'जनता के दोस्त थे तरुण शेहरावत'
तरुण ने यहां पर अपने कैमरे से जो तस्वीरें खींची थीं, उससे यह स्पष्ट हो जाता है कि उनके दिल में उत्पीड़ित व शोषित जनता के लिए खास जगह है.
तरुण की मौत पर माओवादी पार्टी का बयान

यह सुनकर कि यहां से वापस जाने के बाद ये दोनों नौजवान पत्रकार बीमार पड़े थे और आखिरकार तरुण की दुखद मृत्यु हो चुकी है, हमारा संगठन और यहां की समूची जनता, खासकर माड़ इलाके की जनता बेहद दुखी हैं. हो सकता है तुषा और तरुण हमारी पार्टी की विचारधारा और कार्य-पद्धति से सहमत नहीं हों, लेकिन इन दोनों ने जनता पर जारी सरकार के अन्यायपूर्ण युद्ध के सम्बन्ध में जमीनी स्तर से सचाइयों को जुटाने के लिए जिस ढंग से कठोर परिश्रम, साहस और प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया, वह प्रशंसनीय व प्रेरणास्पद है. हम इस दुखद अनुभव को एक कड़वे सबक के तौर पर लेते हैं और आने वाले दिनों में हमारे क्षेत्रों में दौरे पर आने वाले तमाम लोगों की ठीक से देखभाल करने और उन्हें आवश्यक सावधानियों से अवगत करवाने की हम पूरी कोशिश करेंगे. हमारी स्पेशल जोनल कमेटी दण्डकारण्य की समूची शोषित जनता की ओर से तरुण शेहरावत के शोक संतप्त परिवार, दोस्तों और समूचे 'तहलका' परिवार के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करती है. हम आशा करते हैं कि तुषा मित्तल की तबियत जल्द ठीक हो जाए.
(गुड्सा उसेण्डी)
प्रवक्ता,
दण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी)
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