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Wednesday 12 June 2013

निर्विरोध जीत गये अराबुल इस्लाम!माकपा ने मैदान छोड़ा।



निर्विरोध जीत गये अराबुल इस्लाम!माकपा ने मैदान छोड़ा।

एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​

पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के नाम पर जो चल रहा है, उससे सत्तादल के रिकार्ड करीब तीन हजार उम्मीदवारों के निर्विरोध निर्वाचित होने के अलावा विपक्षी दलों की सांगठनिक विकलांगता का भी भंडापोड़ हुआ है। वाम मोरचा के प्रबल पराक्रमी नेता रेज्जाक अली मोल्ला के गृहक्षेत्र कैनिंग दो पंचायत समिति को तृणमूल कांग्रेस ने लगभग बिना प्रतिद्वंद्विता जीत ली तो भांगड़ दो नंबर पंचायत समिति पर भी तृणमूल का दखल हो गया। जहां विवादास्पद तृणमूल नेता,भांगड के पूर्व विधायक अराबुल इस्लाम न सिर्फ निर्विरोध जीते बल्कि वहां उनके मुकाबले माकपाई उम्मीदवार मैदान छोड़कर भाग खड़े हुए।अराबुल के मुकाबले माकाप समेत दो उम्मीदवार थे। लेकिन आखिरी मौके पर दोनों प्रत्याशियों ने अपना पर्चा वापस ले लिया।.यही नहीं, इस पंचायत समिति की तीस में से इक्कीस सीटोंपर बिना प्रतिद्वंद्विता के तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार निर्विरोध जीत गये।जाहिर है कि भांगड़ में अराबुल का करिश्मा अभी कायम है।

सत्तारुढ तृणमूल कांग्रेस के बाहुबली नेता अराबुल इस्लाम को भांगड इलाके के बामुनघाटा में आगजनी के एक मामले में 43 दिन की हिरासत के बाद जमानत पर छोड दिया गया। भांगड के पूर्व विधायक पर माकपा समर्थकों के वाहन जलाने में शामिल रहने का आरोप है।  अराबुल पर विपक्षी माकपा के विधायक रज्जाक मुल्ला पर भी हमले का आरोप है।  इस मामले में उन्हें पहले ही जमानत दी जा चुकी है।

अलीपुर केंद्रीय जेल में बंद रहे अराबुल को  अलीपुर अदालत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने जमानत प्रदान की।  मामले में अराबुल को पांचवीं बार प्रयास के बाद जमानत मिली है।  इससे पहले उन्हें चार बार जमानत से इनकार किया जा चुका था।  हालांकि उन्हें लैदर कांप्लैक्स थाना क्षेत्र में नहीं आने की हिदायत दी गयी है, जहां आगजनी की घटना घटी थी।

गौरतलब है कि छह जनवरी को दक्षिण 24 परगना जिले के भांगड़ क्षेत्र के कांटातल्ला इलाके में माकपा विधायक मोल्ला पर हमला हुआ था, जिसमें वह जख्मी हो गए थे। इसके दो दिन बाद आठ जनवरी को घटना के खिलाफ जब वाममोर्चा के जुलूस में शामिल होने के लिए माकपा समर्थक बसों, मेटाडोर में सवार होकर कोलकाता आ रहे थे, बामनघाटा में उन पर फिर हमला हुआ। इस हमले में गोली से तीन लोग जख्मी हुए। एक दर्जन से अधिक वाहनों में आग लगा दी गई। करीब 30 गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई। अराबुल की गाड़ी में भी तोड़फोड़ हुई। माकपा ने अराबुल पर आरोप लगाया कि उसी के नेतृत्व में बम व गोली से तृणमूल समर्थकों ने उनपर हमला किया है। उधर अराबुल भी अपने को जख्मी बताते हुए अस्पताल में भर्ती हो गया। माकपा समर्थकों ने अराबुल समेत 17 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। अराबुल ने भी सत्तार मोल्ला समेत चार सौ माकपा समर्थकों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई। पुलिस ने दोनों दलों के करीब 90 समर्थकों को गिरफ्तार किया, परंतु अराबुल की गिरफ्तारी नहीं हुई। इसे लेकर तृणमूल सरकार की काफी किरकिरी हो रही थी और अस्पताल से छुंट्टी मिलने के बाद आखिरकार पुलिस ने गुरुवार को अराबुल को गिरफ्तार कर लिया।





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