जिस्म क्या है रूह तक सब कुछ ख़ुलासा देखिये / अदम गोंडवी जिस्म क्या है रूह तक सब कुछ ख़ुलासा देखिये
आप भी इस भीड़ में घुस कर तमाशा देखिये
जो बदल सकती है इस पुलिया के मौसम का मिजाज़
उस युवा पीढ़ी के चेहरे की हताशा देखिये
जल रहा है देश यह बहला रही है क़ौम को
किस तरह अश्लील है कविता की भाषा देखिये
मतस्यगंधा फिर कोई होगी किसी ऋषि का शिकार
दूर तक फैला हुआ गहरा कुहासा देखिये.
आप भी इस भीड़ में घुस कर तमाशा देखिये
जो बदल सकती है इस पुलिया के मौसम का मिजाज़
उस युवा पीढ़ी के चेहरे की हताशा देखिये
जल रहा है देश यह बहला रही है क़ौम को
किस तरह अश्लील है कविता की भाषा देखिये
मतस्यगंधा फिर कोई होगी किसी ऋषि का शिकार
दूर तक फैला हुआ गहरा कुहासा देखिये.
आदिवासी शायर अदम गोंडवी का निधन
Sunday, 18 December 2011 at 09:31 PM
By | Source Agency
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लखनऊ . आदिवासी शायर अदम गोंडवी का रविवार सुबह लखनऊ के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 64 साल के थे।अस्पताल सूत्रों के अनुसार अदम गोंडवी उदर रोग से पीडि़त थे और गत 12 दिसम्बर को उन्हें यहां भर्ती कराया गया था। 22 अक्टूबर 1947 को जन्मे गोंडवी का असली नाम रामनाथ सिंह था। उनके दो कविता संग्रह धरती की सतह पर और समय से मुठभेड़ बेहद चर्चित हुए।
अदम गोंडवी
रामनाथ सिंह | ||||
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उपनाम | अदम गोंडवी | |||
जन्म स्थान | आटा ग्राम, परसपुर, गोंडा, उत्तर प्रदेश | |||
कुछ प्रमुख कृतियाँ | धरती की सतह पर, समय से मुठभेड़ | |||
विविध | ||||
जीवनी | अदम गोंडवी / परिचय | |||
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कविता संग्रह
प्रतिनिधि रचनाएँ
- आँख पर पट्टी रहे और अक़्ल पर ताला रहे / अदम गोंडवी
- आप कहते हैं सरापा गुलमुहर है ज़िन्दगी / अदम गोंडवी
- काजू भुनी प्लेट में ह्विस्की गिलास में / अदम गोंडवी
- किसको उम्मीद थी जब रौशनी जवां होगी / अदम गोंडवी
- ग़ज़ल को ले चलो अब गाँव के दिलकश नज़ारों में / अदम गोंडवी
- ग़र चंद तवारीखी तहरीर बदल दोगे / अदम गोंडवी
- घर में ठण्डे चूल्हे पर अगर खाली पतीली है / अदम गोंडवी
- चाँद है ज़ेरे क़दम, सूरज खिलौना हो गया / अदम गोंडवी
- जिसके सम्मोहन में पागल धरती है आकाश भी है / अदम गोंडवी
- जिस्म क्या है रूह तक सब कुछ ख़ुलासा देखिये / अदम गोंडवी
- जुल्फ अँगड़ाई तबस्सुम चाँद आइना गुलाब / अदम गोंडवी
- जो उलझ कर रह गई है / अदम गौंडवी
- जो उलझ कर रह गयी है फाइलों के जाल में / अदम गोंडवी
- जो डलहौज़ी न कर पाया वो ये हुक़्क़ाम कर देंगे / अदम गोंडवी
- तुम्हारी फाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है / अदम गोंडवी
- न महलों की बुलन्दी से , न लफ़्ज़ों के नगीने से / अदम गोंडवी
- बज़ाहिर प्यार की दुनिया में जो नाकाम होता है / अदम गोंडवी
- बताओ कैसे लिख दूं धूप फागुन की नशीली है / अदम गोंडवी
- बेचता यूँ ही नहीं है आदमी ईमान को / अदम गोंडवी
- भुखमरी की ज़द में है या दार के साये में है / अदम गोंडवी
- भूख के एहसास को शेरो-सुख़न तक ले चलो / अदम गोंडवी
- मुक्तिकामी चेतना अभ्यर्थना इतिहास की / अदम गोंडवी
- मैं चमारों की गली तक ले चलूँगा आपको / अदम गोंडवी
- विगट बाढ़ की करुण कहानी / अदम गोंडवी
- वेद में जिनका हवाला हाशिये पर भी नहीं / अदम गोंडवी
- वो जिसके हाथ में छाले हैं पैरों में बिवाई है / अदम गोंडवी
- हममें कोई हूण, कोई शक, कोई मंगोल है / अदम गोंडवी
- हिन्दू या मुस्लिम के अहसासात को मत छेड़िये / अदम गोंडवी
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