[image: धसाल- हिंदू राष्ट्रवाद में समाहित हो गये, तो उनसे संवाद की
प्रयोजनीयता महसूस ही नहीं हुयी]
धसाल- हिंदू राष्ट्रवाद में समाहित हो गये, तो उनसे संवाद की प्रयोजनीयता
महसूस ही नहीं हुयी
[image: HASTAKSHEP]
*दलित पैंथर,कवि पद्म श्री नामदेव धसाल नहीं रहे*
पलाश विश्वास
पिछले ही साल दिवंगत साहित्यकार ओम प्रकाश बाल्मीकि से हमारी वामपक्षीय
रोजनामचे के वर्गसंघर्षी व
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