Pages

Free counters!
FollowLike Share It

Wednesday 5 March 2014

हमारे शिक्षक ह��ारे मित्र,दिग्���र्शक और अभिभावक हुआ करते थ

हमारे शिक्षक हमारे मित्र,दिग्दर्शक और अभिभावक हुआ करते थेपलाश विश्वास मेरी स‌मस्या यह है कि मैं वक्त निकालकर अपने शिक्षकों पर विस्तार स‌े लिख नहीं स‌कता।हमारे स‌हपाठी स‌हपाठिनों ने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में जो अपनी विशिष्ट पहचान बनायी है,उसमें उनकी बड़ी भारी भूमिका है।सत्तर के दशक में तो नैनीताल डीएसबी कालेज में अद्भुत माहौल था,जो स‌ीधे हमारे श

No comments:

Post a Comment