सर्वस्वहारा तबके के वर्गहितों के मुताबिक कोई राजकरण का कहीं कोई वजूद ही
नहीं है।जाहिर है कि अंबेडकरी झंडेवरदार अपने वर्गहितों के खिलाफ स्थाई
बंदोबस्त के तहत जमीदारों के कारिंदे और लठैत ही बन सकते हैं,नेता नहीं।
पलाश विश्वास
सच लेकिन यही है।
सर्वस्वहारा तबके के वर्गहितों के मुताबिक कोई राजकरण का कहीं कोई वजूद ही
नहीं है।जाहिर है कि अंबेडकरी झंडेवरदार अ
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