखी की तो भारतीय रेल और अधिक घाटे में चली जाएगी जिसका खामियाजा सरकार को भुगतना होगा।

सैम कमेटी की रिपोर्ट में न सिर्फ रेल की सुरक्षा को बढ़ाने पर जोर दिया गया है वहीं रिपोर्ट में रेलवे के आधुनिकीकरण को भी तेज करने पर जोर दिया गया है। रिपोर्ट में करीब बीस हजार किलोमीटर रेलवे लाईन के साथ-साथ कई रेलवे क्रासिंग को भी अपग्रेड करने पर जोर दिया गया है। रिपोर्ट में रेल में बढ़ रहे आपराधिक मामलों को रोकने के लिए रेलवे पुलिस फोर्स के आधुनिकीकरण की जोरदार वकालत की गई है।

फिलहाल रेलवे के सुरक्षा मानकों को लेकर कई खामियां हैं। रेलवे में दुर्घटनाओं का आंकड़ा शून्य पर पहुंचनाने का लक्ष्य है। स्वतंत्र रूप से रेलवे सुरक्षा अथॉरिटी स्थापिन करने का प्रस्ताव है। रेलवे का आरएंडी सेंटर बनाया जाएगा। रेल सुरक्षा अथॉरिटी के लिए अनिल काकोडकर की अध्यक्षता में कमिटी बनेगी। बजट से ठीक पहले रेलवे ने 90 दिन पहले रिजर्वेशन की समय सीमा को बढ़ा कर 120 दिन कर दिया।कमाई में पीछे रह गई रेलवे ने बजट से ठीक पहले भरपाई की कोशिश शुरू कर दी।इतना ही नहीं फरवरी में एक सर्कुलर जारी कर रेलवे ने ट्रेनों की वेटिंग संख्या करीब 3 गुना बढ़ा दी। मसलन एसी फर्स्ट क्लास की वेटिंग 30 से बढ़ाकर 100, सेकेंड एसी की वेटिंग 100 से बढ़ाकर 400, थर्ड एसी की वेटिंग 300 से बढ़ाकर 600 और स्लीपर क्लास की वेटिंग 400 से बढ़ाकर 1,300 कर दी गई है। फिलहाल ये बढ़ोतरी 31 मार्च तक की गई है। यानी ज्यादा से ज्यादा यात्री टिकट बुक करवा सकें जिससे रेलवे को कुछ एडवांस पैसा मिल सके। जानकारों का कहना है कि बजट सहायता नहीं मिलने की वजह से ये कदम उठाया गया है।अगर हिसाब लगाया जाए तो 3 गुना एडवांस वेटिंग टिकट बेचने से रेलवे को केवल 1 महीने में 900 करोड़ रुपये की आय हो सकती है। इसी तरह 1 महीने एडवांस रिजर्वेशन से भी रेलवे को करीब 1,500 करोड़ रुपये मिल सकते हैं।

दिनेश त्रिवेदी ने बताया कि 12वीं पंचवर्षीय योजना के तहत रेलवे पर 7.35 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है। रेलवे की अधूरी योजनाओं को पूरा करने के लिए पूंजी उपलब्ध कराई जाएगी। रेलवे को सरकार के कुल इंफ्रा खर्च का 10 फीसदी हिस्सा मिलना चाहिए। अगले 5 सालों में सभी लेवल क्रॉसिंग खत्म की जाएंगी और एसपीवी बनाई जाएगी। प्रधानमंत्री रेल विकास स्कीम के तहत 5 लाख करोड़ रुपये की जरूरत है। रेलवे की सुरक्षा के लिए 16,842 करोड़ रुपये का फंड बनाएंगे। वहीं अगले 10 सालों के लिए रेलवे को 14 लाख करोड़ रुपये की जरूरत है।

दिनेश त्रिवेदी का मानना है कि फंड की कमी के चलते प्रोजेक्ट समय पर पूरे नहीं हो पाते। रेल मंत्री के मुताबिक 2016-14 तक रेलवे के ऑपरेटिंग रेश्यो में 74 फीसदी की कटौती होने की उम्मीद है। फिलहाल ऑपरेटिंग रेश्यो 95 फीसदी है। रेलवे के पास 1.99 लाख करोड़ रुपये के आंतरिक संशोधन मौजूद हैं। रेलवे बजट का फोकस क्षमता बढ़ाने पर भी होगा। भारतीय रेलवे के लिए राष्ट्रीय नीति बनाए जाने की जरूरत है।

दिनेश त्रिवेदी का कहना है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रेलवे के लिए नीतियां बनाई जाए। सरकार को रेलवे के लिए बजट आवंटन बढ़ाए जाने पर विचार करना चाहिए।

2011-12 के लिए रेलवे का 60100 करोड़ रुपये के खर्च करने की योजना है। पिछले साल 57630 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।

5 साल में 19,000 किलोमीटर ट्रैक का आधुनिकीकरण करने की योजना है। जीडीपी में रेलवे  का हिस्सा 1 फीसदी से बढ़ाकर 2-2.5 फीसदी करने का लक्ष्य है। वित्त वर्ष 2013 में आधुनिकीकरण पर 6,647 करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा। जीडीपी ग्रोथ को बरकरार रखने के लिए रेलवे की ग्रोथ 10 फीसदी की दर पर रहेगी। वित्त वर्ष 2013 में बाजार से 50,000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया जाएगा। सिग्नलिंग सिस्टम का आधुनिकीकरण किया जाएगा। सिग्नलिंग सिस्टम के आधुनिकीरण पर 39,110 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।

रेल मंत्री के मुताबिक मेट्रो शहरों के बीच ज्यादा स्पीड वाली ट्रेनें चलाने की योजना है। नवी मुंबई में कोचिंग कॉम्प्लेक्स और टर्मिनल शुरू किया जाएगा।

वित्त वर्ष 2013 की तीसरी तिमाही में क्षमता विस्तारण पर 4410 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। 45000 करोड़ रुपये की जरूरत के मुकाबले पिछले बजट में रेलवे के लिए 25000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था। लॉजिस्टिक सपोर्ट बढ़ाने के लिए लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन बनाया जाएगा।

एयरपोर्ट्स की तर्ज पर स्टेशन के निर्माण और रख-रखाव के लिए अलग अथॉरिटी बनाई जाएगी। इस साल पुणे तक सेंट्रल रेलवे को डीसी को एसी में बदले जाने का काम पूरा किया जाएगा। मुंबई में रेल के वाणिज्यिक प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा। केरल में रेल कोच फैक्टरी शुरू करने की योजना है। रेल पटरियों के दोहरीकरण के लिए वित्त वर्ष 2013 में 3,393 करोड़ दिए जाएंगे। वित्त वर्ष 2013 में रेलवे के विद्युतीकरण के लिए 828 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। छत्तीसगढ़ में रेल फ्रेट कॉरिडोर के लिए एमओयू साइन किया जाएगा। वित्त वर्ष 2013 में 1,100 किमी दूरी पर विद्युतीकरण किया जाएगा। 12वीं पंचवर्षीय योजना में 6,500 किमी की दूरी पर विद्युतीकरण किया जाएगा। वित्त वर्ष 2012 में 750 किमी दूरी के पटरी का दोहरीकरण पूरा कर लिया जाएगा।

वित्त वर्ष 2013 में 6,870 किमी दूरी की नई लाइन प्रोजेक्ट पर काम शुरू होगा। वित्त वर्ष 2013 में 113 नई लाइनों का सर्वे किया जाएगा।
 


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